Uttar Pradesh

StateCommission

CC/83/2018

Kamlesh Singh - Complainant(s)

Versus

M/S Ansal Properties and Infrastruture Ltd - Opp.Party(s)

Neeraj Kumar & Gaurav Saxena & Rishi Saxena & Juhi Saxena & Lalla Chauhan

16 Jan 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Complaint Case No. CC/83/2018
( Date of Filing : 14 Mar 2018 )
 
1. Kamlesh Singh
Palampur Himanchal Pradesh
...........Complainant(s)
Versus
1. M/S Ansal Properties and Infrastruture Ltd
Lucknow
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Jan 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

परिवाद संख्‍या:-83/2018

कमलेश सिंह बनाम मै0 अंसल प्रापर्टीज एण्‍ड इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर्स लि0 व अन्‍य

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

16-01-2024

वाद पुकारा गया। प्रस्‍तुत परिवाद विगत लगभग 06 वर्षों से लम्बित है। अनेकों आदेश पूर्व में पारित किये गये। परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री हरिशंकर द्वारा विपक्षी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता द्व्‍य सर्व श्री मुजीब एफेण्‍डी एवं श्रीमती सुरंगमा शर्मा द्वारा न्‍यायालय के सम्‍मुख किये गये कथन अर्थात परिवादी को विपक्षी कम्‍पनी द्वारा आवंटित फ्लैट का कब्‍जा प्राप्‍त कराया जा चुका है, साथ ही उपरोक्‍त फ्लैट के पंजीकरण विलेख भी सम्‍पादित किया जा चुका है। तद्नुसार प्रस्‍तुत परिवाद में मॉगे गये अनुतोष का वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते कोई औचित्‍य नहीं प्रतीत होता है।

मेरे विचार से जब पक्षकारों के मध्‍य इस तथ्‍य को सुसंगत रूप से स्‍वीकृत किया गया है कि विपक्षी कम्‍पनी द्वारा परिवादी को आवंटित फ्लैट का कब्‍जा प्राप्‍त कराया जा चुका है, साथ ही कब्‍जे के पश्‍चात पंजीकरण विलेख भी सम्‍पादित किया जा चुका है, तब प्रस्‍तुत परिवाद में मॉगे गये अनुतोष की पूर्णत: सुनिश्चित की जा चुकी है।

विपक्षी सं0-2 एच0डी0एफ0सी0 बैंक के अधिवक्‍ता श्री मुजीब एफेण्‍डी द्वारा कथन किया गया कि विपक्षी बैंक द्वारा ऋण के विपरीत प्राप्‍त कराये गये आवंटित फ्लैट से सम्‍बन्धित प्रपत्र की मूल प्रति भी परिवादी को प्राप्‍त करायी

-2-

जा चुकी है। समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए परिवाद अंतिम रूप से उपरोक्‍त क‍थनानुसार निस्‍तारित किया जाता है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

                                                            (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)          

                                                                   अध्‍यक्ष                                         

 

हरीश आशु.,

कोर्ट नं0-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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