राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2003/2015
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 450/2015 में पारित आदेश दिनांक 27.08.2015 के विरूद्ध)
SHRI MAHINDER SINGH SAYAN
S/o Late S. Sarwan Singh,
R/o 123/171, Gadarianpurwa,
Kanpur Nagar ....................अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
1. M/S JAINA PROPERTIES AND FINANCE LTD.
Local Office: Jaina Place Ratn Lal Nagar, Kanpur
Head Office: 52-A, Cannaught Place,
New Delhi-110001
Through its Director
2. M/S RAJENDRA’S JINA GROUP OF COMPANY
Local Office: Jaina Place Ratn Lal Nagar, Kanpur
Head Office: 52-A, Cannaught Place,
New Delhi-110001
Through its Director Rajendra Jaina
3. SHRI DILAWAR SINGH
Local Manager M/S Jaina Properties and Finance Ltd.
Rajendra’s Jaina Group of Company
R/o Jaina Place Ratan Lal Nagar, Kanpur Nagar
................प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री राज कमल गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री आलोक सिन्हा,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 03.11.2015
-2-
माननीय न्यायमूर्ति श्री वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी द्वारा यह अपील जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर द्वारा परिवाद संख्या 450/2015 में पारित आदेश दिनांक 27.08.2015 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी है। विवादित आदेश निम्नवत् है:-
“परिवादी का प्रस्तुत परिवाद पंजीकरण की स्थिति पर कालबाधित होने के खारिज किया जाता है।
पत्रावली नियमानुसार दाखिल दफ्तर की जाये।”
हमने श्री आलोक सिन्हा विद्वान अधिवक्ता अपीलार्थी को सुना है और अभिलेख का अवलोकन किया है। चूँकि वर्ष 1988-94 तक कुछ धनराशि विभिन्न तिथियों में जमा की हुई होना विद्वान जिला मंच ने पाया है, इसलिए जब तक उक्त धनराशि के परिप्रेक्ष्य में आवंटन पत्र निर्गत न कर दिया जाए अथवा उक्त धनराशि परिवादी/आवंटी को वापस न कर दी जाए, तब तक परिवादी के क्लेम को समय-सीमा अवधि से बाधित नहीं माना जा सकता है और इस सम्बन्ध में जिला फोरम की अवधारणा अविधिक एवं तथ्यों के विपरीत है। अत: हम प्रश्नगत आदेश त्रुटिपूर्ण पाते हुए इस अपील को तदनुसार स्वीकार किया जाना उपयुक्त पाते हैं और जिला फोरम को इस प्रकरण को प्रतिप्रेषित करते हुए निर्देश देते हैं कि वह उभय पक्ष को पर्याप्त अवसर देते हुए अपील को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें।
आदेश
अपील उपरोक्त स्वीकार करते हुए प्रश्नगत आदेश
-3-
दिनांकित 27.08.2015 अपास्त किया जाता है और यह मामला जिला उपभोक्ता फोरम, कानपुर नगर को प्रतिप्रेषित करते हुए निर्देश दिया जाता है कि जिला मंच उभय पक्ष को समुचित अवसर देते हुए परिवाद को गुणदोष के आधार पर निस्तारित किया जाना सुनिश्चित करें। परिवादी को यह निर्देश दिया जाता है कि वह जिला मंच के समक्ष दिनांक 04.12.2015 को उपस्थित होकर प्रश्नगत परिवाद में कार्यवाही कराया जाना सुनिश्चित करें।
(न्यायमूर्ति वीरेन्द्र सिंह) (राज कमल गुप्ता)
अध्यक्ष सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं०-1