Uttar Pradesh

StateCommission

A/2010/1386

Prem Narain Singh - Complainant(s)

Versus

M/s Chandra Automobile - Opp.Party(s)

R N Pandey

26 Sep 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2010/1386
( Date of Filing : 11 Aug 2010 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. Prem Narain Singh
a
...........Appellant(s)
Versus
1. M/s Chandra Automobile
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 26 Sep 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-1386/2010

प्रेम नारायण सिंह पुत्र श्री कल्‍प सिंह बनाम मैसर्स चन्‍द्रा आटोमोबाइल बकवल जिला मऊ

समक्ष:-                                                   

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : कोई नहीं।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित         : कोई नहीं।                           

दिनांक : 26.09.2023 

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.         परिवाद संख्‍या-19/2006, प्रेम नारायण सिंह बनाम प्रबंधक मैसर्स चन्‍द्रा आटोमोबाइल में विद्वान जिला आयोग, मऊ द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 8.7.2010 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गई अपील पर बल देने हेतु उभय पक्ष की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। अत: पीठ द्वारा स्‍वंय प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश के अवलोकन से ज्ञात होता है कि विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर खारिज किया है कि परिवादी द्वारा जो ट्रैक्‍टर क्रय किया गया था, उसके संबंध में वाद कारण दिनांक 12.11.2003 को उत्‍पन्‍न हुआ है, जबकि परिवाद दिनांक 1.3.2006 को प्रस्‍तुत किया गया है। उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत करने से पूर्व मा0 उच्‍च न्‍यायालय की लखनऊ खंड पीठ के समक्ष याचिका सं0-6205/2004 भी प्रस्‍तुत की गई थी, इसलिए एक ही बिन्‍दु पर दो-दो बार कार्यवाही अमल में लायी गयी। परिवाद देरी से प्रस्‍तुत किए जाने का कोई कारण स्‍पष्‍ट नहीं किया गया है। अत: विद्वान जिला आयोग के निर्णय/आदेश में किसी प्रकार की कोई अवैधानिकता नहीं है। तदनुसार प्रस्‍तत अपील निरस्‍त होने योग्‍य है।

आदेश

3.         प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है।          

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

    

(सुधा उपाध्‍याय)                           (सुशील कुमार(

  सदस्‍य                                   सदस्‍य

  लक्ष्‍मन, आशु0,  कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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