(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1104/2003
न्यू ओखला इण्डस्ट्रियल डेवलपमेंट अथारिटी (नोयडा), द्वारा चेयरमैन सेक्टर-6, नोयडा काम्प्लेक्स, जिला गौतम बुद्ध नगर।।
अपीलार्थी/विपक्षी
बनाम
मै0 इलेक्ट्रो-अनिल लिमिटेड, द्वारा डायरेक्टर श्री राजीव अरोड़ा, रजिस्टर्ड आफिस ए-34, मोहन कारपोरेशन इण्डस्ट्रियल इस्टेट, मथुरा रोड, नई दिल्ली।
प्रत्यर्थी/परिवादी
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अशोक शुक्ला,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 20.12.2021
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-127/2001, मै0 इलेक्ट्रो अनिल लिमिटेड बनाम नवीन ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 28.03.2003 के विरूद्ध यह अपील योजित की गई है। इस निर्णय/आदेश द्वारा विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने शिकायतकर्ता द्वारा भवन पंजीकरण के लिए जमा की गई राशि 30 दिन के अन्दर 12 प्रतिशत ब्याज सहित वापस लौटाने का आदेश दिया है।
2. इस निर्णय/आदेश को इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश तथ्य एवं विधि के विरूद्ध है।
-2-
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक शुक्ला उपस्थित आए। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता की बहस सुनी गई तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि आवेदक ने केवल प्लाट प्राप्त करने के लिए आवेदन किया था। उसे प्लाट आवंटित नहीं हो सका। 06 माह के अन्दर उसकी धनराशि उसे वापस लौटा दी गई, इसलिए परिवादी उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क विधिसम्मत प्रतीत होता है। केवल आवंटन राशि जमा करने मात्र से परिवादी तथा विपक्षी के मध्य सेवाप्रदाता एवं सेवाग्राह्यता का संबंध स्थापित नहीं होता है, इसलिए उपभोक्ता परिवाद संधारणीय नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग ने क्षेत्राधिकार से बाहर जाकर निर्णय/आदेश पारित किया है, जो अपास्त होने योग्य है। अपील तदनुसार स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 28.03.2003 अपास्त किया जाता है।
पक्षकार अपना-अपना अपीलीय व्यय स्वंय वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(विकास सक्सेना) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2