ORDER | द्वारा- श्री पवन कुमार जैन - अध्यक्ष - इस परिवाद के माध्यम से परिवादी ने यह उपशम मांगा है कि विपक्षीगण को आदेशित किया जाऐ कि वे विपक्षी सं-0-1 से स्कूटर खरीदने में हुऐ व्यय की धनराशि 41,611/- (इक्तालिस हजार छ: सौ ग्यारह रूपया) 24 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित परिवादी को वापिस करें। क्षतिपूर्ति की मद में 50,000/- (पचार हजार रूपया) और परिवाद व्यय की मद में 5,000/- (पाँच हजार रूपया) परिवादी ने अतिरिक्त मांगे हैं।
- संक्षेप में परिवाद कथन इस प्रकार है कि परिवादी ने दिनांक 03/01/2010 को 38,299/- (अड़तीस हजार दो सौ निन्यानवे रूपया) में विपक्षी सं0-1 से एक स्कूटर महेन्द्रा डयूरो खरीदा था। स्कूटर खरीदने के बाद से ही निरन्तर उसमें कोई न होई समस्या उत्पन्न होती रही। स्कूटर खरीदने के बाद से ही उसका हार्न काम नहीं कर रहा था। दिनांक 04/01/2010 को परिवादी स्कूटर को विपक्षी सं0-1 के पास ले गया वहां हार्न बदलकर दूसरा हार्न लगा गया। दूसरे हार्न ने भी काम नहीं किया अगले दिन फिर नया हार्न लगाया गया किन्तु उसने भी सही काम नहीं किया। दिनांक 07/01/2010 को तीसरी बार विपक्षी सं0-1 ने परिवादी का हार्न बदला किन्तु वह हार्न भी ठीक प्रकार काम नहीं कर रहा। स्कूटर का स्टैंण्ड भी खराब है, वह बाहर को निकला रहता है जिससे चलाने वाले के वायें पैर में चोट लगती है शिकायत करने पर विपक्षी सं0-1 ने अस्थायी सुधार किया, किन्तु स्कूटर स्पीड ब्रेकर से टकराता रहता था,शाकर में निर्माण सम्बन्धी दोष होना बताते हुऐ विपक्षी सं0-1 ने जून, 2010 में स्कूटर के शाकर आदि बदले। परिवादी का अग्रेत्तर कथन है कि स्कूटर का ऐवरेज उसे 50 कि0मी0 प्रति लीटर बताया गया था किन्तु स्कूटर 50 कि0मी0 तो क्या 25 कि0मी0 प्रति लीटर का भी ऐवरेज नहीं दे रहा। उसके इन्डीकेटर भी सही स्थिति नहीं बता रहे जिस बजह से परिवादी को अनावश्यक कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। स्कूटर में स्टार्टिग की भी समस्या हुई। कई बार शिकायत करने पर 18 जनवरी, 2010 को कम्पनी के सर्विस इंजीनियर ने स्कूटर ऐवरेज सही करने के बहाने से स्कूटर में कुछ सुधार किऐ, किन्तु स्कूटर ऐवरेज बढ़ने के बजाये और घट गया। स्कूटर की डिग्गी का लॉक भी खराब था बिना चाबी के डिग्गी खुल जाती थी। परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से शिकायत की, किन्तु भरपूर कोशिश के बावजूद भी स्कूटर का लॉक ठीक नहीं हुआ। स्कूटर का स्टार्टर बटन अक्सर फंस जाता था। दिनांक 13/03/2010 को स्कूटर घर से निकालते समय अचानक स्टार्ट हो गया क्योंकि स्टार्ट बज्र अन्दर फंसा हुआ था। दिनांक 24/03/2010 को एक नई समस्या सामने आयी। पेट्रोल पम्प पर स्कूटर के पेट्रोल टैंक का ढ़क्कन नहीं खुल पाया। विपक्षी सं0-1 से परिवादी ने शिकायत की तब पेट्रोल टैंक का ढ़क्कन विपक्षी सं0-1 द्वारा बदला गया। परिवादी ने उक्त समस्याओं की समय-समय पर विपक्षी सं0-2 से ई-मेल के माध्यम से शिकायतें की, किन्तु शिकायतों का कोई स्थाई समाधान नहीं निकला। अन्तत: परिवादी ने स्कूटर बदने का विपक्षीगण से अनुरोध किया, किन्तु वह सुनवाई को तैयार नहीं हैं। परिवादी का यह भी कहना है कि स्कूटर के रजिस्ट्रेशन कराने, बीमा कराने और इसमें आवश्यक एक्सेसीरीज डलवाने मे हुऐ व्यय को मिलाकर स्कूटर के मूल्य सहित परिवादी का 41,611/- रूपया खर्चा हुआ है। परिवादी ने परिवाद कथनों के आधार पर विपक्षीगण के स्तर से सेवा में हुई कमी अभिकथित करते हुऐ परिवाद में मांगे गऐ अनुतोष दिलाऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-1 ने प्रतिवाद पत्र कागज सं0-10/1 लगायत 10/4 दाखिल किया। प्रतिवाद पत्र में विपक्षी सं0-1 द्वारा परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित स्कूटर उससे खरीदा जाना तो स्वीकार किया है, किन्तु उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 के विरूद्ध लगाऐ गऐ आरोपों से इन्कार किया गया है। विपक्षी सं0-1 के अनुसार जब-जब परिवादी स्कूटर के सम्बन्ध में कोई शिकायत उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 से की तो उन्हें विपक्षी सं0-1 ने अपने स्तर से दूर किया। यहॉं तक कि परिवादी की ऐसी शिकायतें भी दूर कीं जो वारण्टी से आच्छादित नहीं थीं। विपक्षी सं0-1 ने अग्रेत्तर कहा कि परिवादी की शिकायतों पर स्कूटर के स्टैंण्ड किट, साइड मिरर, डिग्गी लॉक, स्विच स्टार्ट बटन फयूल टैंक कैप बदला गया। डिग्गी लॉक, पेट्रोल टैंक कैप, ऐवरेज इत्यादि के सम्बन्ध में जब-जब परिवादी ने कोई शिकायतकी विपक्षी सं0-1 ने निराकरण किया। साइड मिरर यधपि वारण्टी में कवर नहीं था, किन्तु टूटे हुऐ साइड मिरर को भी विपक्षी सं0-1 ने बदल दिया। विपक्षी सं0-1 का कथन है कि परिवादी ने स्कूटर का रख-रखाब सही तरीके से नहीं किया, जिस कारण परिवाद में उल्लिखित समस्याऐं परिवादी के समक्ष आयीं, स्कूटर में कोई तकनीकी ,खराबी नहीं होना कहते हुऐ उत्तरदाता विपक्षी सं0-1 ने परिवाद को सव्यय खारिज किऐ जाने की प्रार्थना की।
- विपक्षी सं0-2 की ओर से प्रतिवाद पत्र कागज सं0-9/1 लगायत 9/7 दाखिल हुआ। उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 ने परिवाद में लगाऐ गऐ आरोपों से इन्कार करते हुऐ कथन किया कि स्कूटर के सही प्रकार से रख-रखाब न किऐ जाने के कारण परिवादी को समस्या आयी है जब-जब उसने स्कूटर सम्बन्धी कोई शिकायत की उसका निराकरण किया गया चाहें शिकायतें वारण्टी से कवर हो रही थीं अथवा नहीं ? स्कूटर के ऐवरेज के सम्बन्ध में कहा गया है कि ऐवरेज स्कूटर चलाने के ढ़ंग के साथ-साथ अन्य बातों यथा पेट्रोल की क्वालिटी इत्यादि पर निर्भर करता है, स्कूटर में कोई दोष नहीं है। परिवादी ने स्कूटर के रख-रखाब में वारण्टी की शर्तों का उल्लंघन किया है। उत्तरदाता विपक्षी सं0-2 ने सेवा प्रदान करने में कोई कमी नहीं की और अनुचित व्यापार प्रथा भी नहीं अपनायी। परिवाद आधारहीन बताते हुए सव्यय खारिज किऐ जाने की विपक्षी सं0-2 ने प्रार्थना की।
- परिवाद के साथ विपक्षी ने स्कूटर खरीदने की रसीद, परिवाद में उल्लिखित शिकायतों के सन्दर्भ में विपक्षीगण को समय-समय पर भेजे गऐ ई-मेल, स्कूटर के ऐवरेज का जॉब कार्ड, स्कूटर रजिस्ट्रेशन हेतु जमा किऐ गऐ शुल्क, स्कूटर की आर0सी0 एवं बीमा पालिसी की फोटो प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र परिवाद के संलग्नक-1 लगायत 11 हैं जिन पर कागज सं0- 3/9 लगायत 3/19 डाला गया है।
- साक्ष्य में परिवादी ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-11/1 लगायत 11/14 दाखिल किया उसके साथ परिवादी ने स्कूटर खरीदने की रसीद, विपक्षीगण को समय-समय पर भेजे गऐ ई-मेल, ऐवरेज निकाले जाने सम्बन्धी जॉब कार्ड, आर0टी0ओ0 कार्यालय मे पंजीकरण हेतु जमा करायी गयी शुल्क की रसीद, स्कूटर की आर0सी0 और बीमा कवरनोट की फोटो प्रमाणित प्रतियों को संलग्न किया गया है, यह प्रपत्र पत्रावली के कागज सं0-11/15 लगायत 11/25 हैं।
- विपक्षी सं0-1 की ओर से फर्म के पार्टनर संजय अग्रवाल ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12/1 लगायत 12/5 दाखिल की। अपने साक्ष्य शपथ पत्र के साथ समय-समय पर स्कूटर में इंगित समस्याओं का निराकरण किऐ जाने सम्बन्धी जॉब कार्ड दिनांकित 20/02/2010, 26/03/2010, 10/04/2010, 26/05/2010 एवं 05/05/2010, 28 जून, 2010 का ऐवरेज निकालने सम्बन्धी जॉब कार्ड की फोटो प्रमाणित प्रतियों को दाखिल किया गया है, यह प्रपत्र कागज सं0- 12/6 लगायत 12/11 हैं।
- विपक्षी सं0-2 की ओर से कम्पनी के सर्विस इंजीनियर नितिन अग्रवाल ने अपना साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-13 दाखिल किया।
- प्रत्युत्तर में परिवादी द्वारा अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-14/1 लगायत 14/5 दाखिल किया गया जिसके साथ इंश्योरेंस सर्वेयर श्री सुदेश मित्तल की टैक्नीकल इन्वेस्टीगेशन रिपोर्ट दिनांकित 17/05/2012 संलग्न कर दाखिल की गयी।
- परिवादी तथा विपक्षीगण ने अपनी-अपनी लिखित बहस दाखिल की।
- हमने पक्षकारों के विद्वान अधिवक्तागण के तर्कों को सुना और पत्रावली का अवलोकन किया।
- पत्रावली में अवस्थित स्कूटर की रसीद कागज सं0-3/9 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी ने विपक्षी सं0-1 से महेन्द्रा डयूरो स्कूटर दिनांक 03/01/2010 को खरीदा था। परिवादी के साक्ष्य शपथ पत्र पत्र कागज सं0-11 के साथ संलग्न आर0सी0 की फोटो प्रमाणित प्रति कागज सं0-11/24 के अनुसार आर0टी0ओ0 कार्यालय मुरादाबाद में स्कूटर का पंजीकरण हुआ और इसका नम्बर- यू0पी0 21- ए0सी0/1500 एलाट हुआ।
- परिवादी के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि स्कूटर खरीदने की तिथि से ही स्कूटर में कोई न कोई समस्या उत्पन्न होती रही जिसकी परिवादी ने समय-समय पर विपक्षी सं0-1 से तो शिकायत की ही साथ ही साथ स्कूटर की निर्माता कम्पनी विपक्षी सं0-2 को भी भिन्न-भिन्न तारीखों में ई-मेल के माध्यम से स्कूटर में उत्पन्न हो रही त्रुटियों से अवगत कराया। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता के अनुसार जैसे ही खरीदने के बाद स्कूटर लेकर वह घर पहुँचा तो उसने पाया कि स्कूटर का हार्न नहीं बज रहा है। अगले ही दिन विपक्षी सं0-1 से उसने हार्न बदलवाया, बदले हुऐ हार्न ने भी काम नहीं किया, 3 बार परिवादी को हार्न बदलवाना पड़ा, किन्तु फिर भी हार्न ने सही प्रकार से काम नहीं किया। परिवादी ने अपने परिवाद कथनों तथा अपने साक्ष्य शपथ पत्र और रिज्वाइंडर शपथ पत्र की ओर हमारा ध्यान आकर्षित करते हुए अग्रेत्तर तर्क दिया कि स्कूटर का स्टैण्ड खराब था, उसके शाकर खराब थे जिन्हें विपक्षी सं0-1 ने बदले, उसका पेट्रोल मीटर इन्डीकेटर, पेट्रोल टैंक का ढ़क्कन, डिक्की लॉक, साइड मिरर, स्टार्टिंग बटन, इत्यादि में समय-समय पर दिक्कतें आयीं। स्कूटर का ऐवरेज 50 कि0मी0 प्रति लीटर बताया गया था किन्तु विपक्षी के शोरूम पर दिनांक 8 जून, 2010 को जब परिवादी ने स्कूटर का ऐवरेज निकलवाया तो इसका ऐवरेज मात्र 35 कि0मी0 प्रति लीटर आया। परिवादी ने अपने उक्त कथनों के समर्थन में अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-11 के साथ दाखिल ई-मेल दिनांकित 20/01/2010, ई-मेल दिनांक 13/02/2010, ई-मेल दिनांक 13/03/2010, ई-मेल दिनांक 24/03/2010, ई-मेल दिनांक 04/04/2010 और ई-मेल दिनांक 28/7/2010 की ओर हमारा ध्यान आकर्षित किया। यह सभी ई-मेल परिवाद में उल्लिखित स्कूटर की कमियों के विषय में विपक्षी सं0-2 के कस्टमर केयर सेन्टर में परिवादी ने भेजे थे। विपक्षी सं0-1 की ओर से उसके भागीदार श्री संजय अग्रवाल ने अपने साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-12 में स्कूटर की स्टैण्ड किट, डिग्गी लॉक, साइड मिरर, फयूल टैंक, स्विच स्टार्ट बटन, पेट्रोल टैंक कैप, सीट लॉक इत्यादि से सम्बन्धित कमियों को परिवादी द्वारा इंगित किया जाना स्वीकार किया, किन्तु साथ में यह भी कहा कि परिवादी ने जब-जब कोई कमी इंगित की उसे विपक्षी सं0-1 ने दूर किया है। विपक्षी सं0-1 की ओर से यह भी कहा गया कि कुछ चीजें जैसे साइड मिरर रिप्लेसमेन्ट वारण्टी में कवर नहीं थीं फिर भी सदभावना दर्शाते हुऐ उन्होंने उसका रिप्लेसमेन्ट किया। विपक्षीगण के विद्वान अधिवक्ता का कथन है कि स्कूटर के इंजन में कोई खराबी परिवादी ने इंगित नहीं की जो भी कमियां परिवादी बता रहा है वे तकनीकी कमियां नहीं हैं बल्कि परिवादी द्वारा स्कूटर का सही तरीके से रख-रखाब न किये जाने के कारण वे कमियां पैदा हुई जिनका विपक्षी सं0-1 ने निवारण किया है।
- विपक्षी सं0-1 के साक्ष्य शपथ पत्र के साथ दाखिल जॉब कार्ड दिनांकित 20/02/2010, 26/03/2010, 10/04/2010, 26/05/2010 के अवलोकन से प्रकट है कि परिवादी द्वारा खरीदे गये स्कूटर में डिग्गी लॉक, साइड मिरर, स्विच स्टार्ट बटन, फयूल टैंक कैप, सीट लॉक, पेट्रोल टैंक, साइड मिरर विषयक कमियां थी। यधपि विपक्षी ने इन कमियों को दूर किया है, किन्तु हमारा मानना यह है कि यदि कम्पनी के शोरूम से कोई नया स्कूटर खरीदता है तो खरीदने वाले को स्कूटर के नया होने का अहसास भी होना चाहिऐ। उपभोक्ता हित सर्वोपरि है। पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर स्कूटर में निरन्तर जो कमियां उजागर होती रहीं उनके दृष्टिगत हमारा यह मत है कि परिवादी को ऐसे स्कूटर को रखने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिऐ। स्कूटर का ऐवरेज भी मात्र 35 कि0मी0 प्रति लीटर निकला जैसा कि जॉब कार्ड दिनांकित 08/06/2010 कागज सं0- 3/15 से प्रकट है। परिवादी ने अपने अतिरिक्त साक्ष्य शपथ पत्र कागज सं0-14 के साथ विशेषज्ञ अभियन्ता श्री सुदेश मित्तल की इन्सपेक्शन रिपोर्ट कागज सं0-14/6 को दाखिल किया है। इस इन्सपेक्शन रिपोर्ट में उल्लेख है कि परिवादी ने जो-जो कमियां स्कूटर में होना बतायी हैं वे निरीक्ष्ण करने वाले अभियन्ता ने स्कूटर में विधमान होना पाया उनके अनुसार स्कूटर में निर्माण सम्बन्धी दोष है। विपक्षीगण की ओर से यह तो कहा गया कि परिवादीद्वारा समय-समय पर इंगित कमियों को विपक्षी सं0-1 द्वारा दूर कर दिया गया है, किन्तु वे यह नहीं बता पाये हैं कि ऐसे स्कूटर को परिवादी को रखने के लिए क्यो बाध्य किया जाये। हमारे अभिमत में परिवादी को ऐसा स्कूटर रखने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिऐ।
- स्कूटर की रसीद कागज सं0- 3/9, स्कूटर का रजिस्ट्रेशन कराऐ जाने में हुऐ व्यय कागज सं0- 3/17 तथा इसका बीमा कराने में दिऐ गये प्रीमियम कागज सं0- 3/19 की धनराशि को जोड़ने पर परिवादी द्वारा किया गया व्यय 41,611/- आता है इस व्यय में उसके द्वारा खरीदी गयी 500/- रूपये की एक्सेसीरीज भी सम्मिलित हैं। 41,611/-रूपया की यह धनराशि 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित विपक्षीगण से परिवादी को वापिस दिलाया जाना हम न्यायोचित समझते हैं। परिवादी इस स्कूटर को फोरम द्वारा निर्धारित अवधि में विपक्षी सं0-1 को वापिस करेगा।
- परिवादी को इस स्कूटर के कारण जो कठिनाईयां हुई हैं और असमंजस का सामाना करना पड़ा है उसका यधपि धनीय मापदण्ड नहीं है, किन्तु हमारे अभिमतमें परिवादी को इस मद में एकमुश्त 15,000/- (पन्द्रह हजार रूपया) दिलाया जाना पर्याप्त एवं उपयुक्त होगा। तदानुसार परिवाद निस्तारित होने योग्य है।
परिवाद योजित किऐ जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक की अवधि हेतु 9 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित 41,611/- (इकतालीस हजार छ: सौ ग्यारह रूपया) की वसूली हेतु यह परिवाद विपक्षीगण के विरूद्ध स्वीकार किया जाता है। शारीरिक, मानसिक कष्ट एवं क्लेश की मद में विपक्षीगण से परिवादी 15,000/- (पन्द्रह हजार रूपया) तथा परिवाद व्यय की मद में 2,500/- (दो हजार पाँच सौ रूपया) अतिरिक्त पाने का अधिकारी होगा। विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि यह धनराशि 2 माह के भीतर फोरम में जमा करे। परिवादी को उक्त धनराशि का भुगतान फोरम द्वारा परिवाद के पैरा सं0-1 में उल्लिखित स्कूटर विपक्षी सं0-1 को वापिस कर देने के उपरान्त किया जाये। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद। जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
03.07.2015 03/07/2015 03.07.2015 हमारे द्वारा यह निर्णय एवं आदेश आज दिनांक 03.07.2015 को खुले फोरम में हस्ताक्षरित, दिनांकित एवं उद्घोषित किया गया। (श्रीमती मंजू श्रीवास्तव) (सुश्री अजरा खान) (पवन कुमार जैन) सदस्य सदस्य अध्यक्ष - 0उ0फो0-।। मुरादाबाद जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद। जि0उ0फो0-।। मुरादाबाद
03.07.2015 03/07/2015 03.07.2015 | |