Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/06

N I Co - Complainant(s)

Versus

M/s Dubey Kirana Marchants - Opp.Party(s)

Surendra Pal Singh

21 Mar 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/06
( Date of Filing : 09 Jan 2006 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I Co
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Dubey Kirana Marchants
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 21 Mar 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-06/2006

National Insurance Company Ltd.

Versus

M/S Dubey Kirana Merchants Through Prop. Sunil Kumar Dubey & others

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री सुरेन्‍द्र पाल सिंह, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी सं0 1 की ओर से उपस्थित:- श्री सचिन चौहान, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी सं0 2 की ओर से उपस्थित:- कोई नहीं  

दिनांक :21.03.2024 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

  1.           परिवाद संख्‍या-861/2003, मे0 दुबे किराना मर्चेन्‍टस बनाम नेशनल  में विद्वान जिला आयोग, कानपुर नगर द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 23.11.2005 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। यद्यपि प्रत्‍यर्थी के विद्धान अधिवक्‍ता श्री सचिन चौहान मौजूद हैं, परंतु उनके द्वारा कोई बहस नहीं की गयी। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
  2.       जिला उपभोक्‍ता आयोग ने परिवाद स्‍वीकार करते हुए सर्वे रिपोर्ट के आधार पर की गयी क्षति के आंकलन के अनुसार अवशेष राशि 08 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करने का आदेश पारित किया है।
  3.        परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार बीमित परिसर में शार्ट-सर्किट के कारण आग लग जाने के कारण अंकन 4,25,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति के लिए बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया। बीमा कम्‍पनी द्वारा सर्वेयर की नियुक्ति की गयी। सर्वेयर द्वारा अपनी रिपोर्ट में 1,70,000/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया, परंतु बीमा कम्‍पनी द्वारा परिवादी को अंकन 1,27,383/-रू0 का भुगतान किया गया, इसलिए जिला उपभोक्‍ता  आयोग द्वारा सर्वेयर रिपोर्ट तथा भुगतान के अंतर की राशि को अदा करने का आदेश पारित किया है।
  4.        बीमा कम्‍पनी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि बीमाधारक को स्‍वैच्‍छा के साथ अंतिम रूप से अंकन 1,27,383/-रू0 की धनराशि बतौर क्‍लेम प्राप्‍त कराया गया था, जिसे परिवादी द्वारा स्‍वीकार कर लिया गया था, इसलिए इस धनराशि को स्‍वीकार करने के पश्‍चात उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत करने का कोई अधिकार प्राप्‍त नहीं था। अपने तर्क की पुष्टि में इस पीठ क अवलोकनार्थ डिस्‍चार्ज बाउचर की प्रति प्रस्‍तुत की गयी है, जिस पर परिवादी के हस्‍ताक्षर मौजूद है और इस डिस्‍चार्ज बाउचर के अनुसार बीमा क्‍लेम के रूप में अंकन 1,27,383/-रू0 का भुगतान परिवादी द्वारा अंतिम रूप से पूर्ण संतुष्टि के साथ स्‍वीकार किया गया है। अत: इस स्थिति में संविदा अधिनियम की धारा 63 के प्रावधान लागू होते हैं। पूर्ण रूप से अंतिमता के साथ तथा स्‍वैच्‍छा से अंकन 1,27,383/-रू0 की राशि लेने के पश्‍चात बीमा कम्‍पनी का उत्‍तरदायित्‍व समाप्‍त हो जाता है। अत: चूंकि कोई उत्‍तरदायित्‍व अवशेष नहीं रहता, इसलिए परिवाद प्रस्‍तुत करने के लिए कोई वाद कारण भी अवशेष नहीं रहता। तदनुसार साबित है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अवैध रूप से अपना निर्णय/आदेश पारित किया गया है, जो अपास्‍त होने योग्‍य है।   

आदेश

       अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज अपीलार्थी को    यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।

    आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

      संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 3

  

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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