(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील संख्या:-832/2022
(जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, गाजियाबाद परिवाद सं0-1041/2021 में पारित आदेश दिनांक 01.07.2022 के विरूद्ध)
Devika Goel w/o Mr. Rachit Kumar r/o H-31, Patel Nagar-III, Ghaziabad -201001 having Mobile no 9910739333 and email Id: ........... अपीलार्थी/परिवादी
बनाम
- M/S jaguar Land Rover India, Through its competent Authority 2nd Floor, 202/203, Ceejay House, Shivsagar Estate, Worli, Mumbai-400018 having email Id: M/S Shiva Motocorp (Narnoli Apparels) (P) Ltd, through its competent Authority, A-108’ Sector-5, Noida-201301 having email ID: …….. प्रत्यर्थीगण
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
अपीलार्थी के अधिवक्ता : सुश्री सुरंगा शर्मा।
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक-30.08.2022
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, गाजियाबाद द्वारा परिवाद सं0 1041/2021 देविका गोयल बनाम जैगुवार लैण्ड में पारित आदेश दिनांक 01.07.2022 के विरूद्ध योजित की गयी है।
-2-
संक्षेप में वाद के तथ्य इस प्रकार है कि परिवादी/अपीलार्थी द्वार एक वाहन स्वयं के प्रयोग हेतु जैगुवार EX कार जिसकी कुल कीमती रू0 40,32,079/- एवं अन्य खर्चे मिलाकर कुल विक्री मूल्य जिसमें बीमा एवं पंजीकरण शुल्क भी शामिल है अर्थात रू0 44,98,497/- में क्रय किया। जिसमें क्रय किये जाने के पश्चात अनेकों तकनीकी त्रुटियॉ पायी गयी जिस हेतु परिवाद प्रस्तुत किया गया तथा यह कि अनुतोष में परिवादी की ओर से अधिवक्ता द्वारा वाहन के खरीदने के समय किये गये भुगतान को दृष्टिगत रखते हुये वाहन बदलने की प्रार्थना की अर्थात वाहन के मूल्य के बराबर अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना की। साथ ही अतिरिक्त प्रार्थना के अनुसार कुल धनराशि रू0 15,80,000/- एवं रू0 20,000/- प्रतिदिन अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना की व रू0 20,00,000/- सेवा में कमी यदि आयोग द्वारा पायी जाती है तो अनुतोष चाहा गया व रू0 10,00,000/- मानसिक क्षतिपूर्ति हेतु अनुतोष प्रदान किये जाने की प्रार्थना की।
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता सुश्री सुरंगा शर्मा द्वारा कथन किया गया कि विद्वान जिला फोरम द्वारा उपरोक्त आदेश के अनुसार परिवाद की पोषणीयता के प्रश्न पर ही निर्णय पारित किया गया जिसमें परिवादी द्वारा विद्वान जिला फोरम के सम्मुख किये गये समस्त अनुतोषों को एक साथ आंकलित करते हुये क्षेत्राधिकार के प्रश्न पर निर्धारित किया। तदनुसार परिवाद निरस्त किया जो विधि पूर्ण नहीं है।
मेरे द्वारा जिला फोरम द्वारा पारित आदेश एवं दिनांक 01.07.2022 का सम्यक परिशीलन किया गया तथा परीक्षण किया गया। तथा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में उल्लिखित एवं इंगित त्रुटियों को देखा गया जिससे यह विदित होता है कि वास्तव में परिवादी द्वारा उल्लिखित वाहन के मूल्य अथवा नवीन वाहन को प्रदान करने की प्रार्थना की गयी, अन्यथा की स्थिति में
-3-
अतिरिक्त प्रार्थना के अनुसार कुल धनराशि रू0 15,80,000/- व रू0 20,00,000/- व रू0 10,00,000/- अर्थात कुल धनराशि रूपये 45,80,000/- मानसिक क्षतिपूर्ति, वाद व्यय, हर्जाना प्रदान किये जाने की प्रार्थना की।
चॅूकि वाहन का मूल्य निर्विवादित रूप से समस्त तथ्यों को समायोजित करने के उपरान्त अथवा बीमा व पंजीकरण शुल्क सहित कुल रू0 44,98,497/- तथा अतिरिक्त प्रार्थना के अनुसार कुल धनराशि रू0 15,80,000/- + रू0 20,00,000/- + रू0 10,00,000/- = रू0 45,80,000/- पायी गयी तदनुसार विद्वान जिला फोरम को मेरे अनुसार परिवाद को निर्णीत किये जाने का पूर्ण अधिकार प्राप्त है। अतएव आदेश दिनांक 01.07.2022 को अपास्त किया जाता है। विद्वान जिला आयोग, गाजियाबाद को वाद संख्या 1041/2021 को पुर्नस्थापित करते हुये विधि अनुसार गुण-दोष के आधार पर निर्णीत किये जाने हेतु आग्रह किया जाता है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश/निर्णय कोआयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रामेश्वर, पी ए ग्रेड-2,
कोर्ट नं0-1