GAURAV SINGH CHAUHAN filed a consumer case on 13 Jun 2024 against Mr. DISTRICT MAGISTRATE in the Etah Consumer Court. The case no is MA/7/2024 and the judgment uploaded on 14 Jun 2024.
13/06/2024
प्रकीर्ण वाद प्रस्तुत हुआ। आवेदक के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित ।
परिवाद धारा 5 परिसीमा अधिनियम का लाभ देते हुये अंगीकृत किए जाने हेतु कागज सं0 2 मय शपथ पत्र कागज सं0 3 के साथ प्रस्तुत किया गया है।
कागज सं0 2 धारा 5 परिसीमा अधिनियम के प्रार्थना पत्र में आवेदक द्वारा कथन किया गया है कि विपक्षी द्वारा आवेदक को बकाया भुगतान न करने के कारण वह काफी डिप्रेशन में आ गया जिसके कारण वह बीमार गो गया तथा उसका इलाज दिल्ली में चलता रहा। जैसे उसकी तबियत में सुधार हुआ वह वाद दायर किए जाने हेतु उपस्थित हुआ। आवेदक ने वाद दायर करने में कोई देरी नहीं किया है जो भी बिलम्ब हुआ है वह डिप्रेशन में आने के कारण हुआ है। आवेदक ने जानबूझ कर कोई बिलम्ब नहीं किया है।
अतः आवेदक द्वारा याचना की गयी है कि उसे धारा 5 परिसीमा अधिनियम का लाभ दे कर परिवाद पत्र की सुनवाई की जाए।
आवेदक के विद्वान अधिवक्ता को कागज सं0 2 बाबत परिसीमा अधिनियम की धारा 5 के तहत बिलम्ब को क्षमा किए जाने के बिन्दु पर सुना गया व पत्रावली का अवलोकन किया गया।
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 की धारा 69 उपधारा (1) में प्राविधान है कि जिला आयोग, राज्य आयोग या राष्ट्रीय आयोग कोई परिवाद स्वीकार नहीं करेगा, यदि यह उस तारीख से जिसको वाद हेतुक उद्धृत हुआ है. दो वर्ष की अवधि के भीतर फ़ाइल नहीं की जाती है।
(2) उपधारा (1) में किसी बात के होते हुये भी, उपधारा (1) में विनिर्दिष्ट अवधि के पश्चात परिवाद स्वीकार किया जा सकेगा. यदि परिवादी यथास्थिति जिला आयोग, राज्य आयोग या राष्ट्रीय आयोग का यह समाधान कर देता है कि उसके पास ऐसी अवधि के भीतर परिवाद फ़ाइल न करने का पर्याप्त कारण था।
इस प्रकार आवेदक द्वारा अपने प्रार्थना पत्र कागज सं0 2 में परिसीमा अवधि के अंदर परिवाद पत्र प्रस्तुत न किये जाने का कारण स्वयं अवसाद में जाने के कारण बीमार होना व दवा इलाज कराना बताया गया है। आवेदक का प्रार्थना पत्र बावत क्षमा किये जाने बिलम्ब, शपथ पत्र कागज सं0 3 से समर्थित है।
इस प्रकार आवेदक द्वारा बिलम्ब से परिवाद प्रस्तुत किये जाने का सम्यक व पर्याप्त कारण दर्शित किया गया है। अतः आवेदक का प्रार्थना पत्र कागज सं0 2 स्वीकार किये जाने योग्य है।
आदेश
आवेदक का प्रार्थना पत्र कागज सं0 2 स्वीकार किया जाता है। आवेदक को धारा 5 परिसीमा अधिनियम का लाभ प्रदान किया जाता है। तदनुस्तर प्रकीर्ण वाद निस्तारित किया जाता है। अंगीकरण के बिन्दु पर सुनवाई हेतु मुसरिम लिपिक की आख्या के साथ परिवाद दिनांक 26.06.2024 को पेश हो।
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