Uttar Pradesh

Ghazipur

CC/24/2015

Smt. Lalmuni Devi - Complainant(s)

Versus

Mr. Manager Life Insurance Corporation of India - Opp.Party(s)

Shri Iqbal Husain Khan

09 Nov 2015

ORDER

DISTRICT CONSUMER DISPUTES REDRESSAL FORUM GHAZIPUR
COLLECTORATE COMPOUND, DISTRICT- GHAZIPUR
 
Complaint Case No. CC/24/2015
 
1. Smt. Lalmuni Devi
W/O Shri Deenanath Yadav, Village- Kalyanpur, Post- Gaura
Ghazipur
...........Complainant(s)
Versus
1. Mr. Manager Life Insurance Corporation of India
Branch Office- Shubhra Complex, Mahuabagh
Ghazipur
2. Mr. Divisional Manager Life Insurance Corporation of India
1155 B, 12/120 Gauriganj, Bhelupur
Varanasi
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma PRESIDENT
 HON'BLE MRS. Paramsheela MEMBER
 
For the Complainant:Shri Iqbal Husain Khan, Advocate
For the Opp. Party:
ORDER

दिनांक:09-11-2015

परिवादिनी ने यह परिवाद इस आशय से योजित किया है कि विपक्षी गण को निर्देश दिया जाय कि वे उसकी दोनों पालिसियों के पालिसी बाण्‍ड उसे उपलब्ध करायें । परिवादिनी की ओर से यह भी चाहा गया है कि विपक्षी गण से दोनों पालिसियों की परिपक्‍वता धनराशि भी उसे अदा करने का निर्देश दिया जाय। उसने यह भी चाहा है कि उसे मानसिक, आर्थिक क्षति के रूप में रू010000/- तथा वाद व्‍यय के रूप में रू02000/- दिलाये जायॅ।

 

            परिवाद पत्र के अनुसार परिवादिनी का संक्षेप में कथन इस प्रकार है कि उसने दिनांक 02-12-2008 को रू0 30,000/- रू030,000/- की दो पालिसियॉ क्रमश: संख्‍या  286257544 व 286257545 दिनांक 02-12-2008 को ली थीं और विपक्षी के कार्यालय में रू0 60,000/- जमा करके रसीदें प्राप्‍त की थी। उक्‍त दोनों पालिसियों की परिपक्‍वता दिनांक 01-12-2028 को होनी है। विपक्षी सं01 के कार्यालय के लिपिक ने बताया था कि दानों पालिसियों के बाण्‍ड उसके पते पर डाक द्वारा भेज दिये जायेंगे। सम्बन्धित क्‍लर्क ने यह भी आश्‍वासन दिया था कि उसके पालिसी बाण्‍ड को और कोई नहीं ले सकता है। परिवादिनी को अब तक दोनों पालिसी बाण्‍ड प्राप्‍त नहीं हुए हैं। इस हेतु उसने दिनांक 11-11-14 को विपक्षी गण को प्रार्थना पत्र भी भेजा था लेकिन उसका कोई उत्‍तर प्राप्‍त नहीं हुआ। विपक्षी विभाग द्वारा परिवादिनी को शारीरिक, आर्थिक, मानसिक रूप से परेशान किया गया है। इसलिए वह रू0 10,000/- विशेष हर्जा पाने की अधिकारिणी है। परिवादिनी ने अपेक्षित न्‍याय शुल्‍क रू0 100/- जमा कर दी हैं ।

 

      विपक्षी गण को पंजीकृत डाक द्वारा नोटिस भेजी गयी लेकिन उक्‍त नोटिस तामील होकर अथवा बिना तामील, एक माह से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, प्राप्‍त नहीं हुई।  अत: विपक्षी गण पर पर्याप्‍त तामील मानते हुए एक पक्षीय सुनाई किये जाने का आदेश दिया गया।

 

      परिवादिनी ने अपने कथनों के समर्थन में सूची कागज संख्‍या 5ग के जरिये  4 अभिलेख पत्रावली पर उपलब्‍ध कराने के साथ ही अपना शपथ पत्र 11ग पत्रावली पर उपलब्‍ध कराया है । परिवादिनी की ओर से लिखित बहस भी पत्रावली पर उपलब्‍ध की गई है।

 

      सुनवाई की तिथियों पर विपक्षी गण की ओर से कोई उपस्थित नहीं आया न ही उनकी ओर से कोई साक्ष्‍य प्रस्‍तुत की गई और न मौखिक बहस करने हेतु कोई उपस्थित आया। ऐसी स्थिति में परिवादिनी के विद्वान अधिवक्‍ता की बहस सुनी गई और लिखित बहस का परिशीलन किया गया। उसकी ओर से प्रस्‍तुत साक्ष्‍य और लिखित बहस का परिशीलन किया गया।

 

      परिवादिनी की ओर से कहा गया है कि दिनांक 02-12-2008 को  उसने 30,000/- 30,000/- के दो पालिसी क्रमश: संख्‍या 286257544 व 286257545 ली थी और विपक्षी सं01 के कार्यालय में  रू0 60,000/- प्रीमियम जमा करके रसीदें प्राप्‍त की थी। उक्‍त दोनों पालिसियों की परिपक्वता दिनांक 01-12-2028 को होनी है। उसकी ओर से यह भी कहा गया है कि उक्‍त दोनों पालिसियों के बाण्‍ड आश्‍वासन के बावजूद, अब तक परिवादिनी को प्राप्‍त नहीं हुए हैं। विपक्षी गण ने सेवा में घोर कमी की है। परिवादिनी के कथनों का खण्‍डन करने के लिए विपक्षी गण की ओर प्रतिवाद पत्र नहीं प्रस्‍तुत किया गया है। परिवादिनी की ओर से दो रसीदें 17ग/1 व 17ग2 पत्रावली पर उपलबध कराई गई हैं जिनसे प्रकट है कि परिवादिनी के नाम उपरोक्‍त कथित दो पालिसियॅा दिनांक 02-12-2008 को जारी करने हेतु रू0 30,000, रू0 30,000/- उससे प्राप्‍त किये गये थे। परिवादिनी ने सशपथ बयान में कहा है कि उक्त दोनों पालिसियों से सम्‍बन्धित पालिसी बाण्‍ड, नोटिस दिये जाने व व्‍यक्तिगत रूप से सम्‍पर्क करने के बावजूद, उसे प्राप्‍त नहीं कराये गये हैं। इस कथन का खण्‍डन विपक्षी गण की ओर से नहीं किया गया है। परिवादिनी को उपरोक्‍त दोनों पालिसियों से सम्‍बन्धित पालिसी बाण्‍ड उपलब्‍ध न कराया जाना सेवा में कमी है। ऐसी स्थिति में विपक्षी को यह निर्देश देना उचित है कि वे उपरोक्‍त पालिसियों से सम्‍बन्धित पालिसी बाण्‍ड एक माह के अन्‍दर परिवादिनी को प्राप्‍त कराना सुनिश्चित करें। स्‍वीकृत रूप में उपरोक्त दोनों पालिसी बाण्‍ड की परिपक्वता माह दिसम्‍बर 2028 में है। इसलिए दोनों पालिसियों की परिपक्‍वता धनराशि परिवादिनी को प्राप्‍त कराये जाने का निर्देश इस स्‍तर पर देने का कोई औचित्‍य नहीं है। अब तक पालिसी बाण्‍ड उपलब्ध न कराये जाने से परिवादिनी को शारीरिक व मानसिक कष्‍ट हुआ है तथा विवश होकर उसे परिवाद योजित करना पड़ा है। ऐसी स्थिति में परिवादिनी को मानसिक कष्‍ट तथा आर्थिक क्षति के लिए रू0 1,000/- तथा वाद व्‍यय के लिए रू0 1,000/- विपक्षी गण से दिलाया जाना उचित है। परिवाद तद्नुसार अंशत: स्‍वीकार होने योग्य है।      

                        आदेश

 

     परिवादिनी का परिवाद अंशत: स्‍वीकार करते हुए, विपक्षी गण को निर्देश दिया जाता है कि वे एक माह के अन्‍दर परिवाद पत्र में वार्णित दोनों पालिसियों से सम्‍बन्धित पालिसी बाण्‍ड परिवादिनी को प्राप्‍त कराना सुनिश्चित करने के साथ ही मानसिक तथा आर्थिक क्षति के लिए रू01,000/- तथा वाद व्‍यय के लिए रू0 1,000/- भी परिवादिनी को अदा करना सुनिश्‍चित करें ।

          इस निर्णय की एक-एक प्रति पक्षकारों को नि:शुल्‍क दी जाय। निर्णय आज खुले न्‍यायालय में, हस्‍ताक्षरित, दिनांकित कर, उद्घोषित किया गया।

 
 
[JUDGES HONOURABLE MR Ram Prakash Verma]
PRESIDENT
 
[HON'BLE MRS. Paramsheela]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.