(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 2144/2007
यूनियन आफ इंडिया व अन्य।
बनाम
मै0 बाबा मूवीज लि0
समक्ष:-
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य।
मा0 श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित : श्री एम0एच0 खान, विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक:- 05.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद सं0- 283/2004 मै0 बाबा मूवीज लि0 बनाम यूनियन आफ इंडिया व 02 अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, गोरखपुर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 27.08.2007 के विरुद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है।
2. हमने अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्ता श्री एम0एच0 खान को सुना। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
3. अपीलार्थीगण/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा रेलवे के माध्यम से सामान को अंयत्र प्रेषित किए जाने के लिए बुक कराया गया था। सामान रेलवे के माध्यम से प्रेषित किए जाने पर उत्पन्न विवाद रेलवे ट्रिब्यूनल के समक्ष प्रस्तुत किया जा सकता है, न कि उपभोक्ता मंच के समक्ष। अपीलार्थीगण/विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अपने तर्क के समर्थन में मा0 राष्ट्रीय आयोग द्वारा S.V. Janarthanan Vs. Jaya Kumar & Ors. III(2007) C.P.J. 308 (N.C.) में पारित निर्णय की नजीर प्रस्तुत की गई है, जिसमें व्यवस्था दी गई है कि रेलवे के माध्यम से माल हानि पर वाद रेलवे ट्रिब्यूनल के समक्ष संधारणीय है, न कि उपभोक्ता न्यायालय के समक्ष। तदनुसार प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किए जाने योग्य एवं अपील स्वीकार किए जाने योग्य है।
आदेश
4. अपील स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय व आदेश अपास्त किया जाता है। यद्यपि प्रत्यर्थी/परिवादी को यह अधिकार है कि वह रेलवे ट्रिब्युनल के समक्ष अपना वाद प्रस्तुत कर सकता है।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय व आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(सुधा उपाध्याय) (सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0
कोर्ट नं0- 3