Uttar Pradesh

StateCommission

CC/58/2019

Smt. Richa Gandhi - Complainant(s)

Versus

M/S Ansal Properties and Infrastruture Ltd - Opp.Party(s)

Atul Tripathi

02 Aug 2021

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/58/2019
( Date of Filing : 27 Feb 2019 )
 
1. Smt. Richa Gandhi
W/O Mr. Vivek Gandhi 105 Mahalaxmi Apartment Sector 43 Shushant Lok-3 Gurgaon Harayana
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S Ansal Properties and Infrastruture Ltd
Registered Office at 115 Ansal Bhawan 16 Kasturba Gandhi Marg New Delhi 110001
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 02 Aug 2021
Final Order / Judgement

मौखिक

परिवाद संख्‍या-58/2019

श्रीमती रिचा गॉंधी बनाम मै0 अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लि0 आदि

02.08.2021

वाद पुकारा गया। प्रस्‍तुत परिवाद लगभग ढाई वर्ष से लम्बित है, जिसमें अनेकों तिथियों पर आदेश पारित किये गये। दिनांक 06.07.2021 को निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री अतुल त्रिपाठी अनुपस्थित है। विपक्षी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री मानवेन्‍द्र प्रताप सिंह उपस्थित हुए और उनके द्वारा सूचित किया गया कि परिवादी को विवादित सम्‍पत्ति का कब्‍जा विपक्षी कम्‍पनी द्वारा दिनांक 06.7.2019 को प्राप्‍त कराया जा चुका है। चूंकि परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता आज उपस्थित नहीं है अत्एव अंतिम रूप से एक अवसर देते हुए परिवादी के अधिवक्‍ता अगली तिथि पर इस आयोग को समस्‍त तथ्‍यों से अवगत कराएंगे। इस आदेश की सूचना विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री मानवेन्‍द्र प्रताप सिंह परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता को एक सप्‍ताह में प्रदान करे। प्रस्‍तुत वाद को पुन: दिनांक 02.8.2021 को सुनवाई हेतु सूचीबद्ध किया जाये।

उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍तागण का नाम वाद सूची में दर्शित किया जाये।''

विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री मानवेन्‍द्र प्रताप सिंह द्वारा अपने पूर्व कथन को पुन: दोहराया गया तथा अवगत कराया गया कि‍ परिवादिनी को विवादित सम्‍पत्ति का कब्‍जा विपक्षी कम्‍पनी द्वारा रजिस्‍टर्ड सेल डीड के माध्‍यम से दिनांक 06.07.2019 को दिया जा चुका है। चूँकि परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता अनुपस्थित हैं, अतएव विपक्षी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा प्रस्‍तुत ई-स्‍टाम्‍प की छाया प्रतिलिपि को परिवाद प्रपत्र के साथ सम्मिलित करते हुए प्रस्‍तुत परिवाद को निस्‍तारित किया जाता है। चूँकि परिवाद में मांगा गया अनुतोष प्रदान किया जा चुका है, अतएव परिवाद अब पुन: सूचीबद्ध नहीं किया जावे। परिवाद को निरस्‍त किया जाता है।

 

 

                           (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)           

                         अध्‍यक्ष             

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1    

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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