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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 211 सन् 2011
प्रस्तुति दिनांक 12.07.2011
निर्णय दिनांक 30.12.2020
ब्रजवासी लाल श्रीवास्तव पुत्र स्वo भगवान लाल, निवासी मुहल्ला- रैदोपुर नई बस्ती, शहर- आजमगढ़ थाना- कोतवाली।
.........................................................................................परिवादी।
बनाम
मेसर्स कापर हाउस, सिविल लाईन, श्री ज्ञानेन्द्र बहादुर सिंह (ज्ञानू) की बैठक के बगल में, शहर- आजमगढ़, थाना कोतवाली द्वारा राजू जायसवाल पुत्र श्री श्याम सुन्दर जायसवाल।
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने दिनांक 25.05.2010 को एक पॉवर इनवर्टर विपक्षी से मुo 3000/- में खरीदा था। विपक्षी द्वारा पहले दिया गया इनवर्टर को बदल कर उस पर 1000/- मोजर करके उसने 2000/- रुपया नकद लिया। नए इनवर्टर की मियाद की गारण्टी एक वर्ष के लिए विपक्षी द्वारा गारण्टी दी गयी। उन्होंने आश्वस्त किया था कि मियाद भीतर इनवर्टर खराब होने पर उसको वापस ले लेंगे। विपक्षी द्वारा दिया गया इनवर्टर शुरू से ही पूरा पावर नहीं उठा रहा था। उस पर विपक्षी ने बैटरी बदल कर नई बैटरी लगाने का अनुरोध किया तो मैंने दूसरी नई बैटरी 180 एम्पीयर की खरीदा परन्तु उस पर भी इनवर्टर में कोई बदलाव नहीं आया और वह ठीक से काम नहीं करता था। एक पंखा भी उससे नहीं चल पाता था। माह जून 2007 में परिवादी का इनवर्टर ठीक करने के लिए विपक्षी अपनी फर्म पर ले गया और चार दिन बाद यह कहते हुए लौटाया कि इनवर्टर का पावर बढ़ा दिया गया है अब वह ठीक से काम करेगा, परन्तु उसमें कोई बदलाव नहीं हुआ और जैसे था वैसे ही रह गया। जुलाई माह में मेरी शिकायत पर उसको ठीक करने के लिए इनवर्टर फिर ले गए और आश्वस्त किया कि बिल्कुल ठीक कर दिया है। इसके बावजूद इनवर्टर में कोई बदलाव नहीं आया और मेरी परेशानी बढ़ती गयी तब मैंने उनसे प्रार्थना किया कि आप इनवर्टर वापस ले लें और कुछ पेनाल्टी के तौर पर 100/-200/- रुपया काट कर बाकी पैसे दे दें। लेकिन विपक्षी ने यह कहा कि वह न तो इनवर्टर लेगा न तो रुपया वापस करेगा। अतः परिवादी को विपक्षी से 3000/- रुपया इनवर्टर का मूल्य
P.T.O.
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वापस करवाया जाए और आर्थिक क्षति भी दिया जाए।
परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी द्वारा कागज संख्या 8 कॉपर हाउस सिविल लाईन्स-आजमगढ़ द्वारा जारी की गयी मूल्य की रसीद प्रस्तुत की गयी है इसमें एक वारण्टी भी है जिसमें यह लिखा है कि क्वायल जलने पर उसे बदला जाएगा।
विपक्षी द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया गया है और विशेष कथन में यह कहा है कि दावा बदनीयति से प्रस्तुत किया गया है। याची ने विपक्षी के प्रतिष्ठान से दिनांक 25.05.2010 को एक लोकल मेड पॉवर इनवर्टर मुo 3000/- रुपया कीमत का क्रय किया गया और पूर्व में क्रय किए गए पुराने इनवर्टर को वापस कर दिया गया जिसकी कीमत मुo 1000/- रुपया आकी गयी। लेहाजा पुराने इनवर्टर की अनुमानित राशि को कटाने के बाद मुo 2000/- रुपए में क्रय किया गया। जिसकी कीमत आज भी बकाया है। जिसकी मांग बराबर याची से की जा रही है। याची की नीयत खराब है। क्रय किए गए इनवर्टर पर कोई भी गारण्टी नहीं दी गयी थी। परिवादी कोई भी दादरसी पाने के लिए अधिकृत नहीं है। अतः परिवाद खारिज किया जाए।
सुनवाई के समय परिवादी अनुपस्थित। विपक्षी उपस्थित। विपक्षी को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी द्वारा एक बिल प्रस्तुत की गयी है, जिसमें वारण्टी है और उसमें यह लिखा हुआ है कि क्वालय जलने पर उसे बदला जाएगा। इस प्रकार जो कथन परिवादी ने किया है वह स्वीकार नहीं है। अतः हमारे विचार से वह कोई भी दादरसी पाने का अधिकारी नहीं है।
आदेश
परिवाद-पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 30.12.2020
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)