(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1102/2005
Frenco Blue Star Limited & ors
Versus
M/S Hotel River view, through Jitendra Kumar Yadav
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित: श्री वी0पी0 शर्मा, विद्धान अधिवक्ता के
कनिष्ठ अधिवक्ता श्री सतेन्द्र सिंह
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :14.12.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- परिवाद सं0 67/2004, मे0 होटल रिवर ब्यू बनाम फ्रेन्को ब्लू स्टार लिमिटेड मे विद्धान जिला आयोग, जौनपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 25.09.2004 के विरूद्ध प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पत्रावली एवं प्रश्नगत निर्णय/आदेश का अवलोकन किया गया।
- जिला उपभोक्ता मंच ने डीप फ्रेजर को बनवाने में हुए खर्च राशि 56,947/-रू0 के भुगतान का आदेश पारित किया है।
- परिवाद के तथ्यों के अनुसार दिनांक 24.09.2003 को अंकन 13,477/-रू0 विपक्षी ने परिवादी से डीप फ्रेजर बदलवाने के लिए लिये थे। इसके बाद यह फ्रेजर काम नहीं किया। पुन: 2,970/-रू0 खर्च हुए। परिवादी द्वारा अंकन 25,000/-रू0 लापरवाही के कारण कारित व्यापारिक नुकसान एवं अंकन 25,000/-रू0 मानसिक प्रताड़ना के मद में मांगे गये हैं। अंकन 500/-रू0 प्रकीर्ण खर्च के लिए मांग की गयी है। यथार्थ में डीप फ्रेजर बनवाने के लिए केवल 13,477+2970/-रू0 का खर्च बताया गया है, जबकि जिला उपभोक्ता मंच ने डीप फ्रेजर बनवाने की राशि 56,947/-रू0 अंकन कर दी है। अत: यह निर्णय प्रथम दृष्टया ही अनुचित एवं तथ्यों के विपरीत प्रतीत होता है।
- दस्तावेज सं0 12 पर डीप फ्रेजर की मरम्मत मे खर्च होने वाली राशि का उल्लेख किया गया है, जो 13,477/-रू0 है, इसके अलावा अन्य कोई दस्तावेज फ्रेजर की मरम्मत में खर्च राशि के संबंध में प्रस्तुत नहीं किया गया है, जबकि जिला उपभोक्ता मंच द्वारा अंकन 56,947/-रू0 खर्च मान लिया गया क्योंकि मानसिक क्षतिपूर्ति या व्यापार में हानि के संबंध में कोई निष्कर्ष नहीं दिया गया। समस्त राशि मरम्मत कराने मे खर्च होने का उल्लेख किया गया है।
- परिवादी ने सशपथ इस तथ्य को साबित किया है कि मरम्मत कराने के बाद भी डीप फ्रेजर ने काम नहीं किया है। इस तथ्य का कोई खण्डन पत्रावली पर मौजूद नहीं है। यह कहना ग्राह्य नहीं है कि उन्हें कोई सूचना प्राप्त नहीं हुई थी क्योंकि विपक्षी को पंजीकृत डाक से नोटिस दिनांक 17.12.2003 को प्रेषित की गयी थी, इसलिए उपधारणा की जाती है कि उन्हें पर्याप्त सूचना परिवाद के संबंध में थी, परंतु जिला उपभोक्ता मंच के समक्ष उपस्थित होकर परिवाद का कोई खण्डन नहीं किया गया। अत: अंकन 13,477/-रू0 की सीमा तक परिवादी अपनी धनराशि वापस प्राप्त करने के लिए अधिकृत है। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को केवल 13,477/-रू0 देय होंगे तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्याज भी देय होगा।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3