मौखिक
पुनरीक्षण संख्या-40/2020
ब्रांच मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक बनाम श्रीमती मनीशा सक्सेना आदि
29.10.2020
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता श्री रवि शंकर मिश्रा उपस्थित आये।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता को हमने सुना और परिवाद संख्या-719/2020 श्रीमती मनीशा सक्सेना बनाम केनरा एच0एस0बी0सी0 ओरियन्टल बैंक ऑफ कामर्स आदि में जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 28.09.2020 का अवलोकन किया।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का तर्क है कि सरफेसी एक्ट के अन्तर्गत परिवादिनी, जो पुनरीक्षण याचिका में विपक्षी है, के विरूद्ध कार्यवाही लम्बित है। अत: परिवाद उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अन्तर्गत ग्राह्य नहीं है।
पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता का यह भी तर्क है कि आक्षेपित आदेश पुनरीक्षणकर्ता की अनुपस्थिति में उसे सुने बिना जिला उपभोक्ता आयोग ने पारित किया है, जो अधिकार रहित और विधि विरूद्ध है।
हमने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्ता के तर्क पर विचार किया।
आक्षेपित आदेश के अवलोकन से यह स्पष्ट है कि आक्षेपित आदेश के पारित किये जाने के समय पुनरीक्षणकर्ता, जो परिवाद में विपक्षी है, की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है और आक्षेपित आदेश एकपक्षीय
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रूप से पारित किया गया है। अत: यह उचित प्रतीत होता है कि पुनरीक्षणकर्ता अपनी आपत्ति जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत करे और जिला उपभोक्ता आयोग उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर देकर उसका निस्तारण एक माह के अन्दर करे।
उपरोक्त निष्कर्ष के आधार पर पुनरीक्षण याचिका अन्तिम रूप से पुनरीक्षणकर्ता को इस छूट के साथ निस्तारित की जाती है कि वह अपनी आपत्ति जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष निश्चित तिथि तक प्रस्तुत करे। तदोपरान्त जिला उपभोक्ता आयोग एक माह के अन्दर उभय पक्ष को सुनकर पुनरीक्षणकर्ता की आपत्ति पर विधि के अनुसार आदेश पारित करे।
पुनरीक्षणकर्ता दिनांक 04.11.2020 को जिला उपभोक्ता आयोग-प्रथम, लखनऊ के समक्ष उपस्थित हो और उसी दिन अपनी आपत्ति जिला उपभोक्ता आयोग के समक्ष प्रस्तुत करे। तदोपरान्त जिला उपभोक्ता आयोग उपरोक्त निर्देश के अनुसार पुनरीक्षणकर्ता की आपत्ति का निस्तारण एक माह के अन्दर करे।
(न्यायमूर्ति अख्तर हुसैन खान) (गोवर्धन यादव) (विकास सक्सेना)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
जितेन्द्र आशु0
कोर्ट नं0-1