Uttar Pradesh

StateCommission

A/185/2021

Universal Sompo General Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

M/S Jai Kisaan Cold Storage and General Mills - Opp.Party(s)

Sumayya Kidwai

31 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/185/2021
( Date of Filing : 15 Mar 2021 )
(Arisen out of Order Dated 22/01/2021 in Case No. Complaint Case No. CC/18/2019 of District Shambhal)
 
1. Universal Sompo General Insurance Co. Ltd
Head office Plot No. EL-94, TTC Industrial Area MIDC, Mahape Navi Mumbai Maharashtra
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S Jai Kisaan Cold Storage and General Mills
M/S Jai Kisaan Cold Storage and General Mills through the Partner Sri Sandeep Kumar R/o Village Muzaffarpur Bahjoi Road District Sambhal
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 31 Mar 2023
Final Order / Judgement

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

 

अपील संख्‍या :185/2021

 

यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लिमिटेड

  •  

मैसर्स जय किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड जनरल मिल्‍सद्वारा पार्टनर श्री संदीप कुमार

दिनांक : 31-03-2023

 

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष  द्वारा उदघोषित निर्णय

     परिवाद संख्‍या-18/2019 मैसर्स जय किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड जनरल मिल्‍स बनाम यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इं0कं0लि0 में जिला उपभोक्‍ता आयोग, सम्‍भल द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनां‍क 22-01-2021  के विरूद्ध  यह अपील उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत इस न्‍यायालय के सम्‍मुख प्रस्‍तुत की गयी है।

     विद्धान जिला आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया है :-

     ‘’परिवाद स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी यूनिवर्सल सोम्‍पो जनरल इं0कं0लि0 को आदेशित किया जाता है कि वह परिवादी मेसर्स जय किसान कोल्‍ड स्‍टोरेज एण्‍ड जनरल मिल्‍स को मु0 4,62,269/-रू0 क्षतिपूर्ति की धनराशि उस पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक अदायगी की तिथि तक देय 09 प्रतिशत ब्‍याज सहित अदा करे। इसके अलावा विपक्षी परिवादी को मु0 5,000/-रू0 वाद व्‍यय  के रूप में अदा करेगी। क्षतिपूर्ति की सम्‍पूर्ण धनराशि अन्‍दर  दो माह अदा की जावे।‘’

 

2-

     विद्धान जिला आयोग के निर्णय एवं आदेश से क्षुब्‍ध होकर परिवाद के विपक्षी की ओर से यह अपील प्रस्‍तुत की गयी है।

          अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने इलाहाबाद बैंक की देहरादून शाखा से ऋण स्‍वीकृत कराकर किसानों की सुविधा हेतु कोल्‍ड स्‍टोरेज का निर्माण कराया। परिवादी के कोल्‍ड स्‍टोरेज को कभी कोई क्षति न हो और कोल्‍ड स्‍टोरेज की सुरक्षा हेतु परिवादी ने विपक्षी से एक स्‍टैण्‍डर्ड    फायर एण्‍ड स्‍पेशल पेरिल्‍स पालिसी दिनांक 22-02-2018 को क्रय की। विपक्षी द्वारा जारी बीमा पालिसी पर मध्‍यस्‍थ का नाम इलाहाबाद बैंक पालिसी संख्‍या-2114/58186629/00/000 बीमा धनराशि रूपये 1,08,191/-रू0 एवं कोल्‍ड स्‍टोरेज की सुरक्षा हेतु बीमा धनराशि आदि का वर्णय किया गया था, जिसमें कोल्‍ड स्‍टोरेज की बाउण्‍ड्री-वाल आदि हेतु रू0 3,01,67,000/- आदि का भी विवरण अंकित है। परिवादी के स्‍वामित्‍व वाली कोल्‍ड स्‍टोरेज की उत्‍तर दिशा की दीवार जो कि पूर्व से पश्चिम दिशा की ओर जाती है दिनांक 25-08-2018 की रात को इलाके में घनघोर वारिस के कारण बाढ़ के पानी से कोल्‍ड स्‍टोरज की बाउण्‍ड्री धराशाही हो गयी। परिवादी ने घटना की सूचना थाना हयात नगर पुलिस एवं विपक्षी के कार्यालय में दी। परिवादी को प्रश्‍नगत दीवार के धराशाही हो जाने के कारण रू0 4,62,269/-रू0 की क्षति हुई। परिवादी ने समस्‍त औपचारिकताऍं पूर्ण करते हुए बीमा क्‍लेम की धनराशि की मांग विपक्षी से की, किन्‍तु बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम की धनराशि देने से मना कर दिया। अत: विवश होकर परिवादी ने परिवाद जिला आयोग के समक्ष योजित किया है।

     विपक्षी की ओर से प्रतिवाद पत्र प्रस्‍तुत करते हुए कथन किया गया कि परिवादी ने गलत तथ्‍यों को वर्णित करते हुए परिवाद योजित किया है। परिवादी ने

 

 

-3-

 कोल्‍ड स्‍टोरेज पर इलाहाबाद बैंक ब्रांच देहरादून से ऋण लिया था जिसके हाइपोथिकेशन उक्‍त बीमा पालिसी में चढ़ा हुआ है उक्‍त कोल्‍ड स्‍टोरज पर प्रथम अधिकार फाइनेंसर/बैंक का है। परिवादी ने परिवाद पत्र में फाइनेंसर/बैंक को पक्षकार नहीं बताया है  परिवादी को बीमा दावा बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार  देय नहीं है।

     विद्धान जिला आयोग ने उभयपक्ष को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन के पश्‍चात विपक्षी के स्‍तर पर सेवा में कमी  पाते हुए परिवाद  स्‍वीकार किया है।

     अपील की सुनवाई के समय अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्‍ता श्रीमती सुमैय्या किदवई उपस्थित। प्रत्‍यर्थी की ओर से विद्धान अधिवक्‍ता श्री एस0 पी0 पाण्‍डेय उपस्थित।

     अपीलार्थी की विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के विरूद्ध है। अत: अपील स्‍वीकार करते हुए जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश को अपास्‍त किया जावे।

     प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का तर्क है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश साक्ष्‍य एवं विधि के अनुसार है। अत: अपील निरस्‍त की जावे।

     पीठ द्वारा उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को विस्‍तारपूर्वक सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया।

 

-4-

     उभयपक्ष के विद्धान अधिवक्‍तागण को सुनने तथा पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों एवं जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का भली-भॉंति परिशीलन करने के पश्‍चात यह पीठ इस मत की है कि विद्धान जिला आयोग द्वारा समस्‍त तथ्‍यों पर गहनतापूर्वक विचार करने के पश्‍चात विधि अनुसार निर्णय पारित किया गया है किन्‍तु विद्धान जिला आयोग द्वारा जो बीमित धनराशि 4,62,269/-रू0 मय 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदा करने का आदेश पारित किया है उसे वाद के तथ्‍यों और परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए संशोधित करते हुए  Bright Insurance Surveyors & Loss Assessors Pvt. Ltd. की रिपोर्ट को आधार मानते हुए (Loss Adjusted) रू0 3,43,309.47 पैसे मय 05 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से अदायगी की तिथि तक अदा करने का आदेश पारित किया जाता है साथ ही वाद व्‍यय के मद में जो 5,000/-रू0 अदा करने का आदेश जिला आयोग द्वारा पारित किया गया है उसे निरस्‍त किया गया है। निर्णय का शेष भाग यथावत कायम रहेगा। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है।

     इस निर्णय एवं आदेश का अनुपालन निर्णय से दो माह की अवधि में किया जाना सुनिश्चित किया जावे।

     अपील योजित करते समय अपीलार्थी द्वारा अपील में जमा धनराशि (यदि कोई हो) तो नियमानुसार जिला उपभोक्‍ता आयोग को अर्जित ब्‍याज सहित विधि अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जावे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)

अध्‍यक्ष

प्रदीप मिश्रा , आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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