(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
अपील सं0 :-1968/2015
(जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) द्वारा परिवाद सं0- 328/2010 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 29/04/2015 के विरूद्ध)
Rajesh Chauhan S/O Late Sh. S.B. Chauhan R/O Village Gijhor, Sector-53, Noida, District Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh Also at SPCL, 3rd Floor, Sahara Mall, M.G. Road, Sector-28, Gurgaon, Haryana-122002
- Appellant
Versus
- M/S Dipakshi Nursing & Maternity Home Pvt. Ltd At C-53A, Sector-33, Noida (Opp. NTPC HOUSING Complex) Distt. Gautam Budh Nagar, Uttar Pradesh
- United India Insurance Co. Ltd. Capital Cinema Building Vs Marg, Lucknow, U.P. (As Insured O.P. No. 1)
- Dr. B.P. Gupta C/O Dipakshi Nursing & Maternity Home Pvt Ltd At c-53A, Sector-33, Noida (Opp. NTPC Housing Compex)
- United India Insurance Co. Ltd Capital Cinema Building, Vs Marg, Lucknow Uttar Pradesh.
- Respondents
समक्ष
- मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
- मा0 श्री विकास सक्सेना, सदस्य
उपस्थिति:
अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्ता:- श्री आनंद कुमार सिंह
प्रत्यर्थी सं0 1 की ओर से विद्वान अधिवक्ता:-श्री बृजेन्द्र चौधरी
दिनांक:-02.12.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
- जिला उपभोक्ता आयोग, गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) द्वारा परिवाद सं0 328/2010 राजेश चौहान बनाम मैसर्स दीपाक्षी नर्सिंग व 3 अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 29.04.2015 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गयी है।
- अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि इस पीठ द्वारा देरी माफ की जा चुकी है, जबकि प्रत्यर्थी के विद्धान अधिवक्ता का तर्क है कि देरी कभी माफ नहीं हुई और देरी माफ करने का कोई आवेदन भी प्रस्तुत नहीं किया गया है। आदेश पंजिकाओं के अवलोकन से ज्ञात होता है कि दिनांक 09.10.2015 को यह आदेश पारित किया है कि त्रुटि विद्यमान है, इसलिए त्रुटि का निवारण किया जाये। अंगीकरण के बिन्दु पर सुनवाई के लिए 21.12.2015 नियत की गयी। इस तिथि को अपील अंगीकृत नहीं की गयी। दिनांक 10.02.2016 को यह आदेश पारित हुआ कि यद्यपि अपील ग्राहृय की जाती है, लेकिन देरी माफी पर पारित आवेदन के तहत जिसका निस्तारण अंतिम सुनवाई के समय किया जायेगा। इस आदेश का तात्पर्य यह है कि देरी माफी के आवेदन के निस्तारण के तहत अपील ग्राहृय की गयी है। अपील के ज्ञापन के साथ निर्णय की प्रमाणिक प्रतिलिपि प्रस्तुत की गयी है और मर्यादा अधिनियम की धारा 5 के अंतर्गत आवेदन प्रस्तुत करने का उल्लेख किया गया है। यह आवेदन पत्रावली पर दस्तावेज सं0 19 पर मौजूद है, जिसमें उल्लेख है कि जुलाई 2015 में निष्पादन आवेदन प्रस्तुत किया गया, परंतु अपील प्रस्तुत नहीं की गयी। देरी का कोई कारण यथार्थ में इस आवेदन में वर्णित नहीं किया गया, इसलिए पर्याप्त होने का प्रश्न ही नहीं उठता। अत: देरी माफ करने का कोई आधार इस आवेदन में वर्णित न होने के कारण देरी माफ करने का कोई औचित्य नहीं है। अत: देरी माफी का आवेदन खारिज किया जाता है। तदनुसार अपील खारिज की जाती है।
-
अपील खारिज की जाती है। यद्यपि स्पष्ट किया जाता है कि जिला उपभोक्ता आयोग 03 माह के अंदर परिवाद सं0 328/2010 में पारित निर्णय एवं आदेश के अनुपालन में प्रस्तुत की गयी निष्पादन कार्यवाही का निस्तारण करना सुनिश्चित करे तथा अनुपालन रिपोर्ट इस आयोग के समक्ष प्रेषित करे।
उभय पक्ष अपीलीय वाद व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(विकास सक्सेना)(सुशील कुमार)
संदीप आशु0कोर्ट नं0 2