Uttar Pradesh

Muradabad-II

CC/97/2014

Smt. Kumkum & Others - Complainant(s)

Versus

M/s Gour Sans India Ltd. - Opp.Party(s)

05 May 2016

ORDER

District Consumer Disputes Redressal Forum -II
Moradabad
 
Complaint Case No. CC/97/2014
 
1. Smt. Kumkum & Others
R/o G-34 Gour Gracious Kanth Road Moradabad
...........Complainant(s)
Versus
1. M/s Gour Sans India Ltd.
Add:- Manager H.No. Gour Sans India Ltd. Kanth Road Moradabad
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 
For the Complainant:
For the Opp. Party:
ORDER

द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्‍यक्ष

  1.   इस परिवाद के माध्‍यम से परिवादीगण ने यह अनुरोध किया है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाऐ कि वे मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज लिऐ  बिना परिवादीगण के आवास संख्‍या- जी 34 गौर ग्रेशियस, कांठ रोड, मुरादाबाद पर बिजली का मीटर लगाकर परिवादीगण को वि|qत की आपूर्ति करें। क्षतिपूर्ति की मद में 25,000/-रूपया और परिवाद व्‍यय परिवादीगण ने अतिरिक्‍त मांगा हैं। 
  2. संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार हैं कि परिवादीगण के आवेदन पर विपक्षीगण ने दिनांक 17/1/2011 को एक भूखण्‍ड संख्‍या जी 34,  आवंटित किया। विक्रय धन प्राप्‍त करके विपक्षीगण ने परिवादी के पक्ष   में दिनांक 16/11/2011 को इस भूखण्‍ड का विक्रय पत्र निष्‍पादित   किया। परिवादीगण ने एम0डी0ए0 से नक्‍शा पास कराकर इस भूखण्‍ड पर भवन निर्माण कराया। अब उसमें बिजली के कनेक्‍शन की  आवश्‍यकता है। इस सन्‍दर्भ में जानकारी करने पर विपक्षी सं0-2 ने  परिवादीगण को बताया कि बिजली का मीटर लगाने हेतु 16854/- रूपया तथा 01/8/2012 से 31/03/2014 तक की अवधि के मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज 30,760/- रूपया परिवादीगण को गौर सन्‍स इण्डिया लि0  के एकाउन्‍ट में जमा करने होगें। इस पर परिवादीगण ने कहा कि दिनांक 31/10/2011 को अन्‍य आवंटियों की तरह परिवादीगण ने भी  सिक्‍योरिटी के रूप में विपक्षीगण के पास 25,000/- रूपया जमा कराऐ थे जिससे अर्जित ब्‍याज से कालोनी का मैन्‍टेनेन्‍स किया जाना था। इस  प्रकार मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज मांगा जाना पूर्णतया गलत है। परिवादीगण ने  अग्रेत्‍तर कथन किया कि बार-बार अनुरोध करने के बावजूद भी  मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज लिऐ बिना परिवादीगण के आवास पर वि|qत कनेक्‍शन  लगाने से विपक्षीगण ने इन्‍कार कर दिया है इस कारण उन्‍हें परिवाद योजित करने की आवश्‍यकता हुई। परिवादीगण ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्‍वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
  3.  परिवाद के साथ परिवादीगण ने विपक्षीगण को बतौर सिक्‍योरिटी दिऐ गऐ 25,000/- रूपये की रसीद दिनांकित 31/10/2011, परिवाद   में उल्लिखित आवास में बिजली का कनेक्‍शन लगाने हेतु किस मद में  कितनी धनराशि जमा करनी होगी इसकी जानकारी हेतु परिवादीगण द्वारा विपक्षी सं0-1 को प्रेषित पत्र की नकलों को दाखिल  किया गया है।
  4.  विपक्षीगण की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-11/1 लगायत  11/4 दाखिल हुआ जिसमें परिवादीगण को मकान बनाने हेतु प्‍लाट सं0-जी 34 आवंटित किया जाना, इस प्‍लाट का बैयनामा परिवादीगण के  पक्ष में निष्‍पादित किया जाना और बतौर सिक्‍योरिटी डिपोजिट परिवादीगण द्वारा दिनांक 31/10/2011 को 25,000/-रूपये की धनराशि  जमा किया जाना तो स्‍वीकार किया गया है किन्‍तु शेष परिवाद कथनों से इन्‍कार किया गया है। विपक्षीगण की ओर से विशेष कथनों में कहा  गया है कि सिटयोरिटी डिपोजिट से गौर ग्रेशियस आवासीय योजना की  सिक्‍योरिटी, सुरक्षा आदि का खर्चा वहन किया जाता है। सिक्‍योरिटी डिपोजिट के रूप में जमा की गई धनराशि प्‍लाट विक्रय करने पर आवंटी को वापिस कर दी जाती है। इस धनराशि से वि|qत कनेक्‍शन और  मैन्‍टेनेन्‍स का कोई सम्‍बन्‍ध नहीं है। विपक्षीगण ने अग्रेत्‍तर कथन किया कि परिवादीगण और उत्‍तरदाता विपक्षीगण आवंटन पत्र, एग्रीमेन्‍ट, विक्रय पत्र तथा अन्‍य सभी सम्‍बन्धित दस्‍तावेजों में उल्लिखित शर्तों का पालन करने हेतु बाध्‍य हैं। परिवादीगण के पक्ष में निष्‍पादित विक्रय पत्र में  उल्लिखित शर्तों के अनुसार परिवादीगण द्वारा मांगे गऐ  अनुतोष उन्‍हें   प्रदान नहीं किऐ जा सकते और उनका परिवाद खारिज होने योग्‍य है।  विपक्षीगण ने यह अभिकथित करते हुऐ कि वि|qत कनेक्‍शन की स्‍थापना  एवं मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज प्राप्‍त करने का विपक्षीगण को अधिकार है, परिवाद को सव्‍यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
  5.   प्रतिवाद पत्र के साथ परिवादीगण के पक्ष में निष्‍पादित विक्रय पत्र की फोटो प्रति बतौर संलग्‍नक दाखिल की गई है जो पत्रावली का  कागज सं0-11/5 लगायत 11/21 हैं।
  6.   परिवादीगण की ओर से परिवादिनी संख्‍या-1 श्रीमती कुमकुम अग्रवाल का साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/4 दाखिल हुआ।
  7.   विपक्षीगण की ओर से विपक्षीगण के अधिकृत प्रतिनधि श्री संजय चानना ने साक्ष्‍य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/3 दाखिल  किया।
  8.   परिवादीगण की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई। विपक्षीगण ने लिखित बहस दाखिल की।
  9.   हमने दोनों पक्षों के विद्वान अधिवक्‍तागण के तर्कों को सुना और  पत्रावली का अवलोकन किया।
  10.   पक्षकारों के मध्‍य इस बिन्‍दु पर कोई विवाद नहीं है कि  विपक्षीगण ने परिवादी के अनुरोध पर उसे कांठ रोड, मुरादाबाद स्थित गौर सन्‍स कालोनी में एक भूखण्‍ड सं0 जी0 3 वर्ष 2011 में आवंटित किया था जिसका बैयनामा परिवादीगण के पक्ष में दिनांक 16/11/2011 को कर दिया। परिवादीगण ने इस प्‍लाट में अपना मकान बना लिया।  उक्‍त मकान में अभी वि|qत मीटर नहीं लगा है।
  11.   परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि जब परिवादीगण ने विपक्षीगण से बिजली मीटर लगाने का अनुरोध किया  तो उन्‍होंने मैन्‍टेनेन्‍स चार्जेज के रूप में 30,760/- रूपया जमा करने की  शर्त रखी। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्‍ता का कथन है कि मैन्‍टेनेन्‍स  चार्जेज देने के लिए वे  बाध्‍य  नहीं हैं  क्‍योंकि दिनांक 31/10/2011 को उन्‍होंने बतौर सिक्‍योरिटी 25,000/- रूपये पहले ही  जमा  कर  दिऐ  हैं। परिवादीगण के  अनुसार सिक्‍योरिटी की  धनराशि सभी  आवंटियों से  जमा  कराई गई  है  और  कालोनी का मैन्‍टेनेन्‍स इस  सिक्‍योरिटी की  राशि पर  अर्जित ब्‍याज  से  किया जाना है।
  12.   विपक्षीगण के  विद्वान अधिवक्‍ता  का  तर्क है  कि  सिक्‍योरिटी की धनराशि धरोहर के  रूप  में  विपक्षीगण के  पास  जमा  है  जो  प्‍लाट/ मकान बेच देने  की  दशा  में  परिवादीगण वापिस  पाने के अधिकारी होगें। सिक्‍योरिटी की  धनराशि से  कालोनी  का  मैन्‍टेनेन्‍स  और  सुरक्षा गार्ड आदि  रखने का  खर्चा वहन  किया जाना है।  अग्रेत्‍तर  विपक्षीगण ने  यह  भी  तर्क दिया कि परिवादीगण के  पक्ष  निष्‍पादित बैयनामें में  जिन शर्तों का  उल्‍लेख  है  उन  शर्तो से  दोनों  ही पक्ष बाध्‍य  हैं। विपक्षीगण के  विद्वान अधिवक्‍ता  ने  हमारा ध्‍यान  बैयनामा कागज सं0-11/5  लगायत 11/21  में  उल्लिखित शर्त सं0- 11  की ओर आकर्षित किया। यह  शर्त पत्रावली के  पृष्‍ठ  सं0-11/17  पर  दृष्‍टव्‍य है।  इस  शर्त के  अनुसार मैन्‍टेनेन्‍स  चार्जेंज अदा  करने का  उत्‍तरदायित्‍व  परिवादीगण का  है। इस  शर्त के  दृष्टिगत परिवादीगण मैन्‍टेनेन्‍स  चार्जेज की  अदायगी से  मुक्‍त  नहीं किऐ  जा  सकते, मैन्‍टेनेन्‍स  चार्जेज उन्‍हें देना होगा।
  13. उपरोक्‍त  विवेचना के आधार पर  हम  इस निष्‍कर्ष पर पहुँचे हैं  कि  परिवाद खारिज होने योग्‍य है।

परिवाद खारिज किया जाता है।

 

    (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

     05.05.2016        05.05.2016        05.05.2016

 

  हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 05.05.2016 को खुले फोरम में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया।

 

   (श्रीमती मंजू श्रीवास्‍तव)  (सुश्री अजरा खान)   (पवन कुमार जैन)

     सामान्‍य सदस्‍य          सदस्‍य            अध्‍यक्ष

  •   0उ0फो0-।। मुरादाबाद   जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद  जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद

       05.05.2016       05.05.2016        05.05.2016

 

 

 

 

 

 

 

 

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