(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2502/2007
आर.बी. मोटर्स प्राइवेट लिमिटेड बनाम मैसर्स भगवान दास विशम्भर नाथ तथा एक अन्य
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
दिनांक : 30.08.2024
माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-134/1999, मैसर्स भगवान दास विशम्भर नाथ बनाम दि प्रीमियर आटो मोबाइल्स लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला आयोग, मथुरा द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.11.2006 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री वी.पी. शर्मा के सहायक अधिवक्ता श्री सत्येन्द्र सिंह को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से नोटिस के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है। प्रत्यर्थी को उसी पते पर नोटिस निर्गत की गई थी, जो पता परिवाद पत्र में अंकित है। अत: प्रत्यर्थी पर नोटिस की तामीली की उपधारणा की जाती है।
2. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि विपक्षी संख्या-2 के माध्यम से विपक्षी संख्या-1 से वाहन की बुकिंग कराई गई है, इसलिए बुकिंग के कैन्सिल होने के कारण अंकन 20,000/-रू0 वापस लौटाने का आदेश विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध पारित किया जाना चाहिए। अपने इस तर्क के समर्थन में नजीर, प्रेम नाथ मोटर्स लि0 बनाम अनुराग मित्तल प्रस्तुत की गई है, जिसमें व्यवस्था दी गई है कि बुकिंग लौटाने का दायितव वाहन निर्माता कंपनी को है। अत: यह अपील तदनुसार आंशिक रूप से स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
3. प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 22.11.2006 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि धनराशि अदायगी का उत्तरदायित्व विपक्षी संख्या-1 का होगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित संबंधित विद्वान जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार(
सदस्य सदस्य
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2