(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष्ा आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-07/2020
(जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा परिवाद संख्या-53/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.11.2019 के विरूद्ध)
ब्रांच मैनेजर, बैंक आफ बड़ौदा, द्वारा ब्रांच मैनेजर, चिनहट ब्रांच, देवा रोड मटियारी चौराहा, लखनऊ, यू0पी0।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
1. मैसर्स एकता मोबाइल सेण्टर, द्वारा प्रोपराईटर सिद्धार्थ तिवारी पुत्र श्री राम चन्द्र तिवारी, निवासी हिंद सिटी, गणेशपुर, चिनहट, जिला लखनऊ, यू0पी0।
2. नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि0, द्वारा ब्रांच मैनेजर, आफिस कुलभाष्कर काम्प्लेक्स, प्रथम तल, 78 जी बी मार्ग, जिला लखनऊ, यू0पी0।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1
समक्ष:-
1. माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अनिल कुमार मिश्रा, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-1 की ओर से : श्री संजय श्रीवास्तव, विद्वान
अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी सं0-2 की ओर से : श्री नीरज पालीवाल, विद्वान
अधिवक्ता।
दिनांक : 24.08.2022
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-53/2018, मैसर्स एकता मोबाइल सेण्टर बनाम नेशनल इं0कं0लि0 तथा एक अन्य में विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग, प्रथम लखनऊ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.11.2019 के विरूद्ध यह अपील प्रस्तुत की गई है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा परिवाद विपक्षी संख्या-2 के विरूद्ध आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए विपक्षी संख्या-2
-2-
को निर्देशित किया गया है कि वह परिवादी को हुए नुकसान अंकन 12,46,359/- रूपये की आपूर्ति 45 दिन के अन्दर करे साथ ही वाद व्यय के रूप में अंकन 10,000/- रूपये भी अदा करें।
2. इस निर्णय एवं आदेश को विपक्षी संख्या-2 द्वारा इन आधारों पर चुनौती दी गई है कि उसके विरूद्ध पारित किया गया निर्णय एवं आदेश विधि विरूद्ध है, क्योंकि बैंक के स्तर से सेवा में कमी नहीं की गई है। बैंक द्वारा परिवादी के पक्ष में दुकान संख्या बी-102 सहारा प्लाजा, पत्रकार पुरम लखनऊ के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की गई थी तथा बीमा कराया गया था। बीमा पालिसी विपक्षी संख्या-1 द्वारा जारी की गई थी। परिवादी ने जिस दुकान में आग लगना बताया है, वह दुकान पत्रकार पुरम गोमती नगर, लखनऊ में स्थित है। इस दुकान के लिए न तो कभी ऋण दिया गया और न कभी बीमा कराया गया।
3. उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्तागण को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।
4. परिवादी द्वारा जिस दुकान के लिए ऋण प्राप्त किया गया तथा एक करार निष्पादित किया गया, उसकी प्रति पत्रावली पर मौजूद है, जिसमें पत्रकार पुरम, गोमती नगर, लखनऊ स्थित किसी दुकान का कोई उल्लेख नहीं है। बीमा कंपनी द्वारा जो पालिसी जारी की गई है, वह उस दुकान के संबंध में नहीं है, जिसका उल्लेख परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में किया गया है। परिवाद पत्र के पैरा संख्या-2 में उल्लेख है कि परिवादी का व्यापार बी-102 सहारा प्लाजा, पत्रकार पुरम, गोमती नगर, लखनऊ में संचालित है, जो दिनांक 14.02.2016 को खोली गई है। ऋण की राशि बढ़ाए जाने के पश्चात पुनरीक्षित प्रीमियम अंकन 1,737/- रूपये बीमा कंपनी को दिया गया, परन्तु बैंक के साथ जो करार निष्पादित किया गया है, वह करार दिनांक 14.04.2016 का है, इसलिए परिवादी का यह कथन असत्य है कि पत्रकार पुरम, गोमती नगर, लखनऊ में दुकान शिफ्ट करने के पश्चात ऋण राशि
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बढ़वाई गई और नया प्रीमियम जारी किया गया है। चूंकि परिवादी द्वारा बीमित दुकान के अलावा, जो कि चिनहट, लखनऊ में मौजूद है। पत्रकार पुरम स्थित दुकान का कोई बीमा नहीं कराया गया, इसलिए पत्रकार पुरम स्थित दुकान की किसी घटना के लिए बीमा कंपनी या बैंक उत्तरदायी नहीं है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा तथ्य एवं विधिक स्थिति के विपरीत निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है, जो अपास्त होने और अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
5. प्रस्तुत अपील स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.11.2019 अपास्त किया जाता है तथा परिवाद खारिज किया जाता है।
उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्यय स्वंय वहन करेंगे।
अपीलार्थी द्वारा अपील प्रस्तुत करते समय अपील में जमा धनराशि अपीलार्थी को विधि अनुसार 01 माह की अवधि में अर्जित ब्याज सहित वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-1