Uttar Pradesh

StateCommission

RP/40/2020

Branch Manager Punjab National Bank - Complainant(s)

Versus

Mrs. Manisha Saxena - Opp.Party(s)

Ravi Shankar Mishra

29 Oct 2020

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Revision Petition No. RP/40/2020
( Date of Filing : 27 Oct 2020 )
(Arisen out of Order Dated 28/09/2020 in Case No. C/719/2020 of District Lucknow-I)
 
1. Branch Manager Punjab National Bank
Erstwhile Oriental Bank of Commerce 39 Chandralok Colony Aliganj Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Mrs. Manisha Saxena
W/O Late mr. Anuj Saxena R/O House No. D506 Sector D LDA Colony kanpur Road Lucknow U.P.
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN PRESIDENT
 HON'BLE MR. Gobardhan Yadav MEMBER
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 29 Oct 2020
Final Order / Judgement

मौखिक

पुनरीक्षण संख्‍या-40/2020

ब्रांच मैनेजर, पंजाब नेशनल बैंक बनाम श्रीमती मनीशा सक्‍सेना आदि

29.10.2020

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता श्री रवि शंकर मिश्रा उपस्थित आये।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता को हमने सुना और परिवाद संख्‍या-719/2020 श्रीमती मनीशा सक्‍सेना बनाम केनरा एच0एस0बी0सी0 ओरियन्‍टल बैंक ऑफ कामर्स आदि में जिला उपभोक्‍ता आयोग-प्रथम, लखनऊ द्वारा पारित आक्षेपित आदेश दिनांक 28.09.2020 का अवलोकन किया।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि सरफेसी एक्‍ट के अन्‍तर्गत परिवादिनी, जो पुनरीक्षण याचिका में विपक्षी है, के विरूद्ध कार्यवाही लम्बित है। अत: परिवाद उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत ग्राह्य नहीं है।

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता का यह भी तर्क है कि आक्षेपित आदेश पुनरीक्षणकर्ता की अनुपस्थिति में उसे सुने बिना जिला उपभोक्‍ता आयोग ने पारित किया है, जो अधिकार रहित और विधि विरूद्ध है।

हमने पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता के तर्क पर विचार किया।

आक्षेपित आदेश के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट है कि आक्षेपित आदेश के पारित किये जाने के समय पुनरीक्षणकर्ता, जो परिवाद में विपक्षी है, की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ है और आक्षेपित  आदेश  एकपक्षीय

....................................2

 

-2-

रूप से पारित किया गया है। अत: यह उचित प्रतीत होता है कि पुनरीक्षणकर्ता अपनी आपत्ति जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत करे और जिला उपभोक्‍ता आयोग उभय पक्ष को सुनवाई का अवसर देकर उसका निस्‍तारण एक माह के अन्‍दर करे।

उपरोक्‍त निष्‍कर्ष के आधार पर पुनरीक्षण याचिका अन्तिम रूप से पुनरीक्षणकर्ता को इस छूट के साथ निस्‍तारित की जाती है कि वह अपनी आपत्ति जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष निश्‍चित तिथि तक प्रस्‍तुत करे। तदोपरान्‍त जिला उपभोक्‍ता आयोग एक माह के अन्‍दर उभय पक्ष को सुनकर पुनरीक्षणकर्ता की आपत्ति पर विधि के अनुसार आदेश पारित करे।

पुनरीक्षणकर्ता   दिनांक  04.11.2020   को   जिला   उपभोक्‍ता                    आयोग-प्रथम, लखनऊ के समक्ष उपस्थित हो और उसी दिन अपनी आपत्ति जिला उपभोक्‍ता आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत करे। तदोपरान्‍त जिला उपभोक्‍ता आयोग उपरोक्‍त निर्देश के अनुसार पुनरीक्षणकर्ता की आपत्ति का निस्‍तारण एक माह के अन्‍दर करे।

 

 

(न्‍यायमूर्ति अख्‍तर हुसैन खान)    (गोवर्धन यादव)    (विकास सक्‍सेना)       

    अध्‍यक्ष                     सदस्‍य          सदस्‍य           

 

जितेन्‍द्र आशु0

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE AKHTAR HUSAIN KHAN]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Gobardhan Yadav]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

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