राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
परिवाद सं0-५९/२०१५
१. ऋषि श्रीवास्तव पुत्र श्री आर0के0 श्रीवास्तव,
२. आर0के0 श्रीवास्तव पुत्र स्व0 तुलसीराम श्रीवास्तव,
दोनों निवासीगण मकान नं0-३२८, तुलसी नगर, उरई, जिला जालौन, यू.पी.-२८५००१.
................... परिवादीगण।
बनाम
१. मै0 एल्डिको हाउसिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0, २०१-२०१२, द्वितीय तल, स्प्लेण्डर फोरम, जसोला डिस्ट्रिक सेण्टर, जसोला विहार, नई दिल्ली, डी एल -११००२५.
२. दी डायरेक्टर मै0 एल्डिको हाउसिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0, २०१-२०१२, द्वितीय तल, स्प्लेण्डर फोरम, जसोला डिस्ट्रिक सेण्टर, जसोला विहार, नई दिल्ली, डी एल -११००२५ तथा एल्डिको सिटी, आई0आई0एम0 रोड, लखनऊ।
.................... विपक्षीगण।
समक्ष:-
१.मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य ।
२.मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
परिवादीगण की ओर से उपस्थित :- श्री लक्ष्मी नारायण मिश्रा विद्वान अधिवक्ता।
विपक्षीगण की ओर से उपस्थित :- श्री विकास अग्रवाल विद्वान अधिवक्ता।
दिनांक : २०-०३-२०२०.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत परिवाद, परिवादीगण को विपक्षीगण द्वारा आबंटित सम्पत्ति के समान ही पार्क फेसिंग अन्य सम्पत्ति पूर्व निर्धारित मूल्य पर आबंटित किए जाने अथवा विकल्प में परिवादीगण द्वारा जमा की गई धनराशि मय ब्याज वापस किए जाने एवं क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु योजित किया गया है।
संक्षेप में तथ्य इस प्रकार हैं कि परिवादीगण के कथनानुसार परिवादीगण परस्पर पिता पुत्र हैं। परिवादी सं0-२ सेवा से अवकाश ग्रहण कर चुका है। अवकाश ग्रहण करने के पश्चात् शान्तिपूर्ण वातावरण में अपना आवास प्राप्त करने हेतु, जुलाई २००९ में विपक्षीगण की एल्डिको सिटी योजना स्थित आई0आई0एम0 रोड, लखनऊ के विज्ञापनों से आकर्षित होकर, परिवादीगण ने इस योजना के अन्तर्गत एक पार्क फेसिंग
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विला आबंटित किए जाने हेतु बुक कराया। विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण के पक्ष में एक पार्क फेसिंग विला सं0-२५६ टाइप कैटेगरी-१, प्लाट क्षेत्रफल १६७.४० वर्ग मीटर आबंटित की गई। इस विला का मूल्य २७,३५,८००/- निर्धारित किया गया था तथा इस विला का कब्जा बुकिंग की तिथि से लगभग ०४ वर्ष के अन्दर दिया जाना था। पक्षकारों के मध्य निष्पादित इकरारनामे के अनुसार परिवादीगण द्वारा नियमित रूप से किश्तों की अदायगी की गई। विपक्षीगण ने परिवादीगण को निर्माण की प्रगति से अवगत नहीं कराया। दिनांक २८-०२-२०१३ को विपक्षीगण द्वारा फाइनल डिमाण्ड नोटिस परिवादीगण को कथित रूप से भेजी गई जिसके द्वारा विपक्षीगण ने २,६०,७६०/- रू० की मांग की। यद्यपि यह पत्र परिवादीगण को प्राप्त नहीं हुआ किन्तु परिवादीगण की शतत् प्रार्थना पर दिनांक ३०-०५-२०१३ को परिवादीगण को इस पत्र की प्रति प्राप्त कराई गई। विपक्षीगण द्वारा भेजे गये उक्त पत्र दिनांकित २८-०२-२०१३ से यह आशय प्रतीत होता था कि आबंटित विला तैयार हो चुका है तथा कब्जा दिए जाने के लिए तैयार है। साथ ही साथ विक्रय पत्र भी निष्पादित किया जा चुका है। परिवादी सं0-१ ने मांगी गई उक्त धनराशि जमा किए जाने से पूर्व स्थल निरीक्षण की मांग की किन्तु विपक्षीगण द्वारा कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। विपक्षीगण द्वारा किए जा रहे विलम्ब के कारण परिवादी व्यक्तिगत रूप से लखनऊ आया तथा जुलाई, २०१३ में उसने स्थल निरीक्षण किया। परिवादी को यह देखकर सदमा लगा कि प्रश्नगत आबंटित यूनिट का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ था। इस यूनिट तक पहुँचने के लिए सड़क का निर्माण भी नहीं हुआ था। परिवादीगण को आबंटित यूनिट पार्क फेसिंग थी जबकि वास्तव में विपक्षीगण द्वारा एकतरफा परिवादीगण की अनुमति के बिना इस यूनिट के सामने पार्क समाप्त कर दिया गया तथा इस यूनिट के सामने एक ऊँची दीवाल का निर्माण करा दिया गया। परिवादी द्वारा व्यक्तिगत रूप से निरीक्षण किए जाने के उपरान्त परिवादी ने विपक्षी के इन्चार्ज श्री हरप्रीत गॉंधी को सूचित किया। उन्होंने अपने ई-मेल दिनांकित २४-०७-२०१३ द्वारा सूचित किया कि प्रश्नगत यूनिट का पूर्ण निर्माण कार्य चार-पॉच माह में पूर्ण होगा। इस प्रकार प्रश्नगत यूनिट का निर्माण कार्य पूर्ण न होने के बाबजूद तथा इकरारनामे की शर्तों
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के विपरीत कार्य किए जाने के बाबजूद विपक्षीगण द्वारा सम्पूर्ण शेष धनराशि के भुगतान की मांग की गई। परिवादीगण का यह भी कथन है कि परिवादी सं0-२ ने अवकाश ग्रहण के पश्चात् शान्तिपूर्ण हरे-भरे वातारवरण में रिहायस के उद्देश्य से पार्क फेसिंग यूनिट के आबंटन हेतु आवेदन किया था किन्तु विपक्षीगण ने बिना परिवादीगण की अनुमति के प्रश्नगत यूनिट के सामने स्थित पार्क को परिवादीगण को बिना कोई सूचना दिए एकतरफा समाप्त कर दिया। विपक्षीगण द्वारा कारित उपरोक्त अनुचित व्यापार प्रथा के विरूद्ध परिवादीगण ने विपक्षीगण के कार्यालय से सम्पर्क करने का प्रयास किया किन्तु विपक्षीगण के कार्यालय में इकरारनामे की शर्तों के विपरीत किए गये इस कृत्य के सन्दर्भ में कोई स्पष्ट उत्तर नहीं दिया गया। अत: परिवादीगण ने पत्र दिनांकित ०५-०२-२०१३ एवं २२-०३-२०१२३ विपक्षी को प्रेषित किए जिनका कोई उत्तर विपक्षीगण द्वारा नहीं दिया गया बल्कि ई-मेल दिनांकित ०६-०६-२०१४ के उत्तर में विपक्षीगण की ओर से प्रेषित ई-मेल दिनांकित ०२-०७-२०१४ द्वारा प्रश्नगत योजना में ले आउट परिवर्तन के कारण परिवादीगण को आबंटित विला के सामने स्थित पार्क समाप्त होना सूचित किया गया तथा इस कारण से परिवादीगण से ली गई अतिरिक्त धनराशि की छूट उपलब्ध कराने के उत्तरदायित्व को स्वीकार किया गया। परिवादीगण का यह भी कथन है कि विपक्षीगण द्वारा उपरोक्त एल्डिको सिटी योजना में अनेक पार्क फेसिंग यूनिट उपलब्ध होने के बाबजूद परिवादीगण को अन्य पार्क फेसिंग यूनिट उपलब्ध नहीं कराई गई। अत: विवश होकर परिवादीगण ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नोटिस भी विपक्षीगण को प्रेषित की तथा परिवादीगण को आबंटित यूनिट के समान ही दूसरी यूनिट उपलब्ध कराने अथवा परिवादीगण द्वारा जमा की गई सम्पूर्ण धनराशि मय ब्याज वापस किए जाने की मांग की गई। नोटिस की तामील विपक्षीगण पर होने के बाबजूद कोई कार्यवाही विपक्षीगण द्वारा न किए जाने पर परिवाद योजित किया गया।
मूल रूप से परिवाद मै0 एल्डिको सिटी प्रा0लि0 को पक्षकार बनाते हुए योजित किया गया किन्तु परिवाद के लम्बित रहने के मध्य मै0 एल्डिको सिटी प्रा0लि0 के मै0 एल्डिको हाउसिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0 में परिवर्तित हो जाने पर परिवाद तद्नुसार संशोधित किया गया।
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विपक्षीगण द्वारा प्रतिवाद पत्र प्रस्तुत किया गया। विपक्षीगण के कथनानुसार प्रस्तुत परिवाद कालबाधित है क्योंकि प्रश्नगत विला का आबंटन वर्ष २००९ में किया गया जबकि परिवाद वर्ष २०१५ में योजित किया गया। विपक्षीगण के कथनानुसार प्रश्नगत विला के आबंटन हेतु पक्षकारों के मध्य इकरारनामा निष्पादित किया गया। इस इकरारनामे की शर्तों से उभय पक्ष बाध्य हैं। विपक्षीगण का यह भी कथन है कि प्रश्नगत योजना का ले आउट प्लान विकास प्राधिकरण द्वारा परिवर्तित किए जाने के कारण प्रश्नगत विला की स्थिति में परिवर्तन हुआ। यह विपक्षीगण द्वारा जानबूझकर नहीं किया गया। स्थिति परिवर्तन के लिए विपक्षीगण उत्तरदायी नहीं हैं। विपक्षीगण का यह भी कथन है कि परिवाद असत्य कथनों के आधार पर योजित किया गया है। प्रश्नगत विला का निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा इसका कब्जा प्राप्त करने हेतु परिवादीगण को कई पत्र प्रेषित किए गये किन्तु परिवादीगण ने बकाया धनराशि का भुगतान न करते हुए कब्जा प्राप्त नहीं किया।
परिवादीगण ने परिवाद के साथ पृष्ठ सं0-१५ लगायत ३८ के रूप में अभिलेख प्रस्तुत किए। इसके अतिरिक्त परिवादीगण की ओर से परिवादी श्री आर0 के0 श्रीवास्तव का शपथ पत्र साक्ष्य के रूप में प्रस्तुत किया गया। शपथ पत्र के साथ संलग्नक-१ लगायत ७ दाखिल किए गये।
विपक्षीगण की ओर से साक्ष्य में सुश्री रूचि सचदेवा अधिकृत हस्ताक्षरी का शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया तथा इस शपथ पत्र के साथ १६ संलग्नक दाखिल किए गये।
हमने परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री लक्ष्मी नारायण मिश्रा एवं विपीक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री विकास अग्रवाल के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया।
प्रस्तुत प्रकरण में यह तथ्य निर्विवाद है कि मूल रूप से परिवादीगण को विपक्षीगण की एल्डिको सिटी योजना के अन्तर्गत पार्क फेसिंग यूनिट सं0-२५६ आबंटित की गई किन्तु वर्तमान समय में परिवादीगण को आबंटित उपरोक्त विला के सामने पार्क स्थित नहीं है। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि उपरोक्त एल्डिको
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सिटी योजना के अन्तर्गत ४० प्रतिशत भूमि लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा भूमि स्वामियों से भूमि अधिग्रहण के उपरान्त विपक्षीगण को प्राप्त करायी जानी थी किन्तु किसानों के आन्दोलन के कारण इस योजना में भूमि अधिग्रहण समय से न हो पाया। अनेक किसानों द्वारा मा0 उच्च न्यायालय में वाद योजित किया गया। अत: प्रश्नगत योजना के प्रारम्भ होने में यदि कोई विलम्ब हुआ तो वह स्थिति विपक्षीगण के नियन्त्रण में नहीं थी। इस सन्दर्भ में विपक्षीगण की ओर से प्रेषित उक्त शपथ पत्र के साथ संलग्नक-१ लगायत ५ के रूप में जिलाधिकारी, लखनऊ से हुए पत्राचार की प्रतियॉं दाखिल की गई हैं। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि परिवादीगण के पक्ष में आबंटित यूनिट सं0-२५६ के आबंटन हेतु आबंटन प्रमाण पत्र जारी किया गया था तथा पक्षकारों के मध्य इकरारनामा निष्पादित किया गया था। इस आबंटन प्रमाण पत्र तथा इकरारनामा के क्लाज-B, 2(b) में यह प्रावधानित किया गया :-
That allottee/s has specifically agreed that if due to any change in the lay out plan, the said Villa ceases to be in a prime Location, the Company shall be liable to refund only the amount of PLC paid by the Allottee without any interest, damages and/or compensation and such refund may be adjusted in the last instalment as stated herein in the payment plan. If due to any change in the layout plan the Said Villa become located at Prime Location, then the Allottee/s shall be liable and agrees to pay as demanded by the Company additional PLC a applicable.
प्रश्नगत योजना के सम्बन्ध में भू-अर्जन के उपरान्त लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा ले आउट प्लान स्वीकृत किया गया। उक्त स्वीकृत ले आउट प्लान में विला नं0-२४२ लगायत २६१ के सामने एक पार्क स्थित था किन्तु ग्रामीणों द्वारा यह दावा किया गया कि इस पार्क की जगह में एक भुईयन देवी का मन्दिर था। अत: ग्रामीणों द्वारा इस पार्क की भूमि में मन्दिर निर्माण के लिए आन्दोलन किया गया। इस सन्दर्भ में विपक्षीगण की ओर से प्रेषित उपरोक्त शपथ पत्र के साथ प्रेस नोट दिनांकित २३-०७-२०१३ की प्रति संलग्नक-७ के रूप में दाखिल की गई। ग्रामीणों द्वारा किए गये इस आन्दोलन तथा राजकीय अधिकारियों के दबाव में पार्क की भूमि देव स्थान के रूप
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में परिवर्तित की गई तथा विपक्षी बिल्डर ने लखनऊ विकास प्राधिकरण को प्रार्थना पत्र दिनांकित १७-१२-२०१३ ले आउट प्लान में परिवर्तन हेतु प्रेषित किया। इस प्रार्थना पत्र की प्रति शथप पत्र के साथ संलग्नक-८ के रूप में दाखिल की गई। विपक्षी ने ले आउट प्लान में परिवर्तन के उपरान्त पार्क की उक्त भूमि में भुईयन देवी का एक मन्दिर निर्माण कराया जिसका नामकरण देव स्थान के रूप में किया गया। इस सन्दर्भ में हुए पत्राचार की प्रति शथप पत्र के साथ संलग्नक-९ के रूप में दाखिल की गई। विपक्षी ने मूल ले आउट प्लान तथा परिवर्तित स्वीकृत ले आउट प्लान की प्रतियॉं संलग्नक-१० के रूप में दाखिल की हैं। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि परिवादीगण ने उन्हें अनेक मांग पत्र प्रेषित किए जाने के बाबजूद बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया। ले आउट प्लान में हुए परिवर्तन की सूचना विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को प्राप्त कराई गई। परिवादीगण को इस तथ्य की भी जानकारी थी कि ले आउट प्लान में परिवर्तन के उपरान्त पार्क की भूमि पर देव स्थान तथा भुईयन देवी के मन्दिर का निर्माण किया गया है। परिवादी सं0-१ ने उक्त तथ्य के आलोक में पार्क फेसिंग यूनिट के कारण भुगतान की गई अतिरिक्त धनराशि के समायोजन की जानकारी हेतु एक पत्र भी विपक्षी को प्रेषित किया था। उक्त पत्र की प्रति शथप पत्र के साथ संलग्नक-१२ के रूप में दाखिल की गई। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत विला के निर्माण के उपरान्त परिवादीगण को फाइनल डिमाण्ड नोटिस दिनांकित ०९-०७-२०१३ भेजा गया तथा इस नोटिस में पी0एल0सी0 धनराशि के रूप में प्राप्त की गई ६८,३९५/- रू० की धनराशि का कुल देय धनराशि में समायोजन भी प्रदान किया गया। फाइनल डिमाण्ड नोटिस की प्रति शपथ पत्र के साथ संलग्नक-१३ के रूप में दाखिल की गई। फाइनल डिमाण्ड नोटिस जारी किए जाने के बाबजूद परिवादीगण ने शेष बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया। विपक्षीगण की ओर से यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है तथा विपक्षीगण द्वारा पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने हतु प्रार्थना पत्र भी सक्षम अधिकारी के समक्ष दिनांक ०८-०३-२०१६ को प्रेषित किया जा चुका है। प्रार्थना पत्र प्रेषित किए जाने
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के उपरान्त ०३ माह तक पूर्णता प्रमाण पत्र जारी किए जाने हेतु कोई निर्णय नहीं किए जाने पर यह माना जायेगा कि पूर्णता प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया। इस प्रकार विपक्षीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में कोई त्रुटि नहीं की गई है। स्वयं परिवादीगण द्वारा प्रश्नगत विला निर्माण कार्य पूर्ण हाने के बाबजूद बकाया धनराशि का भुगतान नहीं किया जा रहा है तथा भुगतान करके प्रश्नगत विला का कब्जा प्राप्त नहीं किया जा रहा है।
परिवादीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि निर्विवाद रूप से परिवादीगण ने अपनी सुविधानुसार तथा परिवादी सं0-२ के अवकाश ग्रहण के उपरान्त शान्तिपूर्ण एवं हरित वातावरण में रिहायस हेतु पार्क फेसिंग यूनिट हेतु विपक्षीगण की प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत आवेदन किया था तथा परिवादीगण की उक्त आवश्यकतानुसार विपक्षीगण द्वारा प्रश्नगत विला सं0-२५६ आबंटित की गई किन्तु विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को उक्त आबंटन के अनुसार पार्क फेसिंग विला प्राप्त नहीं कराया जा रहा है। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत आबंटन के सन्दर्भ में पक्षकारों के मध्य इकरारनामा निष्पादित किया गया। इस इकरारनामा के अन्तर्गत वर्णित कन्स्ट्रक्शन आफ विला हैडिंग की शर्त सं0-२ में निम्नलिखित प्रावधान किया गया है :-
In case the Said Villa is omitted due to change in the plan or the Company is unable to allot or hand over the same to the Allottee/s for any reason, whatsoever, beyond its control, the Company may offer an alternative Villa approximately of the same type/specification and in the event of non-acceptability by the Allottee/s or non-availability of alternate Villa, the Company may refund only the actual amount received from the Allottee/s till then and shall not be liable to pay any damages/compensation or interest to the Allottee/s, whatsoever. The Allottee/s irrevocably agrees not to raise any dispute/demand/claim against the Company on account of it not providing the Said Villa or alternate Villa.
परिवादीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि परिवाद के अभिकथनों की धारा-२४ एवं २५ में यह स्पष्ट रूप से परिवादीगण द्वारा अभिकथित किया गया कि प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत अनेक पार्क फेसिंग यूनिट उपलब्ध हैं तथा ऐसी यूनिटें
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उपलब्ध होने के बाबजूद विपक्षीगण द्वारा समान प्रकृति की वैकल्पिक यूनिट परिवादीगण को प्राप्त नहीं कराई गई। परिवादी सं0-२ ने अपने शपथ पत्र में परिवाद के उक्त अभिकथनों की पुष्टि की है। इस सनदर्भ में उल्लेखनीय है कि विपक्षीगण ने अपने प्रतिवाद पत्र की धारा-१६ में परिवादीगण के परिवाद की धारा-२४ एवं २५ के अभिकथन के सन्दर्भ में इस तथ्य से विशिष्ट रूप से इन्कार नहीं किया। विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत मूल लिखित कथन तथा संशोधन के उपरान्त मै0 एल्डिको हाउसिंग एण्ड इण्डस्ट्रीज लि0 द्वारा प्रस्तुत किए गये लिखित कथन तथा विपक्षीगण की ओर से प्रस्तुत किए गये शपथ पत्र में भी यह स्पष्ट रूप से अभिकथित नहीं किया गया कि प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत कोई अन्य पार्क फेसिंग यूनिट परिवादीगण को आबंटित यूनिट के समान आबंटन हेतु उपलब्ध नहीं थी। अत: यह निष्कर्ष निकाला जाना उपयुक्त होगा कि प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत मूल ले आउट प्लान में परिवर्तन के कारण मूल आबंटित विला के सामने पार्क प्राप्त कराना सम्भव न होने के बाबजूद प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत परिवादीगण को आबंटित मूल विला के समकक्ष अन्य पार्क फेसिंग यूनिट उपलब्ध होने के बाबजूद विपक्षीगण द्वारा परिवादीगण को अन्य उपलब्ण यूनिटों में से कोई यूनिट प्राप्त करने हेतु प्रस्तावित नहीं की गई।
ऐसी परिस्थिति में हमारे विचार से पक्षकारों के मध्य निष्पादित इकरारनामे की शर्तों का अनुपालन न करते हुए विपक्षीगण द्वारा सेवा में त्रुटि की गई। तद्नुसार परिवादीगण को आबंटित विला के समान क्षेत्रफल का अन्य विला उपलब्ध होने की स्थिति में परिवादीगण को उक्त विला पूर्व निर्धारित मूल्य पर दिलाया जाना अथवा उक्त प्रकार का विला उपलब्ध न होने की स्थिति में विकल्प के रूप में, परिवादीगण द्वारा विपक्षीगण को भुगतान की गई समस्त धनराशि परिवादीगण को ब्याज सहित वापस कराया जाना उपयुक्त होगा। परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता ने १८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज दिलाए जाने की प्रार्थना की तथा इस सन्दर्भ में यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि विपक्षीगण, पक्षकारों के मध्य निष्पादित संविदा के अनुसार किश्तों के भुगतान में विलम्ब की स्थिति में १८ प्रतिशत ब्याज प्राप्त करते हैं, अत: परिवादीगण भी इसी दर से विपक्षीगण से ब्याज प्राप्त करने के अधिकारी हैं।
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पक्षकारों के मध्य निष्पादित इकरारनामे की शर्तों के आलोक में परिवादीगण के विद्वान अधिवक्ता के इस तर्क में बल प्रतीत हो रहा है, अत: परिवादीगण को १८ प्रतिशत वार्षिक की दर से साधारण ब्याज दिलया जाना उपयुक्त होगा। क्योंकि परिवादीगण को भुगतान की गई धनराशि मय ब्याज वापस दिलायी जा रही है, अत: क्षतिपूर्ति के रूप में अतिरिक्त धनराशि दिलाए जाने का कोई औचित्य नहीं होगा। इसके अतिरिक्त १०,०००/- रू० वाद व्यय के रूप में दिलाया जाना भी न्यायोचित होगा। परिवाद तद्नुसार आंशिक रूप से स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
परिवाद आंशिक रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षीगण को निर्देशित किया जाता है कि वे निर्णय की प्रति प्राप्त किए जाने की तिथि से ४५ दिन के अन्दर परिवादीगण को उन्हें पूर्व में आबंटित विला सं0-२५६ के समान क्षेत्रफल की, प्रश्नगत योजना के अन्तर्गत अन्य पार्क फेसिंग यूनिट पूर्व मूल निर्धारित मूल्य पर, शेष बकाया धनराशि प्राप्त करके कब्जा प्रदान करें तथा विक्रय पत्र का निष्पादन किया जाना सुनिश्चित करें। समान प्रकार की अन्य विला उपलब्ध न होने की स्थिति में विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि परिवादीगण द्वारा जमा की गई सम्पूर्ण धनराशि उक्त निर्धारित अवधि में परिवादीगण को भुगतान करें। परिवादीगण इस धनराशि पर धनराशि जमा किए जाने की तिथि से सम्पूर्ण धनराशि की अदायगी तक १८ प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज भी विपक्षीगण से प्राप्त करने के अधिकारी होंगे।। इसके अतिरिक्त निर्धारित अवधि में विपक्षीगण, परिवादीगण को १०,०००/- रू० परिवाद व्यय के रूप में भी अदा करें।
उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार,
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट-२.