राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1410/1999
(मौखिक)
(जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्या 1028/1993 में पारित आदेश दिनांक 08.03.1999 के विरूद्ध)
डा0 ऊषा मोहन पत्नी डा0 दिनेश मोहन निवासी- सिविल लाइंस, जिला मुरादाबाद
........................अपीलार्थी/परिवादिनी
बनाम
मै0 ब्लू स्टार लि0, 13, कम्युनिटी सेंटर, न्यू फ्रेण्ड्स कालोनी, नई दिल्ली
...................प्रत्यर्थी/विपक्षी
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री एम0एच0 खान,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 03.02.2022
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री एम0एच0 खान को सुना। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
प्रस्तुत अपील जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्या-1028/1993 डा0 ऊषा मोहन बनाम मैसर्स ब्लू स्टार लि0 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 08.03.1999 के विरूद्ध इस न्यायालय में योजित की गयी, जो विगत लगभग 23 वर्षों से लम्बित है।
विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख उभय पक्षों द्वारा साक्ष्य एवं शपथ पत्र की छायाप्रतियॉं प्रस्तुत की तथा परिवादिनी के शपथ पत्र के परिशीलन से यह पाया गया कि विपक्षी ने जो एयर कण्डीशनर परिवादिनी को बिक्री किया, उसमें कुछ त्रुटियॉं पायी गयीं तथा उन त्रुटियों के कारण जो परेशानी परिवादिनी को हुई उसके सम्बन्ध में परिवादिनी ने विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग के सम्मुख परिवाद पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि उसके द्वारा इंगित त्रुटियों का निवारण संतोषजनक रूप से नहीं हो पायेगा तब उस स्थिति में उसे नया एयर कण्डीशनर प्रदान किया जावे अथवा उसका मूल्य दिलवाया जावे।
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विपक्षी कम्पनी द्वारा परिवादिनी द्वारा इंगित त्रुटियों के निवारण हेतु अपनी कम्पनी के विशेषज्ञ उपरोक्त एयर कण्डीशनर को ठीक करने हेतु भेजे गये। दिनांक 20.06.1993 को विपक्षी कम्पनी के प्रतिनिधियों के द्वारा एयर कण्डीशनर परिवादिनी की अनुपस्थिति में देखा गया एवं एयर कण्डीशनर के संतोषजनक रूप से न चलने की आख्या भी प्रस्तुत की गयी।
समस्त तथ्यों को दृष्टिगत रखते हुए जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवादिनी के एयर कण्डीशनर का दोष दूर करने व मानसिक कष्ट का हर्जाना प्राप्त कराने की परिवादिनी की प्रार्थना को दृष्टिगत रखते हुए मानसिक कष्ट के एवज में 1,000/-रू0 तथा परिवाद व्यय के रूप में 500/-रू0 प्रदान करने का आदेश पारित किया, साथ ही एयर कण्डीशनर को संतोषजनक रूप से चालू करने का भी दिशा-निर्देश विपक्षी कम्पनी को दिया।
जैसा कि ऊपर उल्लिखित किया गया है कि प्रस्तुत अपील विगत लगभग 23 वर्षों से लम्बित है तथा एयर कण्डीशनर का क्रय एवं दोष वर्ष 1993 में इंगित किया गया था अर्थात् लगभग 29 वर्ष पूर्व का है तथा यह कि यदि प्रत्यर्थी/विपक्षी कम्पनी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग के निर्णय एवं आदेश का अनुपालन सुनिश्चित नहीं किया गया हो तब उस दशा में प्रत्यर्थी/विपक्षी कम्पनी द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निर्धारित क्षतिपूर्ति धनराशि 1,000/-रू0 एवं परिवाद व्यय के रूप में निर्धारित धनराशि 500/-रू0 परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि से उपरोक्त धनराशि की देयता की तिथि तक 05 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज सहित अपीलार्थी/परिवादिनी को अथवा उसके कानूनी वारिस को प्रदान करने हेतु आदेशित किया जाता है। तदनुसार प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1