Suresh chand meena filed a consumer case on 09 Jun 2015 against M/S Arvind Gass Agency, Manager in the Kota Consumer Court. The case no is CC/124/2009 and the judgment uploaded on 16 Jul 2015.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष, मंच, झालावाड केम्प कोटा ( राजस्थान )
पीठासीन:-
01. अध्यक्ष ः नंदलाल शर्मा
02. सदस्य ः महावीर तंवर
परिवाद संख्या:-124/09
सुरेश चन्द्र पुत्र लक्ष्मीनारायण जाति मीणा आयु 26 साल निवासी भगवानपुरा तहसील दीगोद जिला कोटा (राज0) परिवादी
बनाम
01. प्रबधंक, मैसर्स अरविन्द गैस एजेन्सी, 242, शोपिंग सेन्टर, कोटा राजस्थान।
02. श्री खलील, शाखा प्रबंधक अरविन्द गैस एजेन्सी दीगोद बाजार, रामस्वरूप टेलर की दुकान दीगोद जिला कोटा राजस्थान। अप्रार्थीगण
प्रार्थना पत्र अन्तर्गत धारा 12 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986
उपस्थिति:-
01. श्री एस एन शर्मा, अधिवक्ता, परिवादी की ओर सें।
02. अप्रार्थी सं.1 के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई
03. अप्रार्थी सं. 2 को तर्क कर दिया गया।
निर्णय दिनांक 09.06.2015
परिवादी का यह परिवाद जिला मंच कोटा से स्थानान्तरण होकर वास्ते निस्तारण जिला मंच, झालावाड, केम्प कोटा को प्राप्त हुआ, जिसमें अंकित किया कि उसको दिनांक 23.07.05 को अप्रार्थी सं. 1 ने डबल गैस सिलेण्डर का कनेक्शन दिनांक 29.09.2000 को जारी किया, जिसके लिये 1800/- रूपये व 100 रूपये रेगूलेटर के जमा कराये। परिवादी का उपभोक्ता सं0 ए-23526 है। परिवादी ने अप्रार्थी से गैस कनेक्शन के मूल कागजात की मांग की तो अप्रार्थी सं. 1 आशवासन देता रहा कि कागजात दे दूंगा। परिवादी अप्रार्थी सं. 2 से गैस रिफलिंग कराता रहा जो भी लगभग डेढ साल से बंद कर दी। अप्रार्थी सं. 2 ने गैस कनेक्शन के मूल कागजात मांगे, इस पर परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 से मूल कागजात मांगे जिन्हे देने से इंकार कर दिया। अप्रार्थी सं.1 ने परिवादी को गैस कनेक्शन के मूल कागजात न देकर उसकी सेवा में कमी की है, जिससे परिवादी को मानसिक क्षति हुई है। अप्रार्थी सं. 1 से परिवादी को गैस के मूल कागजात, गैस की रिफलिंग करवाई जावे, मानसिक क्षति, परिवाद खर्च दिलवाया जावे।
दिनांक 09.04.15 को अप्रार्थी सं.1 के खिलाफ एक पक्षीय कार्यवाही अमल में लाई गई। परिवादी ने दिनांक 09.04.15 की आदेशिका के अनुसार अप्रार्थी सं. 2 को तर्क कर दिया है।
उपरोक्त अभिकथनों के आधार पर बिन्दुवार हमारा निर्णय निम्न प्रकार हैः-
01. आया परिवादी अप्रार्थीगण का उपभोक्ता है ?
परिवादी के परिवाद, शपथ-पत्र, रिफलिंग की डायरी की फोटो कापी से परिवादी, अप्रार्थी सं. 1 का उपभोक्ता है। अप्रार्थी सं. 2 का उपभोक्ता नहीं है।
02. आया अप्रार्थीगण ने सेवा दोष किया है ?
उभय पक्षों को सुना गया। पत्रावली में उपलब्ध दस्तावेजी रेकार्ड का अवलोकन किया गया तो स्पष्ट हुआ कि परिवादी ने अरविन्द गैस एजेन्सी से गैस का कनेक्शन ले रखा था और उसका उपभोक्ता सं. ए-23526 है, परिवादी ने उक्त गैस एजेन्सी से दिनांक 30.08.07 तक गैस प्राप्त की है। इसके बाद परिवादी ने किस प्रकार गैस प्राप्त की है, इसका कोई लिखित दस्तावेज मंच में पेश नहीं किया है। परिवादी ने अप्रार्थी सं. 1 के यहाॅ दिनांक 30.08.07 के बाद कोई गैस बुक करवाई हो और उसकी रिफलिंग उसने नहीं की ऐसा भी कोई दस्तावेजात परिवादी ने पेश नहीं किया है। परिवादी ने दिनांक 23.01.09 को अप्रार्थीगण को कानूनी नोटिस भी दिलवाया, परन्तु वे नोटिस अप्रार्थीगण को मिले या नहीं इसका भी कोई दस्तावेजात परिवादी ने मंच में पेश नहीं किया । परिवादी ने गैस बुंकिग की एक रसीद सं. 3988 भी पेश की परन्तु उस पर न तो उपभोक्ता का नाम है और ना ही उस पर दिनांक अंकित है, जिससे यह पता लग सके कि यह कूपन परिवादी का ही है और उसे गैस की रिफलिंग अप्रार्थी सं. 1 ने नहीं की। परिवादी अपने परिवाद में कथन करता है कि उसे अप्रार्थी सं.1 ने गैस कनेक्शन के मूल कागजात नहीं दिये तथा गैस की रिफलिंग भी नहीं कर रहा है, इस संबंध में परिवादी ने अपने उक्त कथनों के संबंध में स्वयं का शपथ-प़त्र पेश किया, उससे उक्त कथन की पुष्टि होती है। अप्रार्थी सं. 1 ने उक्त कथन का खंडन मोैखिक रूप से या दस्तावेजी साक्ष्य से नहीं किया, इसलिये परिवादी के उक्त कथन को मिथ्या माने जाने का कोई कारण हमारे समक्ष नहीं है। अप्रार्थी सं. 1 ने परिवादी को गैस कनेक्शन के मूल दस्तावेजात उपलब्ध नहीं करवाकर उसकी सेवा में कमी की है।
03. अनुतोष ?
परिवादी का परिवाद अप्रार्थीसं. 1 के खिलाफ आंशिक रूप से स्वीकार किये जाने योग्य है। परिवादी का परिवाद अप्रार्थी सं. 2 के खिलाफ खारिज किये जाने योग्य है।
आदेश
परिवादी सुरेश चन्द्र का परिवाद अप्रार्थी सं. 1 के खिलाफ आंशिक रूप से स्वीकार किया जाकर आदेश दिया जाता है कि:-
01. अप्रार्थी सं.1 परिवादी को उसके गैस कनेक्शन केे मूल दस्तावेजात उपलब्ध करावे तथा गैस की रिफलिंग भी समय-समय पर करे।
02. परिवादी को अप्रार्थी सं.1 मानसिक संताप के 2,000/- रूपयेअक्षरे दो हजार रूपये तथा परिवाद खर्च 2,000/- अक्षरे दो हजार रूपये अदा करे।
03. अप्रार्थी सं. 1 आदेश की पालना निर्णय के दिनांक से दो माह के अंदर करे।
04. परिवादी का परिवाद अप्रार्थी सं. 2 के खिलाफ खारिज किया जाता है।
(महावीर तंवर) (नंदलाल शर्मा)
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
निर्णय आज दिनांक 09.06.2015 को खुले मंच में लिखाया जाकर सुनाया गया।
सदस्य अध्यक्ष
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष
मंच,झालावाड केम्प कोटा मंच, झालावाड, केम्प कोटा।
Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes
Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.