Uttar Pradesh

Lucknow-I

CC/246/2018

ROHIT KUMAR - Complainant(s)

Versus

M/S J.P ASSOCIATES - Opp.Party(s)

AMARJEET SINGH

24 Mar 2022

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/246/2018
( Date of Filing : 09 Jul 2018 )
 
1. ROHIT KUMAR
.
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S J.P ASSOCIATES
.
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya PRESIDENT
 HON'BLE MS. sonia Singh MEMBER
  Ashok Kumar Singh MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Mar 2022
Final Order / Judgement

        जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, प्रथम, लखनऊ।

            परिवाद संख्‍या:-   246/2018                                             उपस्थित:-श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

                    श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।

                    श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।         

परिवाद प्रस्‍तुत करने की तारीख:-09.07.2018

  परिवाद के निर्णय की तारीख:-24.03.2022

 

Rohit Kumar Gupta S/o Suresh Chandra Gupta, Permanent R/o 98-A, Kalyanpur,Lucknow.                                   ..........परिवादी।

                           बनाम

 

M/s J.P. Infratech Ltd. Sector 128, Noida-201304.                                                                       .........विपक्षी।                                                                                                                

आदेश द्वारा-

श्री नीलकंठ सहाय, अध्‍यक्ष।

श्री अशोक कुमार सिंहसदस्‍य।

श्रीमती सोनिया सिंह, सदस्‍य।        

                          निर्णय

  1. परिवादी ने प्रस्‍तुत परिवाद धारा 12 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के अन्‍तर्गत विपक्षी से एफ0डी0 के भुगतान में हुए विलम्‍ब पर 06 प्रतिशत ब्‍याज, एवं मानसिक आघात एवं परेशानी हेतु 20,000.00 रूपये एवं वाद व्‍यय 20,000.00 रूपये दिलाये जाने की प्रार्थना के साथ प्रस्‍तुत किया है।   
  2. संक्षेप में परिवाद के कथन इस प्रकार है कि विपक्षी कम्‍पनी के द्वारा सावधि जमा स्‍वीकार कर उस पर उच्‍च ब्‍याज दिए जाने के आफर से प्रभावित होकर परिवादी ने 30,000.00 रूपये की धनराशि दिनॉंक 15.07.2013 को 36 माह के लिये 12.5 प्रतिशत ब्‍याज पर कम्‍पनी के लखनऊ स्थित एजेंट के यहॉं जमा किया।
  3. विपक्षी द्वारा परिवादी को सावधि जमा पर अर्जित ब्‍याज एवं मूल राशि का भुगतान देय तिथि से विलम्‍ब से दिनॉंक 20.03.2017 को 30,000.00 रूपये एवं 27.04.2017 को 13,566.00 रूपये का भुगतान किया। किन्‍तु विलम्‍ब के समय का ब्‍याज का भुगतान नहीं किया।
  4. परिवादी ने विपक्षी से मौखिक और लिखित अनुरोध किया परन्‍तु विपक्षी द्वारा भुगतान नहीं किया गया। परिवादी ने विपक्षी को कई बार ई-मेल व फोन के द्वारा संपर्क करना चाहा,  परन्‍तु काई उत्‍तर न मिलने पर परिवादी ने अपने अधिवक्‍ता के माध्‍यम से दिनॉंक 07.11.2017 को एक विधिक नोटिस विपक्षी को भेजा किन्‍तु विपक्षी द्वारा उसका भी कोई उत्‍तर नहीं दिया गया।
  5. विपक्षी को परिवाद का नोटिस विपक्षी को भेजा गया, परन्‍तु विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ और न ही कोई उत्‍तर पत्र प्रस्‍तुत किया गया। अत: दिनॉंक 21.02.2018 को विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही अग्रसारित की गयी।
  6. परिवादी ने अपने कथानक के रूप में शपथ पत्र दाखिल किया है तथा दस्‍तावेजी साक्ष्‍य के रूप में एफ0डी0 की छायाप्रति,  एवं नोटिस की प्रति भी दाखिल किया है।
  7. मैने परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्कों को सुना तथा पत्रावली का परिशीलन किया।
  8. विदित है कि परिवादी ने 30,000.00 रूपये का फिक्‍स डिपॉजिट दिनॉंक 15.07.2013 को तीन वर्ष के लिये 12.5 प्रतिशत ब्‍याज पर किया था जिसकी परिपक्‍वता दिनॉंक 14.07.2016 को होनी थी। विपक्षी द्वारा एक वर्ष बाद भुगतान किया गया और विपक्षी द्वारा एक वर्ष के दौरान ब्‍याज नहीं दिया। परिवादी द्वारा विपक्षी को दिनॉंक 01.05.2017 को नोटिस दिया गया जिसमें यह कहा गया कि दिनॉंक 20.03.2017 को मूल धनराशि 13,566.00 रूपये भेजी गयी तथा ब्‍याज विलम्‍ब का बकाया है जो 4074.00 रूपये होता है। उक्‍त तथ्‍य एवं नोटिस के बावजूद भी विपक्षी द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी। परिवादी द्वारा अपने कथानक की पुष्टि साक्ष्‍य द्वारा की गयी है और जिस वक्‍त अंतिम भुगतान किया जाता है उस वक्‍त तक समस्‍त ब्‍याज देय है।
  9. पत्रावली पर कोई भी ऐसा साक्ष्‍य मौजूद नहीं है जिससे कि परिवादी के कथनों पर अविश्‍वास प्रकट किया जा सके। अत: इन सब स्थितियों को मद्देनजर रखते हुए परिवादी को 4047.00 रूपया  दिलाया जाना न्‍यायसंगत प्रतीत होता है। उपरोक्‍त समस्‍त तथ्‍यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए परिवादी का परिवाद स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।
  10.  

परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा विपक्षी को निर्देशित किया जाता है कि वह परिवादी को मुबलिग 4047.00 (चार हजार सैतालिस रूपया मात्र) 09 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज की दर से निर्णय की तिथि से भुगतान की तिथि तक निर्णय की तिथि से 45 दिन के अन्‍दर अदा करें। मानसिक एवं शारीरिक क्षति एवं वाद व्‍यय के लिये 3000.00 (तीन हजार रूपया मात्र) भी अदा करेंगें। यदि निर्धारित अवधि में उपरोक्‍त आदेश का अनुपालन नहीं किया जाता है तो उपरोक्‍त सम्‍पूर्ण राशि पर 12 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भुगतेय होगा।

 

       (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह)        (नीलकंठ सहाय)

         सदस्‍य               सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                             जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                 लखनऊ।     

आज यह आदेश/निर्णय हस्‍ताक्षरित कर खुले आयोग में उदघोषित किया  गया।

 

                                   

     (सोनिया सिंह)     (अशोक कुमार सिंह)        (नीलकंठ सहाय)

       सदस्‍य               सदस्‍य                  अध्‍यक्ष

                             जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग,   प्रथम,

                                                लखनऊ।

 
 
[HON'BLE MR. Neelkuntha Sahya]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MS. sonia Singh]
MEMBER
 
 
[ Ashok Kumar Singh]
MEMBER
 

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