Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/263/2014

Reena Devi - Complainant(s)

Versus

Mr. Social Welfare Officer - Opp.Party(s)

Shri Janardan Singh

15 May 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/263/2014
 
1. Reena Devi
W/O Late Malik Chand Gautam, Village- Madarpur, Post- Rasulpur Kadhwara, Pargana & District- Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. Mr. Social Welfare Officer
Ghazipur, District- Ghazipur
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MRS. Paramsheela PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Manoj Kumar MEMBER
 
For the Complainant:Shri Janardan Singh, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

निर्णय

     परिवादिनी ने यह परिवाद पत्र विपक्षी गण के विरुद्ध शपथ पत्र के साथ प्रस्‍तुत  करते हुए कहा है कि उसके पति मजदूर थे और मजदूरी का कार्य करके अपने और अपने परिवार का भरण-पोषण करते थे जिनकी मृत्‍यु 27 वर्ष की अवस्‍था में दि017-10-12 को  हो गयी। परिवार के वही कमाऊ सदस्‍य थे और परिवार के आमदनी का एक मुख्‍य स्रोत थे। परिवादिनी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती है जिसकी वार्षिक आय रू0 1500/- है। परिवादिनी ने जिला समाज कल्‍याण विभाग द्वारा संचालित सामाजिक सहायता के अन्‍तर्गत ‘’ राष्‍ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना’’ के तहत रू0 20,000/- सहायता प्राप्‍त करने के लिए आवेदन पत्र विपक्षी सं04 के यहॉ प्रस्‍तुत किया। हल्‍का लेखपाल ने जॉच किया और राजस्‍व निरीक्षक तहसीलदार व उप जिलाधिकारी गाजीपुर ने दि0 07-10-13 को ‘’राष्‍ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना’’ के अन्‍तर्गत स्‍वीकृति व भुगतान की संस्‍तुति प्रदान किया। विपक्षी सं01 द्वारा परिवादिनी को योजना का लाभ नहीं दिया गया, न ही कोई कार्यवाही की गयी। परिवादिनी द्वारा दि0 18-10-14 को रजिस्‍ट्री डाक से नोटिस दी गयी परन्‍तु कोई कर्यवाही नहीं की गयी। परिवादिनी विधवा असहाय को आज तक उक्‍त धनराशि  स्‍वीकृति एवं संस्‍तुति होने के बावजूद, उसका लाभ परिवादिनी को नहीं मिला जो  विपक्षी की लापरवाही एवं सेवा में कमी है। उपरोक्‍त कथनों को कहते हुए परिवादिनी ने विपक्षी गण से रू0 20,000/- मय ब्‍याज, राष्‍ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत दिलाये जाने एवं वाद व्‍यय हेतु यह परिवाद प्रस्‍तुत किया।

 

     विपक्षी गण को सूचना भेजी गयी। विपक्षी सं04 ने अपना जवाब परिवाद दि0 04-12-14 प्रपत्र 16ग प्रस्‍तुत करते हुए कहा है कि परिवादिनी का मामला राष्‍ट्रीय  पारिवारिक लाभ योजना से सम्‍बन्धित है। परिवादिनी का आवेदन पत्र उक्‍त कार्यालय में प्राप्‍त नहीं हुआ है। इस योजना के अन्‍तर्गत सरकार पात्र व्‍यक्तियों को अनुदान देती है। परिवादिनी उपभोक्‍ता की श्रेणी में नहीं आती है। प्रस्‍तुत प्रकरण को देखने का क्षेत्राधिकार उपभोक्‍ता फोरम को नहीं है। परिवाद पोषणीय नहीं है।

 

     विपक्षी सं01 लगायत 3 पर नोटिस व्यक्तिगत रूप से तामील है परन्‍तु वे आज तक न तो उपस्थित हुए न ही अपना जवाब परिवाद पस्‍तुत किये। इसलिए फोरम द्वारा  दि0 24-03-15 को तामील पर्याप्‍त मानते हुए एक पक्षीय कार्यवाही का आदेश पारित किया गया।

     परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद के समर्थन में प्रपत्र 7ग, 8ग, 9ग, 10ग, 11ग, 12ग, 13ग, 14ग, पत्रावली पर प्रस्‍तुत किये गये हैं। लिखित बहस 17ग/1 लगायत 17ग/2 प्रस्‍तुत की गयी है।

     फोरम द्वारा परिवादिनी के अधिक्वक्‍ता की बहस सुनी गयी। पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त साक्ष्‍यों एवं कागजातों का अवलोकन और परिशीलन किया गया।

        परिवादिनी का परिवाद पत्र, विपक्षी का जवाब परिवाद, व पत्रावली पर उपलब्‍ध प्रपत्र 8ग से स्‍पष्‍ट है कि परिवादिनी के पति की मृत्‍यु 27 वर्ष की अवस्‍था में  हो गयी है जिसके लिए पारिवारिक लाभ योजना के भुगतान हेतु सत्‍यापन प्रारूप प्रस्‍तुत किय गया है। प्रपत्र 15ग से स्‍पष्‍ट है कि जिला समाज कल्‍याण अधिकारी को उक्‍त मृत्‍यु की सूचना दी गयी है। प्रपत्र 16ग में यह प्रदर्शित किया गया है कि  अधोहस्‍ताक्षरी के कार्यालय में कोई आवेदन पत्र प्राप्‍त नहीं है। परिवादिनी उपभोक्‍ता नहीं है। जैसा कि विपक्षी सं01 का कथन है कि परिवादिनी उपभोक्‍ता की परिधि में नहीं आती है। इसलिए परिवाद पोषणीय नहीं है। उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के प्राविधान के अनुसार परिवादिनी उपभोक्‍ता की हैसियत नहीं रखती। लेकिन मानवीय आधार पर जो प्रारूप प्रपत्र 8गप्रस्‍तुत है, यदि वह प्रति विपक्षी सं01 के यहॉ परिवादिनी द्वारा पुन: प्राप्‍त करा दी जाय तो उक्‍त योजना का लाभ देने के लिए विपक्षी सं01 अपने स्‍तर से समुचित कार्यवाही कर सकता है। चॅूकि  उक्‍त  योजना का लाभ पात्र व्‍यक्तियों को दिया जा रहा है जिसके सम्‍बन्‍ध में प्रपत्र 8ग पत्रावली पर प्रस्‍तुत है। इस प्रकार से परिवादिनी यदि चाहे तो वह पुन: विपक्षी सं01 या उसके उच्‍चाधिकारियों के यहॉ पुन: उक्‍त योजना का लाभ प्राप्‍त करने हेतु आवेदन पत्र प्रस्तुत कर सकती है। परिवादिनी उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम में निहित प्राविधानों के तहत उपभोक्‍ता की हैसियत नहीं रखती है। इसलिए प्रस्‍तुत परिवाद उपभोक्‍ता फोरम में विचारणीय नहीं है।

 

     तद्नुसार परिवादिनी का परिवाद निरस्‍त किये जाने योग्‍य ।

                             आदेश

     परिवाद निरस्‍त  किया जाता है।

इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय। निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर,उद्घोषित किया गया।

 
 
[HON'BLE MRS. Paramsheela]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Manoj Kumar]
MEMBER

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