Uttar Pradesh

StateCommission

A/720/2023

Meerut Development Authority - Complainant(s)

Versus

Mrs. Raj Kumari - Opp.Party(s)

Ram Raj and Piyush Mani Tripathi

31 May 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/720/2023
( Date of Filing : 28 Apr 2023 )
(Arisen out of Order Dated 23/08/2022 in Case No. CC/2003/251 of District Meerut)
 
1. Meerut Development Authority
Meerut, Through its Secretary
...........Appellant(s)
Versus
1. Mrs. Raj Kumari
R/O 38 Kuncha Neel, Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Rajendra Singh JUDICIAL MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 31 May 2023
Final Order / Judgement

(मौखिक)

 

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-720/2023

मेरठ डेवलपमेंट अथारिटी

बनाम

श्रीमती राज कुमारी

समक्ष:-                                                   

1. माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

2. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

3. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री पीयूष मणि त्रिपाठी, विद्वान

                                  अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित          : कोई नहीं।

दिनांक : 31.05.2023 

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत अपील, इस न्‍यायालय के सम्‍मुख विद्वान जिला आयोग, मेरठ द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.8.2022 के विरूद्ध योजित की गई है, जिसके द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद संख्‍या-251/2003 को स्‍वीकार करते हुए निम्‍नलिखित आदेश पारित किया गया :-

           '' परिवादनी का परिवाद विरूद्ध विपक्षी स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि विपक्षी इस आदेश से दो माह के अंदर परिवादनी की कुल जमा धनराशि अंकन-11,000(ग्‍यारह हजार) रूपये मय 7 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्‍याज जमा तिथि ता अंतिम अदायगी और अंकन-5,000(पांच हजार) रूपये परिवाद व्‍यय परिवादनी को अदा करे। ''

           वाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादिनी ने विपक्षी की शताब्‍दी नगर आवासीय योजना में श्रेणी डी के अंतर्गत एक दुर्बल आय वर्ग भवन कीमत अंकन 33,000/-रूपये लेने हेतु दिनांक 16.9.1989 को अंकन 3,000/- रूपये  विपक्षी  के जमा कराए। उक्‍त भवन की मासिक किश्‍त

-2-

अंकन 700/-रू0 प्रतिमाह थी और भवन आवंटन के एक माह के अंदर आवंटन राशि जमा की जानी थी। आवंटन के तुरंत पश्‍चात दिनांक 20.11.1989 को अंकन 4,000/-रू0 जमा कराए, किंतु 3 वर्ष पश्‍चात पुन: आवंटन राशि की मांग की गई, जिसको परिवादिनी ने दिनांक 29.6.1992 को पुन: जमा कराया। वर्ष 1995 में विपक्षी का एक पत्र प्राप्‍त हुआ, जिसमें बिना  परिवादिनी की सहमति के उक्‍त सम्‍पत्ति का मूल्‍य अंकन 33,000/-रू0 से बढ़ाकर अंकन 82,000/-रू0 कर दिया गया। मौके पर कोई विकास कार्य पूर्ण नहीं किया गया और भवन की कीमत में भारी बढ़ोत्‍तरी कर दी गई, जिसके कारण परिवादिनी उक्‍त भवन को लेने में असमर्थ हो गई।

           विपक्षी ने वादोत्‍तर दाखिल करते हुए परिवाद का विरोध किया और कथन किया कि विपक्षी ने दिनांक 14.12.1994 और दिनांक 20.2.1996 को किश्‍त पत्र भेजे, परन्‍तु परिवादिनी ने किश्‍तों की धनराशि जमा नहीं की। परिवादिनी डिफाल्‍टर रही है। विपक्षी ने सेवा में कोई कमी नहीं की है।

           विद्वान जिला आयोग ने उभय पक्ष द्वारा प्रस्‍तुत की गई साक्ष्‍य पर विचार करने के उपरांत उपरोक्‍त वर्णित निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।

           अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता श्री पीयूष मणि त्रिपाठी को अंगीकरण के स्‍तर पर ही विस्‍तार से सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली का अवलोकन किया गया।

           प्रस्‍तुत अपील विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र के साथ इस न्‍यायालय के सम्‍मुख योजित की गयी है। हमारे द्वारा विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र का अवलोकन किया गया। प्रस्‍तुत अपील में विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र में वर्णित तथ्‍यों के परिशीलन से हम सन्‍तुष्‍ट हैं। अतएव विलम्‍ब क्षमा प्रार्थना पत्र स्‍वीकार किया जाता है और अपील प्रस्‍तुत करने में हुआ विलम्‍ब क्षमा किया जाता है।

 

 

-3-

प‍त्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्रों का अवलोकन किया गया तथा समस्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश में हस्‍तक्षेप हेतु कोई उचित आधार नहीं हैं, परन्‍तु हमारे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 5,000/-रू0 अदा करने हेतु आदेशित किया गया है, उसे न्‍यायहित में समाप्‍त किया जाना उचित है तथा परिवादिनी को देय राशि पर ब्‍याज 07 प्रतिशत के स्‍थान पर 06 प्रतिशत की दर से दिलाया जाना उचित है।

तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है तथा विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 23.8.2022 को संशोधित करते हुए विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 5,000/-रू0 (पांच हजार रूपये) हेतु पारित आदेश को समाप्‍त किया जाता है तथा 07 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज के स्‍थान पर 06 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्‍याज देय होगा। विद्वान जिला आयोग का शेष आदेश यथावत् रहेगा। 

उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)       (राजेन्‍द्र सिंह)          (सुशील कुमार)

       अध्‍यक्ष                सदस्‍य                  सदस्‍य

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
JUDICIAL MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.