Uttar Pradesh

StateCommission

A/966/2018

Banarasi Singh - Complainant(s)

Versus

M/S Ansal Properties and Infracture Ltd - Opp.Party(s)

Self

27 Jun 2019

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/966/2018
( Date of Filing : 23 May 2018 )
(Arisen out of Order Dated 17/04/2018 in Case No. C/246/2015 of District Lucknow-I)
 
1. Banarasi Singh
S/O Late Sri Fateh Bahadur Singh Niwasi E- 706 Pairadies Kristal Sushant Golf City Lucknow 226030
...........Appellant(s)
Versus
1. M/S Ansal Properties and Infracture Ltd
Priwartit Paata Shaping Squvayar Sector D Sushant Golf City Lucknow 226030 Through Adhishasi Nideshak
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 27 Jun 2019
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(सुरक्षित)                                                                                  

अपील संख्‍या:-966/2018

(जिला फोरम, प्रथम लखनऊ द्धारा परिवाद सं0-246/2015 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 17.4.2018 के विरूद्ध)

बनारसी सिंह पुत्र स्‍वर्गीय श्री फतेह बहादुर सिह, निवासी ई-706, पैराडाइज क्रिस्‍टल, सुशान्‍त गोल्‍फ सिटी, लखनऊ-226030

                                              ........... अपीलार्थी/परिवादी

बनाम

मैसर्स अन्‍सल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड, परिवर्तित पता-शापिंग स्‍क्‍वायर, सेक्‍टर-डी, सुशांत गोल्‍फ सिटी, लखनऊ-226030 द्वारा अधिशासी निदेशक।

       …….. प्रत्‍यर्थी/विपक्षी

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष 

अपीलार्थी की ओर से     : श्री बनारसी सिंह (स्‍वयं)

प्रत्‍यर्थी की ओर से       : कोई नहीं।

दिनांक :-31/7/2019        

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अख्‍तर हुसैन खान, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय   

परिवाद संख्‍या-246/2015 बनारसी सिंह बनाम अधिशाषी निदेशक मैसर्स अन्‍सल प्रापर्टीज एण्‍ड इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर लिमिटेड व एक अन्‍य में जिला फोरम, प्रथम लखनऊ द्वारा पारित निर्णय और आदेश दिनांक 17.4.2018 के विरूद्ध यह अपील धारा-15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अन्‍तर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

 

-2-

आक्षेपित निर्णय और आदेश के द्वारा जिला फोरम ने परिवाद निरस्‍त कर दिया है, जिससे क्षुब्‍ध होकर परिवादी ने यह अपील प्रस्‍तुत की है।

अपीलार्थी की सुनवाई के समय अपीलार्थी बनारसी सिंह व्‍यक्तिगत रूप से उपस्थित आये है। प्रत्‍यर्थीगण को रजिस्‍टर्ड डाक से नोटिस दिनांक 06.6.2018 को प्रेषित की गई है, जो अदम तामील वापस नहीं आयी है। अत: 30 दिन का समय बीतने पर प्रत्‍यर्थीगण पर नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माना गया है, फिर भी प्रत्‍यर्थीगण की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है।

मैंने अपीलार्थी के तर्क को सुना है और आक्षेपित निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया है। मैंने अपीलार्थी द्वारा प्रस्‍तुत लिखित तर्क का भी अवलोकन किया है।

अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार है कि अपीलार्थी/परिवादी ने परिवाद जिला फोरम के समक्ष प्रत्‍यर्थी/विपक्षी व एक अन्‍य विपक्षी श्री वीरेन्‍द्र प्रताप सिंह के विरूद्ध इस कथन के साथ प्रस्‍तुत किया है कि अपीलार्थी/परिवादी ने विपक्षी कम्‍पनी से अपार्टमेंट सं0-ई-07/06 दिनांक 08.10.2013 को क्रय किया, जिसका मूल्‍य 17,39,640.00 रू0 था, परन्‍तु विपक्षीगण ने मनमाने ढंग से गलत तथ्‍यों पर डी0एम0 सर्किल रेट की गणना कर फ्लैट के मूल्‍य को 25,79,085.00 रू0 निर्धारित कर मु0

 

-3-

1,80,700.00 रू0 की स्‍टाम्‍प डयूटी लगायी, जिसे अपीलार्थी/परिवादी ने बाध्‍यता के कारण अदा किया।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि उपरोक्‍त के सम्‍बन्‍ध में उसने दिनांक 10.9.2013 से 04.10.2013 के बीच 09 पत्रों द्वारा सूचना चाही, परन्‍तु विपक्षीगण ने प्रतिफल मूल्‍य की सूचना के अतिरिक्‍त अन्‍य कोई सूचना उसे नहीं दी। अत: अपीलार्थी/परिवादी ने ई-मेल पत्र दिनांक 04.10.2013 के द्वारा विपक्षी से विरोध किया। फिर भी परिवादी को 38,178.00 रू0 की स्‍टाम्‍प डयूटी अधिक चुकानी पड़ी। परिवाद पत्र में अपीलार्थी/परिवादी ने कहा है कि उसने अपने पत्र दिनांक 20.8.2011 के द्वारा एक बाथरूम का दरवाजा ड्राइंग रूम से देने के लिए अनुरोध किया था और उसे इस सम्‍बन्‍ध में अनुस्‍मरण भी कराया था, परन्‍तु विपक्षी ने कोई उत्‍तर नहीं दिया। इसके साथ ही कब्‍जा देते समय विपक्षीगण ने अन्‍य विशिष्टियों सहित फ्लैट का सुपर बिल्‍टअप एरिया का सत्‍यापन भी नहीं कराया।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि दिनांक 13.6.2015 को उसने विपक्षीगण को प्रथम नोटिस भेजा और दिनांक 03.7.2015 को अंतिम नोटिस भेजा, लेकिन विपक्षीगण द्वारा कोई जवाब नहीं दिया गया। परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि विपक्षीगण ने उससे 18 प्रतिशत की दर से ब्‍याज लिया है। अत: वह भी अधिक अदा

-4-

की गई धनराशि 38,178.00 रू0 पर उसी दर से ब्‍याज पाने का अधिकारी है।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि स्‍टाम्‍प डयूटी मूल्‍य 1,80,700.00 रू0 को संदेहास्‍पद मानते हुए अपीलार्थी/परिवादी ने अपने पत्र दिनांक 04.10.2013 द्वारा विरोध किया था और बाध्‍यता की स्थिति में फ्लैट के लीज डीड की रजिस्‍ट्री दिनांक 08.10.2013 को कराया था। सेल डीड का ड्राफ्ट विपक्षी कम्‍पनी के अधिवक्‍ता श्री विश्‍वनाथ यादव द्वारा तैयार किया गया था, जिसे रजिस्‍ट्री कार्यालय में हस्‍ताक्षर कराते समय ही अपीलार्थी/परिवादी को देखने को मिला था। परिवाद पत्र के अनुसार विपक्षी कम्‍पनी के लीगल सेल द्वारा अधिवक्‍ता शुक्‍ल के रूप में 5100.00 रू0 का भुगतान श्री यादव को परिवादी से कराया गया था।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि सेल डीड के साथ ई-ब्‍लाक का संलग्‍न फ्लोर पूरी तरह से फर्जी है। विपक्षीगण द्वारा इस प्‍लान से परिवादी को कभी भी सूचित नहीं किया गया था। फ्लैट बुक कराते समय दिखाये गये टिपिकल फ्लोर प्‍लान से सर्वथा भिन्‍न है, जिसमें एरिया 1020 वर्ग फुट है, जबकि सेल डीड में दर्शित प्‍लान का एरिया 1136 वर्ग फुट है और फ्लैट का अनुपातिक भूमि क्षेत्रफल 16.54 वर्ग मीटर दर्शित है। परिवाद पत्र के अनुसार बेबसाइट पर उपलब्‍ध सूचना के अनुसार

-5-

अगस्‍त वर्ष-2013 के बाद से डी0एम0 सर्किल रेट के आधार पर मल्‍टीस्‍टोरीज फ्लैट के अविभाजित/अनुपातिक भूमि का क्षेत्रफल आगणित करने पर जो सूत्र है, उसका पालन न करके सर्किल रेट निर्धारित किया गया है।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि विक्रय पत्र में भूमि का सर्किल रेट 18,700.00 रू0 दिखाया गया है और गलत ढंग से सम्‍पत्ति को कार्नर का बताकर रेट में 10 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए भूमि का रेट 20,570.00 रू0 निश्चित किया गया है। जबकि वास्‍तविक रूप से फ्लैट कार्नर में नहीं है।

परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि सेल डीड में फ्लैट की भूमि के मूल्‍य 2,43,661.00 रू0 के स्‍थान पर 3,40,227.00 रू0 गलत ढंग से दर्शित किया गया है और सुपर बिल्‍टअप एरिया 94.76 वर्ग मी0 को ही कवर्ड एरिया माना गया है जबकि कवर्ड एरिया सुपर बिल्‍टअप एरिया से बहुत कम होता है। अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार कवर्ड एरिया 78.60 वर्ग मी0 है।  इस प्रकार प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने कवर्ड एरिया का मूल्‍य 25,000.00 रू0 की दर से आगणित कर 23,69,000.00 रू0 बताया गया है। जबकि उसका मूल्‍य 19,65,000.00 रू0 और फ्लैट की भूमि का मूल्‍य 2,48,897.00 रू0 होना चाहिये था। इस प्रकार फ्लैट के कवर्ड एरिया का मूल्‍य 22,17,897.00 रू0 होगा, परन्‍तु सेल डीड में यह मूल्‍य 27,09,227.00 रू0 दिखाया गया है

-6-

और सेल डीड में कवर्ड कार पार्किंग, लिफ्ट, पावर बैकअप तथा सिक्‍योरिटी गार्ड की सुविधा के फलस्‍वरूप 12 प्रतिशत की वृद्धि से वृद्धि कर सर्किल रेट से फ्लैट का मूल्‍य 30,34,385.00 रू0 बताया गया है और गलत ढंग से कार पार्किंग के लिए कवर्ड फ्लैट के मूल्‍य में 04 प्रतिशत की वृद्धि की गयी है। जबकि कार पार्किंग कवर्ड नहीं है, कार पार्किंग बेसमेंट में केवल चिन्हित की गई है। परिवाद पत्र के अनुसार अपीलार्थी/परिवादी का कथन है कि फ्लैट के मूल्‍य में कार पार्किंग को छोड़कर अन्‍य सुविधाओं के आधार पर 08 प्रतिशत की दर से वृद्धि से सर्किंल रेट के आधार पर फ्लैट का मूल्‍य 23,95,329.00 रू0 होना चाहिए। परन्‍तु फ्लैट सातवें तल पर होने के कारण 15 प्रतिशत घटाकर फ्लैट का मूल्‍य 20,36,030.00 रू0 हो जायेगा। जिस पर रजिस्‍ट्री के लिए 07 प्रतिशत की दर से 1,42,522.00 रू0 की स्‍टाम्‍प डयूटी लगानी चाहिए थी, परन्‍तु गलत गणना कर अपीलार्थी/परिवादी से स्‍टाम्‍प डयूटी 1,80,700.00 रू0 दिलवायी गई है, जिससे अपीलार्थी/परिवादी को 38,178.00 रू0 की क्षति हुई है, जिसे ब्‍याज सहित वह वापस पाने का अधिकारी है।

    अपीलार्थी/परिवादी ने जिला फोरम के समक्ष परिवाद प्रस्‍तुत कर निम्‍न अनुतोष चाहा है:-

1-   कृपया रजिस्‍ट्री में अधिक स्‍टैम्‍प डयूटी चुकाये जाने की क्षतिपूर्ति हेतु दैनिक आधार पर 18 प्रतिशत की दर से दिनांक

-7-

18.9.2013 से ब्‍याज सहित रू0 38,178.00 का भुगतान करने हेतु प्रतिवादियों को आदेशित करने की कृपा की जाय।

2-   कृपया पैराडइज क्रिस्‍टल काम्‍प्‍लेक्‍स के कवर्ड तथा खुली भूमि सहित साझा क्षेत्र, फ्लैट ई-07/06 की सुपर विल्‍टप एरिया एवं इसमे निहित कवर्ड एरिया तथा फ्लैट की अन्‍य विशिष्टियों का सत्‍यापन कराने हेतु प्रतिवादियों को आदेशित करने की कृपा की जाय।

3-   कृपया ई-07/06 में एक बाथरूम का दरवाजा हाल/ड्राइंग रूप में देने हेतु प्रतिवादियों को आदेशित करने की कृपा की जाय।

जिला फोरम के समक्ष विपक्षीगण की ओर से लिखित कथन प्रस्‍तुत किया गया है और कहा गया है कि विक्रय पत्र दिनांक 08.10.2013 में सर्किल रेट के हिसाब से स्‍टाम्‍प डयूटी ली गई है, जो 18,700.00 रू0 प्रति वर्ग मीटर की दर से है। चूंकि सम्‍पत्ति कोने की है अत: 18,700.00 रू0 में 10 प्रतिशत बढाकर सर्किल रेट दर 20,570.00 रू0 प्रति वर्ग मी0 किया गया है, इसके साथ ही  जमीन की अनुपातिक कीमत 3,40,227.00 रू0 है। अपीलार्थी/परिवादी के फ्लैट के ढके हुए क्षेत्र का रकबा 94,76 वर्ग मीटर है। जिसको 25,000.00 रू0 प्रति वर्ग मीटर की दर से जोडा गया है और कुल कीमत 23,69,000.00 रू0 हुई है। इस प्रकार जमीन और ढके हुए क्षेत्र की कुल कीमत 27,09,227.00 रू0 हुई है, जिसमें पार्किंग, लिफ्ट, पॉवर बैकअप और सुरक्षा गार्ड की

-8-

सुविधा भी दी गई है। अत: उक्‍त के लिए 12 प्रतिशत की वृद्धि हुई है और यह वृद्धि की धनराशि 32,510.00 रू0 है। इस प्रकार फ्लैट की कुल कीमत 30,34,335.00 रू0 हुई है। लिखित कथन में विपक्षीगण ने कहा है कि चूंकि फ्लैट सातवीं मंजिल पर है अत: 15 प्रतिशत की दर से जो 4,55,250.00 रू0 की कमी कर सम्‍पत्ति की कुल कीमत 25,79,085.00 रू0 हुई है और उस पर 07 प्रतिशत की दर से स्‍टाम्‍प डयूटी जोड़ी गई है, जो 1,80,700.00 रू0 हुई है। लिखित कथन के अनुसार विपक्षीगण का कथन है कि ई-स्‍टैम्‍प प्रमाण पत्र नम्‍बर-INUP00144020621294L के माध्‍यम से दिनांक 05.10.2013 को क्रय किया गया है और अपीलार्थी/परिवादी ने खुली ऑखों से विक्रय पत्र निष्‍पादित कराया है। अत: वह उससे इंकार नहीं कर सकता है।

लिखित कथन में विपक्षीगण की ओर से कहा गया है कि डी0एम0 सर्किल रेट लखनऊ द्वारा निश्चित किया जाता है और विक्रय पत्र अपीलार्थी/परिवादी की उपस्थिति में निबन्धित हुआ है। सुपर एरिया विक्रय पत्र में स्‍पष्‍ट रूप से अंकित है। अपीलार्थी/परिवादी ने पैराडाइज क्रिस्‍टल प्‍लान को विशिष्‍टा से देखने के बाद स्‍वीकार किया है।

जिला फोरम ने उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्‍ध साक्ष्‍यों पर विचार करने के उपरांत यह माना है कि अपीलार्थी/परिवादी

-9-

विपक्षीगण के विरूद्ध कोई अनुतोष पाने का अधिकारी नहीं है। अत: परिवाद आक्षेपित आदेश के द्वारा निरस्‍त किया गया है।

अपीलार्थी का तर्क है कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश तथ्‍य और विधि के विरूद्ध है। अपीलार्थी का तर्क है कि फ्लैट के विक्रय हेतु भूमि का विक्रय नहीं होता है केवल सर्किल रेट पर फ्लैट का मूल्‍य निर्धारित करने हेतु अनुपातिक भूमि का ऑकलन होता है। परन्‍तु जिला फोरम ने इस संदर्भ में परिवाद के कथन पर विचान न करते हुए गलत ढंग से आदेश पारित किया है। अपीलार्थी का तर्क है कि परिवाद पत्र में उल्लिखित तथ्‍यों से स्‍पष्‍ट है कि प्रत्‍यर्थी/विपक्षी ने अपीलार्थी/परिवादी से डी0एम0 सर्किल रेट की गलत ढंग से गणना कर अधिक धनराशि स्‍टैम्‍प डयूटी ली है और विक्रय पत्र में कवर्ड एरिया एवं सुपर बिल्‍टअप एरिया गलत दिखाया है तथा अपीलार्थी/परिवादी के अनुरोध के बाद भी बाथरूम का दरवाजा ड्राइंग रूम में नहीं दिया है। अपीलार्थी/परिवादी के अनुसार प्रत्‍यर्थी/विपक्षी की सेवा मे कमी है अत: जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय और आदेश अपास्‍त कर परिवाद स्‍वीकार कर अपीलार्थी/परिवादी को परिवाद पत्र में याचित अनुतोष प्रदान किया जाना आवश्‍यक है।

मैंने अपीलार्थी के तर्क पर विचार किया है।

    स्‍टाम्‍प डयूटी एवं सर्किल रेट के सम्‍बन्‍ध में आपत्ति अपीलार्थी/परिवादी विक्रय पत्र के पंजीयन के समय सब रजिस्‍ट्रार

-10-

के समक्ष कर सकता था, परन्‍तु इस संदर्भ में उसने रजिस्‍ट्रार के समक्ष आपत्ति नहीं की है।

उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत स्‍टाम्‍प डयूटी या सर्किल रेट के सम्‍बन्‍ध में विवाद का निस्‍तारण नहीं किया जा सकता है।

    जिला फोरम का यह निष्‍कर्ष उचित है कि स्‍वीकृत प्‍लान में बदलाव कर ड्राइंग रूम में बाथरूम का दरवाजा देने की अपीलार्थी/परिवादी की मॉग स्‍वीकार किये जाने योग्‍य नहीं है।

    परिवाद पत्र में याचित अनुतोष-2 जो फ्लैट के सुपर बिल्‍ट एरिया और कवर्ड एरिया के सत्‍यापन के सम्‍बन्‍ध में है स्‍वीकार किया जाना उचित है।

    उपरोक्‍त विवेचना एवं निष्‍कर्ष के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है और परिवाद आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए प्रत्‍यर्थी/विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह अपीलार्थी/परिवादी को बिक्री किये गये फ्लैट के सुपर बिल्‍ट एरिया एवं कवर एरिया का सत्‍यापन मौके पर कराये।   

अपील में उभय पक्ष अपना अपना वाद व्‍यय स्‍वयं बहन करेगें।

                        (न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)               

                                  अध्‍यक्ष                           

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.