ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम परिवादिनी ने यह अनुतोष मांगा है कि विपक्षीगण से उसे मेडिक्लेम की धनराशि 29,806/-रूपया 18 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दिलाई जाऐ। क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 60,000/-रूपया तथा परिवाद व्यय की मद में 10,194/- रूपया परिवादिनी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- परिवाद कथन संक्षेप में इस प्रकार है कि परिवादिनी ने दिनांक 12/7/2006 को विपक्षीगण से बीमारी जोखिम बीमा कराया था जिसका नवीनीकरण उसने वर्ष 2007 में और अन्तिम बार दिनांक 16/7/2008 को प्रीमियम राशि अदा करने के उपरान्त कराया था। जून, 2009 के प्रारम्भ में परिवादिनी को यूट्रस सम्बन्धी शिकायत हुई। इस सिलसिले में वह दिनांक 03/6/2009 को सांई अस्पताल, मुरादाबाद में भर्ती हुई जहां आपरेशन द्वारा उसका यूट्रस निकाल दिया गया। दिनांक 07/6/2009 को अस्पताल से परिवादिनी को छुट्टी दे दी गई। परिवादिनी के अनुसार उसका बीमा कैशलैस सुविधा सहित था और सांई अस्पताल भी कैशलैस सुविधा हेतु विपक्षीगण की लिस्ट में है, किन्तु सांई अस्पताल द्वारा परिवादिनी को कैशलैस सुविधा प्रदान नहीं की गई। दवाईयों सहित उसने 29,806/- रूपये का भुगतान सांई अस्पताल को किया। इसकी सूचना परिवादिनी ने विपक्षीगण के कार्यालय को दी और दिनांक 23/6/2009 को बीमा दावा विपक्षीगण के समक्ष प्रस्तुत कर दिया। विपक्षीगण ने पत्र दिनांकित 15/7/2009 द्वारा परिवादिनी का बीमा दावा खण्डित कर दिया जिसके विरूद्ध परिवादिनी ने दिनांक 12/8/2009 को पत्र लिखकर भुगतान का पुन: अनुरोध किया जिसका विपक्षीगण ने कोई उत्तर नहीं दिया। परिवादिनी का यह भी कहना है कि यूट्रस की बीमारी उसे पालिसी लेने के लगभग 3 वर्ष बाद हुई, जिस कारण बीमा पालिसी में उल्लिखित अपवर्जन क्लाज 7 सी.2 परिवादिनी पर लागू नहीं होती। परिवादिनी के अनुसार विधि विरूद्ध तरीके से बीमा दावा अस्वीकृत कर विपक्षीगण ने सेवा देने में तो कमी की ही है साथ ही साथ अनुचित व्यापार पद्धति भी अपनाई। परिवादिनी ने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष स्वीकार किऐ जाने की प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ परिवादिनी ने दिनांक 12/7/2009 से प्रारम्भ अपनी बीमा पालिसी सं0-0023777084 के पालिसी शिडयूल, परिवादिनी के पति श्री राजेश सिंघानिया के नाम अभिकथित रूप से विपक्षीगण द्वारा जारी पालिसी सं0-0103228326 जो दिनांक 11/7/2008 से प्रारम्भ होना दर्शाया गया है, के प्रथम प्रीमियम की अदायगी की रसीद, इस पालिसी के बीमा शिडयूल, परिवादिनी के पैन कार्ड और कैशलैस कार्ड की फोटो प्रतियों, क्लेम फार्म, सांई अस्पताल में हुऐ खर्चे के बिल, विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी के बीमा दावे को निरस्त किऐ जाने सम्बन्धी परिवादिनी को भेजे गऐ पत्र दिनांकित 15/7/2009 एवं दावे के निस्तीकरण को समाप्त कर बीमा राशि के भुगतान हेतु परिवादिनी द्वारा विपक्षी को लिखे गऐ पत्र की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-3/5 लगायात 3/25 हैं।
- फोरम के आदेश दिनांक 27/11/2009 के अनुपालन में विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध परिवाद की सुनवाई एकपक्षीय की गई।
- विपक्षी सं0-2-बजाज एलियान्ज लाइफ इंश्योरेंस कम्पनी लि0 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-13/1 लगायत 13/4 प्रस्तुत हुआ। इसमें यह तो स्वीकार किया गया है कि दिनांक 12/7/2006 को विपक्षीगण ने परिवादिनी के नाम बीमारी जोखिम बीमा पालिसी जारी की गई थी, किन्तु शेष परिवाद कथनों से इन्कार किया गया। अग्रेत्तर कथन किया गया कि दिनांक 12/7/2006 को जारी पालिसी दिनांक 12/7/2008 को लैप्स हो गई थी अत: परिवादिनी कोई क्लेम पाने की अधिकारिणीं नहीं हैं। चॅूंकि परिवादिनी ने तीसरे साल का प्रीमियम नहीं दिया था जिस कारण पालिसी लैप्स हुई। विशेष कथनों में कहा गया है कि परिवादिनी ने दिनांक 12/7/06 को जारी पालिसी सं0-0023777084 का नवीनीकरण दिनांक 16/7/2008 की तारीख में कराना जाहिर किया है, किन्तु उसने इस नवीनीकरण की कोई रसीद दाखिल नहीं की। परिवादिनी द्वारा जब यूट्रस का आपरेशन कराया जाना बताया गया है तब तक उसकी बीमा पालिसी लैप्स हो चुकी थी। बीमा दावे को अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने न तो सेवा में कमी की और न ही अनुचित व्यापार पद्धति अपनाई। अतिरिक्त यह भी कथन किया गया कि परिवाद कालबाधित है। उपरोक्त कथनों के आधार पर परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की गई।
- जब परिवाद की सुनवाई दोनों विपक्षीगण के विरूद्ध एकपक्षीय चल रही थी तो परिवादिनी ने अपना एकपक्षीय साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3 दाखिल किया था। विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध एकपक्षीय सुनवाई का आदेश रिकाल होने के उपरान्त जब परिवादिनी के साक्ष्य का अवसर आया तो उसने अपने इस एकपक्षीय साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-6/1 लगायत 6/3 को अपने साक्ष्य के रूप में स्वीकार किया जैसा कि पत्रावली के आदेश दिनांक 31/10/2011 में उल्लेख है।
- विपक्षी सं0-2 की ओर से विपक्षी सं0-1 के सीनियर डिविजनल मैनेजर श्री सरबजीत कुकरेजा का साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-16/1 लगायत 16/3 दाखिल हुआ। परिवादिनी और उसके पति राजेश सिंघानिया ने प्रत्युत्तर में अपना संयुक्त प्रत्युत्तर शपथ पत्र कागज सं0-17/1 लगायत 17/5 दाखिल किया जिसके साथ उन्होंने अपनी फर्म की बैंक पासबुक और स्टेटमेंट आफ एकाउन्ट की नकल दाखिल की। विपक्षी सं0-2 की ओर से विपक्षी सं0-1 के सीनियर ब्रांच मैनेजर ने अतिरिक्त प्रति शपथ पत्र कागज सं0-21/1 लगायत 21/5 दाखिल किया जिसके साथ परिवादिनी के पति के नाम अभिकथित रूप से वर्ष 2008 में जारी पालिसी सं0-0103228326 और उसकी पालिसी की शर्तों को दाखिल किया गया। प्रत्युत्तर में परिवादिनी और उसके पति ने अतिरिक्त प्रत्युत्तर शपथ पत्र कागज सं0-22/1 लगायत 22/6 दाखिल किया। विपक्षीगण की ओर से पालिसी सं0-0103228326 के पालिसी डाकुमेंट की नकले्ं कागज सं0-27/1 लगायत 27/15 को दाखिल किया गया जिसके सन्दर्भ में परिवादिनी और उसके पति ने अतिरिक्त संयुक्त शपथ पत्र कागज सं0-28/1 लगायत 28/2 दाखिल किया जिसके साथ उन्होंने अपनी फर्म के बैंक एकाउन्ट की फोटो कापी को दाखिल किया। जबाब में विपक्षी सं0-1 के शाखा प्रबन्धक ने अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-29/1 लगायत 29/2 प्रस्तुत किया।
- परिवादिनी की ओर से लिखित बहस दाखिल नहीं हुई। विपक्षी सं0-2 की ओर से लिखित बहस कागज सं0-24/1 लगायत 24/4 दाखिल हुई।
- हमने परिवादिनी और विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- दोनों पक्षों के मध्य इस बिन्दु पर कोई विवाद नहीं है कि विपक्षीगण ने परिवादिनी के नाम दिनांक 12/7/2006 से प्रारम्भ एक मेडी हैल्थ केयर पालिसी 3 वर्ष के लिए जारी की थी। यह पालिसी दिनांक 12/7/2009 तक अवधि के लिए थी। इस पालिसी का नं0-0023777084 था। इस पालिसी के पालिसी शिडयूल की फोटो कापी पत्रावली का कागज सं0-3/5 लगायत 3/7 है। इस पालिसी की प्रपोजल डिपाजिट रसीद पत्रावली का कागज सं0-3/8 है। पक्षकारों के मध्य इस बिन्दु पर भी कोई विवाद नहीं है कि वर्ष 2007 में परिवादिनी ने इस पालिसी का वार्षिक प्रीमियम समय से अदा किया था। पालिसी शिडयूल कागज सं0-3/5 के अनुसार इस पालिसी के अन्तिम प्रीमियम अदायगी की तारीख 12/7/2008 थी।
- पक्षकारों के मध्य विवाद वर्ष 2008 में पालिसी के रिन्यूबल को लेकर है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि पालिसी के अन्तिम प्रीमियम की अदायगी डयू डेट 12/7/2008 से पूर्व दिनांक 11/7/2008 को ही कैनरा बैंक, मुरादाबाद के खाता सं0-5023 पर आहरित चैक सं0-240650 के द्वारा परिवादिनी ने विपक्षीगण को कर दी थी जैसा कि पत्रावली में अवस्थित बैंक की पासबुक की नकल कागज सं0-17/8 से प्रकट है और यह चैक विपक्षीगण के खाते में दिनांक 14/7/2008 को क्रेडिट हो गया था जैसा कि पत्रावली में अवस्थित बैंक स्टेटमेंट की नकल कागज सं0-17/7 से प्रकट है। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि इस प्रकार परिवादिनी ने दिनांक 12/7/2008 को डयू रिन्यूवल प्रीमियम की अदायगी विपक्षीगण को ड्यू डेट से पूर्व कर दी थी इसके बावजूद विपक्षीगण ने परिवादिनी की पालिसी सं0-0023777084 को दिनांक 12/7/2008 की तिथि से लैप्स हो जाना मानते हुऐ परिवादिनी का मेडिक्लेम रिप्यूडिऐशन लेटर दिनांकित 15/7/2009 (पत्रावली का कागज सं0-3/24) द्वारा विधि विरूद्ध तरीके से अस्वीकृत कर दिया। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि परिवादिनी अथवा उसके पति ने विपक्षीगण से वर्ष 2008 में कोई दूसरी पालिसी लेने का न तो अनुरोध किया और न ही किसी नई पालिसी हेतु कोई प्रपोजल फार्म भरा इसके बावजूद विपक्षीगण ने धोखाधड़ी करते हुऐ चैक सं0-240650 दिनांकित 11/7/2008 के माध्यम से परिवादिनी द्वारा अदा किऐ गऐ रिन्यूवल प्रीमियम के सापेक्ष एक नई पालिसी सं0- 0103228326 दिनांक 11/7/2008 से प्रारम्भ होना जाहिर करते हुऐ परिवादिनी के पति के नाम जारी कर दी और उसमें परिवादिनी को नोमिनी दर्शा दिया गया। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता ने जोर देकर कहा कि चैक दिनांकित 11/7/2008 विपक्षीगण को पालिसी सं0-0023777084 के दिनांक 12/7/2008 से अग्रेत्तर रिन्यूवल हेतु दिया गया था किन्तु विपक्षीगण ने उक्त पालिसी का रिन्यूबल न करके बेईमानी से धोखाधड़ी करते हुऐ परिवादिनी के पति के नाम नई पालिसी सं0-0103228326 जारी कर दी। परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि पालिसी सं0-0023777084 का दिनांक 12/7/2008 को डयू वार्षिक प्रीमियम परिवादिनी द्वारा चॅूंकि डयू डेट से पहले ही कैनरा बैंक के चैक दिनांक 11/7/2008 द्वारा विपक्षीगण को दे दिया था अत: परिवादिनी की पालिसी किसी भी दृष्टि से दिनांक 12/7/2008 को लैप्स नहीं हुई थी और विपक्षीगण को परिवादिनी का मेडिक्लेम अस्वीकृत करने का कोई अधिकार नहीं था उन्होंने परिवाद में अनुरोधित अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि दिनांक 12/7/2008 को ड्यू वार्षिक प्रीमियम अदा न किऐ जाने की वजह से परिवादिनी की पालिसी सं0-0023777084 दिनांक 12/7/2008 से लैप्स हो गई थी। परिवादिनी के पति द्वारा दूसरी पालिसी सं0-0103228326 ले ली गई थी जो दिनांक 11/7/2008 से प्रारम्भ थी। परिवादिनी के यूट्रस के आपरेशन के समय तक पालिसी सं0- 0103228326 को जारी हुऐ 2 वर्ष नहीं हुऐ थे अत: बीमा पालिसी की शर्त जो पत्रावली के कागज सं0-21/7 में दृष्टव्य है, के आलोक में परिवादिनी का मेडिक्लेम अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की।विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह भी कह गया कि कैनरा बैंक के चैक सं0-240650 दिनांक 11/7/2008 द्वारा 9,423/- रूपये की जो धनराशि विपक्षीगण को अदा की गई थी वह पालिसी सं0-0023777084 के रिन्यूवल के प्रीमियम की अदायगी से सम्बन्धित नहीं थी बल्कि परिवादिनी के पति ने नई पालिसी हेतु आवेदन किया था। इस सन्दर्भ में विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता ने हमारा ध्यान अभिकथित रूप से जारी की गई एक दूसरी पालिसी सं0-0103228326 से सम्बन्धित प्रपत्रों कागज सं0-27/1 लगायत 27/15 और 21/6 व 21/7 की ओर आकर्षित किया। विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता ने यह तर्क देते हुऐ कि पहली बीमा पालिसी चॅूंकि 12/7/2008 को लैप्स हो गई थी और दूसरी पालिसी सं0-0103228326 को जारी हुऐ 2 वर्ष नहीं हुऐ थे अत: बीमा पालिसी की शर्तों के अनुसार परिवादिनी का मेडिक्ल अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने कोई त्रुटि नहीं की उन्होंने परिवाद को खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- पत्रावली में अवस्थित पासबुक की नकल कागज सं0-17/8 तथा कैनरा बैंक के बैंक स्टेटेमेंट कागज सं0-17/7 तथा विपक्षीगण के अतिरिक्त प्रति शपथ पत्र कागज सं0-21/2 लगायत 21/5 के संलग्नक के रूप में दाखिल पालिसी एकाउटिंग इन्क्यारी कागज सं0-21/6 के अवलोकन से प्रकट है कि दिनांक 11/7/2008 को 9,423/- रूपये का जो चैक सं0-240650 परिवादिनी पक्ष की ओर से विपक्षी बीमा कम्पनी के नाम जारी हुआ था वह दिनांक 14/7/2008 को बीमा कम्पनी के खाते में क्रेडिट हो गया था। पालिसी सं0-0023777084 के अन्तिम प्रीमियम अदायगी की तारीख 12/7/2008 थी। चॅूंकि दिनांक 12/7/2008 से पूर्व अर्थात् 11/7/2008 को ही परिवादिनी पक्ष की ओर से बीमा कम्पनी को पालिसी रिन्यूबल का चैक जारी कर दिया गया था जो बैंक के खाते में के्डिट भी हो गया अत: IV (2011) सी0पी0जे0 पृष्ठ-119, ओरियन्टल इंश्योरेंस कम्पनी लिमिटेड बनाम धर्म चन्द आदि के मामले में मा0 सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दी गई व्यवस्था के दृष्टिगत दिनांक 12/7/2008 को देय प्रीमियम की अदायगी विपक्षी बीमा कम्पनी को डयू डेट से पूर्व कर दिया जाना प्रमाणित है। मा0 सर्वोच्च न्यायालय की इस विधि व्यवस्था के दृष्टिगत यह नहीं माना जा सकता कि दिनांक 12/7/2008 को परिवादिनी की ओर से बीमा कम्पनी को पलिसी सं0-0023777084 के रिन्यूबल प्रीमियम का भुगतान नहीं हुआ था। विपक्षीगण ने परिवादिनी की पालिसी को दिनांक 12/7/2008 से लैप्स मानकर त्रुटि की है।
- विपक्षी सं0-2 के विद्वान अधिवक्ता ने पत्रावली में अवस्थित कागज सं0-21/6 एवं 27/1 लगायत 27/15 का अबलम्व लेते हुऐ यह दर्शाने का असफल प्रयास किया कि दिनांक 11/7/2008 के चैक द्वारा 9,423/- रूपये की जो धनराशि परिवादिनी पक्ष द्वारा बीमा कम्पनी को अदा की गई थी, वह नई पालिसी सं0-0103228326 लेने हेतु थी, किन्तु इसे प्रमाणित करने में बीमा कम्पनी नि:तान्त असफल रही है। अतिरिक्त प्रत्युत्तर शपथ पत्र कागज सं0-22/1 लगायत 22/6 के पैरा सं0-6 एवं पैरा सं0-7 में परिवादिनी ने स्पष्ट रूप से यह कहा है कि चैक दिनांकित 11/7/2008 द्वारा बीमा कम्पनी को दी गई धनराशि नई पालिसी लेने हेतु अदा नहीं की गई थी ऐसी दशा में बीमा कम्पनी से अपेक्षित था कि वह परिवादिनी के पति द्वारा पालिसी सं0-0103228326 दिनांकित11/7/2008 लेने हेतु कथित रूप से दिऐ गऐ आवेदन पत्र/प्रपोजल फार्म की नकल पत्रावली में दाखिल करते किन्तु ऐसे किसी आवेदन पत्र अथवा प्रपोजल फार्म को बीमा कम्पनी की ओर से दाखिल नहीं किया गया जो यह दर्शाता है कि ऐसा कोई आवेदन पत्र अथवा प्रपोजल फार्म विपक्षीगण के पास है ही नहीं। कदाचित परिवादिनी का मेडिक्लेम हड़पने की गरज से विपक्षीगण ने धोखाधड़ी करके परिवादिनी की पालिसी सं0-0023777084 को दिनांक 12/7/2008 से लैप्स होना और दिनांक 11/7/2008 से एक नई पालिसी सं0-0103228326 जारी होना दर्शाया। यहॉं हम एक तथ्य यह भी इंगित करना चाहते हैं कि विपक्षीगण द्वारा जारी होना दर्शाई गई पालिसी सं0-0103228326 के फस्ट प्रीमियम की रसीद कागज सं0-3/9 और विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रार्थना पत्र कागज सं0-26 के माध्यम से दाखिल फस्ट प्रीमियम की रसीद की नकल कागज सं0-27/5 में मौलिक भिन्नता है जैसे कागज सं0-3/9 में प्रीमियम स्टालमेंट 5,410/- रूपया दिखाया गया है जबकि कागज सं0-27/5 में यह धनराशि 8,386/- रू0 + 1006 = 32 पैसे कुल 9342 = 32 पैसे दर्शाई गई है। यह दोनों ही रसीदें कम्प्यूटराइज्ड हैं। प्रकटत: विपक्षीगण ने परिवादिनी का मेडिक्लेम दावा अस्वीकृत करने के उद्देश्य से अभिलेखों में हेराफेरी करने के प्रयास किये किन्तु इसमें विपक्षीगण सफल नहीं हो पाऐ।
- उपरोक्त विवेचना के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचे हैं कि परिवादिनी का मेडिक्लेम अस्वीकृत कर विपक्षीगण ने त्रुटि की है। परिवादिनी का हैल्थ क्लेम 29,806/- रूपये का है जो पत्रावली में अवस्थित बिल बाउचार से प्रमाणित है। परिवादिनी को उसके बीमा दावे का भुगतान विपक्षीगण द्वारा किया जाना चाहिए था, किन्तु विधि विरूद्ध तरीके से उसे अस्वीकृत करके विपक्षीगण ने सेवा में कमी की और अनुचित व्यापार प्रथा अपनाई। परिवादिनी मेडिक्लेम की राशि 29,806/-(उन्नतीस हजार आठ सौ छ: रूपया) तथा इस पर परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से 9 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज विपक्षीगण से पाने की अधिकारिणीं है। हम यह भी न्यायोचित समझते हैं कि परिवाद व्यय की मद में 2500/- (दो हजार पॉंच सौ रूपया) और क्षतिपूर्ति की मद में एकमुश्त 2,000/- (दो हजार रूपया) परिवादिनी को विपक्षीगण से अतिरिक्त दिलाया जाना चाहिए।तदानुसार परिवाद स्वीकार होने योग्य है।
आदेश परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक वसूली की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 29,806/- (उन्नतीस हजार आठ सौ छ: रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद परिवादिनी के पक्ष में, विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। परिवादिनी परिवाद व्यय की मद में 2500/-(दो हजार पॉंच सौ रूपया) तथा क्षतिपूर्ति की मद में 2000/- (दो हजार रूपया) विपक्षीगण से अतिरिक्त प्राप्त करेगी। समस्त धनराशि की अदायगी इस आदेश की तिथि से एक माह के भीतर की जाये। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
05.03.2016 05.03.2016 05.03.2016 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 05.03.2016 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सामान्य सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
05.03.2016 05.03.2016 05.03.2016 | |