(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-665/2010
Anurag Singh Son of Sri Late Azad Jumar
Versus
M/S B.S.B. Engineering C-421, Sector 10, Noida
समक्ष:-
1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्याय, सदस्य।
उपस्थिति:-
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री टी0एच0 नकवी, विद्धान अधिवक्ता
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं
दिनांक :13.08.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-341/2008, अनुराग सिंह बनाम मै0 बी0एस0बी0 इन्जीनियरिंग में विद्वान जिला आयोग, गौतम बुद्ध नगर द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 16.03.2010 के विरूद्ध स्वयं परिवादी द्वारा क्षतिपूर्ति की राशि में बढ़ोत्तरी के लिए प्रस्तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता के तर्क को सुना गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
2. जिला उपभोक्ता आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया है:-
1. 30 दिन के अदंर दोनों कोल्ड रूम यूनिटस सही किया जाए।
2. यदि इस अवधि मे यूनिटस सही नहीं की जाती तब परिवादी अंकन 10,000/-रू0 प्राप्त करेगा।
3. व्यवसायिक क्षति के रूप में अंकन 5,000/-रू0 परिवादी को अदा किया जायेगा।
4. वाद व्यय के रूप में 1,000/-रू0 अदा किया जायेगा।
उक्त सभी राशियों पर 06 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करने का आदेश पारित किया है।
3. अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता का यह तर्क है कि ब्याज दर 06 प्रतिशत से बढ़ाकर 12 प्रतिशत की जानी चाहिए, परंतु चूंकि परिवादी एक उपभोक्ता है। व्यापारिक उद्देश्य से यह धनराशि प्राप्त नहीं की जा रही है। उपभोक्ता विवादों का उद्देश्य केवल उस क्षति की पूर्ति करना है, जो यथार्थ में किसी उपभोक्ता को कारित हुई है। चूंकि परिवाद पर निर्णय 2010 में पारित किया गया है। अत: तत्समय 06 प्रतिशत की दर से ब्याज अदा करने का आदेश पूर्णता विधिसम्मत है। ब्याज दर में बढ़ोत्तरी का कोई औचित्य नहीं है। तदनुसार अपील खारिज होने योग्य है।
आदेश
अपील खारिज की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित संबंधित जिला उपभोक्ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित किया जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुधा उपाध्याय)(सुशील कुमार)
सदस्य सदस्य
संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2