Uttar Pradesh

Azamgarh

CC/92/2008

RAM AVTAR SINGH - Complainant(s)

Versus

M/S ADEEBA TRACTORS - Opp.Party(s)

AJAY KUMAR SINGH

11 Jan 2021

ORDER

1

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।

परिवाद संख्या 92 सन् 2008

प्रस्तुति दिनांक 23.04.2008

                                                                                            निर्णय दिनांक 11.01.2021     

रामअवतार सिंह पुत्र स्वo श्री भागवती सिंह साकिन बहोरिकपुर पोस्ट- टण्डवा, तहसील- मेंहनगर, जिला- आजमगढ़।

     .........................................................................................परिवादी।

बनाम

  1. टैफे ट्रैक्टर्स (निर्माण इकाई) चीफ मैनेजर 35 नंगा चक्कम हाई रोड पोस्ट बाक्स नं. 3302 चेन्नई- 60034 फोन नं. 28279073
  2. प्रोपराइटर अदीबा ट्रैक्टर्स रोडवेज सिविल लाइन्स आजमगढ़।
  3.  

उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”

  •  

कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”

परिवादी ने परिवाद पत्र प्रस्तुत कर यह कहा है कि परिवादी ने 11 जून 2007 को मैसी फारगुसन टैफे कम्पनी का एक सिलेण्डर का ट्रैक्टर टैफे 275, कुबेर अदीबा ट्रैक्टर्स रोडवेज सिविल लाईन्स आजमगढ़ से लिया, जिसमें दो साल की गारण्टी थी। उसने अपना पुराना ट्रैक्टर एच.एम.टी. 3522 को प्रोपराइटर अदीबा ट्रैक्टर्स एजेन्सी सिविल लाईन्स रोडवेज आजमगढ़ को दिया, जिसकी कीमत रुo एक लाख दस हजार मात्र रखी गयी और उस समय मैसी फारगुसन टैफे ट्रैक्टर एक सिलेण्डर की कीमत रुo तीन लाख बीस हजार मात्र थी। इसलिए परिवादी ने काशी गोमती ग्रामीण बैंक शाखा खरिहानी से दो लाख रुपये का लोन लिया था। ट्रैक्टर टैफे में एक माह बाद फ्रन्टसाईट दोनों एक्सल सेन्टर पिन खराब हो गया। ट्रैक्टर में एजेन्सी द्वारा टैफे की ट्रैक्टर में किर्लोस्कर कम्पनी का इंजन धोखा देकर डाला गया था। जबकि इंजन भी टैफे मैसी का होना चाहिए था। टैफे ट्रैक्टर दिनांक 24.10.2007 को उसका पम्प खराब हो गया जो पूर्वांचल डीजल सर्विस सिविल लाईन्स आजमगढ़ में बना, बनवाने में पन्द्रह सौ रूपया खर्च हुआ और दिनांक 16.11.2007 को पम्प दोबारा खराब हो गया तो ट्रैक्टर एजेन्सी पर आया जिसे पूर्वांचल डीजल सर्विस सिविल लाइन्स आजमगढ़ ने पम्प निकाल कर बनाया जो मुश्किल से चार दिन बाद खराब हो गया। जिसे एजेन्सी ने निकाल कर बनने के लिए माइक्रो ओरियण्टल कम्पनी वाराणसी भेजा। जहाँ याची द्वारा चौदह सौ रूपए दिया गया। ट्रैक्टर दिनांक 19.11.2007 को बन गया। तीन दिन बाद 22.11.2007 को पुनः गवर्नर असेम्बली खराब हो गया। पुनः ट्रैक्टर एजेन्सी पर दिनांक

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22.11.2007 को टोचन करके ले गया तो दिनांक 29.11.2007 को गाड़ी सही करके याची को दे दी गयी। इस प्रकार उसका सारा समय गेहूँ, बोवाई व जोताई का समय निकल गया। याची द्वारा अदीबा ट्रैक्टर्स एजेन्सी पर टैफे ट्रैक्टर की पम्प नोजेल के बैठ जाने व ट्रैक्टर के खड़ा हो जाने पर न स्टार्ट होने पर जब एजेन्सी पर शिकायत किया कि यह ट्रैक्टर टैफे में मैनुफैक्चरिंग डिफेक्ट है जिसका चलना दुश्वार हो गया तो उसकी शिकायत पर उन्होंने वाराणसी ओरिएन्टल इन्जीनियरिंग कम्पनी को पत्र लिखा तब इन्जीनियर बी.के. सिंह आए और उन्होंने अपना विचार व्यक्त किया कि गवर्नर असेम्बली चेन्ज किया जाए। ट्रैक्टर इंजन स्टार्ट किया पर गवर्नर सही काम नहीं कर रहा है। इंजन में हैंडिंग हो रहा है जिससे वह ओवर स्पीड पकड़ ले रहा है। इन्जीनियर बी.के. सिंह ने ट्रैक्टर को ठीक कर दिया, लेकिन संतोषजनक नहीं रहा। ट्रैक्टर में मेजर फाल्ट आयी व ट्रैक्टर खड़ा हो गया। सूचित करने पर एजेन्सी के प्रोपराइटर के कहने पर ट्रैक्टर टोचन करके दिनांक 10.12.2007 को एजेन्सी पर लाकर ट्रैक्टर को खड़ा कर दिया गया और उसने प्रोपराइटर से कहा कि उसका ट्रैक्टर बदल दीजिए। लेकिन उसने इन्कार कर दिया। ऐसी स्थिति में परिवादी ने उसे नोटिस भेजा। परिवादी ने अपने नोटिस में यह कहा कि उसका ट्रैक्टर बदलकर नया ट्रैक्टर दिया जाए या ट्रैक्टर का मूल्य तीन लाख दस हजार रुपया दिलवाया जाए। गाड़ी में लगे सामानों व किराया बीस हजार रुपया और मानसिक व आर्थिक क्षति के लिए भी क्षतिपूर्ति दिलवायी जाए।

परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादी ने कागज संख्या 6/1 रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट की छायाप्रति, कागज संख्या 6/2 नोटिस, कागज संख्या 6/5 पूर्वांचल डीजल सर्विसेज की रसीद, कागज संख्या 6/6 पूर्वांचल डीजल सर्विसेज को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/7 अदीबा ट्रैक्टर्स द्वारा ओरिएण्टल इंजीनियरिंग कम्पनी वाराणसी को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 6/8 ओरिएण्टल इंजीनियरिंग द्वारा जारी की गयी रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 6/9 श्री गुरू इंजीनियरिंग की रसीद की छायाप्रति तथा काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक द्वारा लोन प्राप्त करने की छायाप्रति, ट्रैक्टर के दिए हुए कीमत की छायाप्रति, बैंक से ऋण प्राप्त करने की रसीद, मार्गेज डीड काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक की छायाप्रति इसके पश्चात् उसने शाखा प्रबन्धक को इस आशय का पत्र लिखा कि वह ट्रैक्टर पा लिया है और उससे पूरी तरह से संतुष्ट है इस आशय की रसीद, आर.सी., काशी गोमती संयुत ग्रामीण बैंक द्वारा जारी रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत किया है। 

विपक्षी संख्या 03 की ओर से जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें

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उन्होंने परिवाद पत्र कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में यह कहा है कि परिवादी केवल हैरान व परेशान करने के उद्देश्य से परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। परिवादी को बैंक द्वारा वांछित ऋण प्रदान किया गया और उसने ट्रैक्टर क्रय किया। परिवाद खारिज किए जाने योग्य है। परिवाद पत्र खारिज किया जाए।

विपक्षी संख्या 03 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 01 द्वारा जवाबदावा प्रस्तुत कर परिवाद पत्र कथनों से इन्कार किया गया है और अतिरिक्त कथनों में यह कहा गया है कि परिवादी को परिवाद पत्र प्रस्तुत करने का अधिकार हासिल नहीं था। विपक्षी संख्या 01 स्टैन्डर्ड क्वालिटी का ट्रैक्टर बनाता है और उसकी क्वालिटी देखने के बाद ही उसे डीलर के यहाँ भेजा जाता है। परिवादी ने विपक्षी संख्या 01 से कभी भी ट्रैक्टर में आयी कमी के सम्बन्ध में सूचित नहीं किया। कम्पनी द्वारा केवल वारण्टी दी जाती है और इस बात की गारण्टी नहीं दी जाती है कि उसे ट्रैक्टर वापस किया जाएगा। परिवादी को ओनर सर्विस मैनुअल बुक जो दी गयी है उसके पैरा 12 पर यह लिखा गया है कि ट्रैक्टर में किर्लोस्कर ऑयल इन्जन लगाया जाता है। इस प्रकार परिवादी से कोई भी बात छिपाई नहीं गयी थी। बुक नं. 2 के पेज नं. 25 पर जो वारण्टी दी गयी है उसमें केवल यह लिखा हुआ है कि यह टायर्स, बैट्रीज, इलेक्ट्रिकल इक्विपमेन्ट और फुएल इन्जेक्शन पम्प कम्पनी द्वारा नहीं बनाए जाते हैं और यह अन्य पक्षकारों से लिया जाता है। मैनुफैक्चरर एवं ओईएम वारण्टी जो परिवादी को दी गयी थी उसके पेज 11 पर क्रेता का डिक्लेयरेशन होता है। उपरोक्त तथ्यों के आलोक में किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड आवश्यक पक्षकार थी। इन्जन में किसी प्रकार की खराबी होने पर किर्लोस्कर ऑयल इंजन लिमिटेड उत्तरदायी होगा। चूंकि परिवादी ने ट्रैक्टर में कमी दिखाया है जिसका कि पर्याप्त विश्लेषण के बाद ही पाया जाना उचित होगा। अतः परिवाद पत्र खारिज किया जाए।  

विपक्षी संख्या 01 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।

विपक्षी संख्या 02 द्वारा प्रलेखीय साक्ष्य में अदीबा ट्रैक्टर्स द्वारा जारी रसीदों की छायाप्रति इसके पश्चात् दो प्रतियों में मरम्मत रसीद की छायाप्रति इसके पश्चात् सर्विस मैनुअल बुक की छायाप्रति, कागज संख्या 36 नो ड्यूज प्रमाण-पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।

उभय पक्षों के विद्वान अधिवक्ताओं को सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। परिवादी अपने अनुतोष में यह कहा है कि उसे नया ट्रैक्टर दिलवाया जाए या ट्रैक्टर का मूल्य 3,10,000/- रुपया दिलवाया जाए। गाड़ी में

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लगे सामान व किराया 20,000/- रुपया भी दिलवाया जाए। यहाँ इस बात का उल्लेख कर देना आवश्यक है कि परिवादी ने अपने ट्रैक्टर में आयी कमी के सन्दर्भ में कम्पनी को सूचित नहीं किया। उसने यह कहा है कि ट्रैक्टर में किर्लोस्कर का इंजन लगाया गया था जो कि ओनर्स सर्विस मैनुअल के अवलोकन से स्पष्ट है कि ट्रैक्टर में किर्लोस्कर कम्पनी का ही इन्जन लगाया जाता है। परिवादी को जो वारण्टी दी गयी थी उसमें ट्रैक्टर बदलकर नया ट्रैक्टर देने अथवा उसका मूल्य अदा करने के बारे में कुछ भी नहीं लिखा गया है। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद निरस्त होने योग्य है।  

आदेश

                                                       परिवाद-पत्र निरस्त किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।

 

 

 

 

                                                                     गगन कुमार गुप्ता                कृष्ण  कुमार सिंह

                                                 (सदस्य)                         (अध्यक्ष)

             दिनांक 11.01.2021

                                              यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।

 

 

                                       गगन कुमार गुप्ता                  कृष्ण  कुमार सिंह

                                                          (सदस्य)                          (अध्यक्ष)

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