Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/164/2015

HARI PRASAD UPADHYAY - Complainant(s)

Versus

M/S JAISAWAL ELEC. - Opp.Party(s)

DEVDUTT SINGH

06 Aug 2019

ORDER

 

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष फोरम- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 164 सन् 2015

प्रस्तुति दिनांक 09.09.2015

                                                                                             निर्णय दिनांक 06.08.2019   

हरिप्रसाद उपाध्याय पुत्र स्वo श्रीधर उपाध्याय साकिन- मड़या जयराम (राहुल नगर), पोस्ट व तहसील- सदर, जनपद- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. मेसर्स जायसवाल इलेक्ट्रॉनिक्स डी.सी.एफ. बिल्डिंग कलेक्ट्री आजमगढ़ बजरिये प्रोपराइटर जायसवाल इलेक्ट्रानिक, आजमगढ़।
  2. सू-केम पॉवर सिस्टम लिo रजिस्टर्ड कार्यालय 306 कीर्तीदीप बिलडिंग नागलराय नयी दिल्ली 110046 जरिये चेयरमैन/डायरेक्टर/एम.डी. सू केम पॉवर सिस्टम लिमिटेड।
  3. जे.एस (jay ace) टेक्नॉलिजिकल लिमिटेड जी.आई. 48 जी.टी. कमल रोड नई दिल्ली 110033 जे.पी.एम. ग्रुप एडिलिनों जरिये चेयरमैन/डायरेक्टर/एम.डी.।

......................................................................................विपक्षीगण।

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा राम चन्द्र यादव “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि विपक्षी संख्या 01 ने सू-केम का इनवर्टर तथा जे.पी.एम. एडिलिनो बैटरी को उच्च गुणवत्ता व बेहतरीन क्वालिटी का बताते हुए प्रेरित किया तथा उन पर बेहतरीन गारण्टी व वारण्टी तथा बिक्री पश्चात् बेहतरीन सेवाओं के बारे में आश्वस्त किया। इस प्रकार परिवादी सहमत हो गया। परिवादी ने 17,000/- रुपये मैं विपक्षी से दिनांक 03.04.2014 को इनवर्टर व बैटरी खरीदी। इनवर्टर मॉडल 850 वी.ए. शार्क व बैटरी जे.पी.एम. एडेलिनो नं. ए.टी.टी. 180-6130042 है। याची के मांगने के बावजूद उसे रसीद नहीं दी गयी। इनवर्टर खरीदने के चार माह बाद ही वह खराब हो गया और विपक्षी संख्या 01 के पास पहुंचा तो उसने उसके स्थान पर एक पुराना इनवर्टर दे दिया। नया इनवर्टर कम्पनी से दिया जाएगा तो आपको मिलेगा तब तक इसी से काम चलाईए। वह बैटरी भी पांच-छः माह बाद खराब हो गयी। अनुरोध के बावजूद विपक्षी संख्या 02 व 03 द्वारा अपने उत्पादों को विश्व के बेहतरीन क्वालिटी व उच्च गुणवत्ता के प्रोडक्ट के रूप में प्रचारित किया जाता है। इनवर्टर सही ढंग से काम न करने पर याची को काफी नुकसान हुआ। याची पुनः विपक्षी संख्या 01 के यहां गया और बैटरी बदलने के लिए कहा किन्तु उसने इन्कार कर दिया। अतः याची को विपक्षीगण                                                           P.T.O.

 

 

2

से इनवर्टर व बैटरी हेतु लिया गया 17,000/- रुपया मय 15% वार्षिक ब्याज की दर से वापस दिलवाया जाए और 20,000/- रुपया आर्थिक व मानसिक कष्ट के लिए दिलवाया जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में कागज संख्या 5/1 फील्ड सर्विस रिपोर्ट, 5/2 जायसवाल इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा हाथ से लिखा गया बिल, कागज संख्या 5/3 कानूनी नोटिस तथा रसीद रजिस्ट्री प्रस्तुत की गयी है।

विपक्षी संख्या 01 ने जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा गया है कि याची द्वारा विपक्षी संख्या 01 को पैसे का भुगतान आज तक नहीं किया गया है। इसी भुगतान से बचने के लिए याची द्वारा दावा प्रस्तुत किया गया है। सामान में आने वाली किसी भी खराबी के लिए विपक्षी संख्या 01 तुरन्त कम्पनी को सूचना देता है। परिवादी 03.04.2014 को विपक्षी संख्या 01 से इनवर्टर व बैटरी खरीदने की इच्छा जताया। अपनी आर्थिक मजबूरी बताते हुए 17,000/- रुपये एक माह बाद देने के आश्वासन पर इनवर्टर व बैटरी ले गया। जुलाई 2015 में आकर उसने शिकायत शिकायत किया कि उसका इनवर्टर सही ढंग से काम नहीं कर रहा है। शिकायत पर विपक्षी संख्या 01 ने इन्जीनियर भेजकर जाँच करवाई तो बैटरी में कुछ कमी की रिपोर्ट दिए गए, जिस पर परिवादी से बैटरी वापस लेकर दूसरी बैटरी दे दिया। प्रतिवादी द्वारा विक्रय की गयी सामानों के मूल्य की मांग करता रहा, लेकिन उसे अदा नहीं किया। अतः प्रतिवादी को क्षतिपूर्ति दिलवाया जाए।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा प्रतिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

11क विपक्षी संख्या 02 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है। जिसमिं यह कहा गया है कि उसने किसी भी प्रकार के शर्तों का उल्लंघन नहीं किया है। परिवाद कन्ज्यूमर की परिभाषा में नहीं आता है। परिवाद संधार्य नहीं है। हमें जब विक्रेता सूचना देता तो हम कोई कार्यवाही नहीं करते हैं। हमारा कोई उत्तरदायित्व नहीं है। इसके अलावां परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और कहा गया है कि परिवाद खारिज किया जाए।

सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया। परिवादी द्वारा इनवर्टर व बैटरी खराब करने व वारण्टी का कोई प्रलेख प्रस्तुत नहीं किया गया है। परिवादी के शिकायत पर विपक्षी संख्या 01 ने इन्जीनियर भेजा था, जिसकी रिपोर्ट परिवादी ने खुद दाखिल किया है। इसके अलावा कोई कागजात परिवादी द्वारा दाखिल नहीं किया गया है। ऐसा लगता है कि परिवादी द्वारा विपक्षीगण को केवल हैरान व परेशान करने के उद्देश्य से यह परिवाद प्रस्तुत किया गया है। अतः परिवाद अस्वीकार होने योग्य है।

                                                    P.T.O.

 

 

3

 

आदेश

परिवाद अस्वीकार किया जाता है तथा परिवादी को आदेशित किया जाता है कि वह विपक्षी संख्या 01 को 5,000/- रुपया (पांच हजार रुपया) क्षतिपूर्ति के रूप में अन्दर 30 दिन अदा करें।   

                                                        

 

 

 

 

                                                राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                      (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

 

             दिनांक 06.08.2019

                                       यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                                राम चन्द्र यादव                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                                      (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

 

 

 

 

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