Bihar

Darbhanga

CC/54/12

DILIP KUMAR - Complainant(s)

Versus

Mr. ADITYA GUPTA - Opp.Party(s)

SRI SUNIL KUMAR PRASAD

10 Oct 2019

ORDER

Heading1
Heading2
 
Complaint Case No. CC/54/12
( Date of Filing : 07 Aug 2012 )
 
1. DILIP KUMAR
RESIDENT OF MOHALLA-KATHALBARI, P.S- L.N.M.U CAMPUS, P.O & DISTT- DARBHANGA
...........Complainant(s)
Versus
1. Mr. ADITYA GUPTA
DIRECTOR PINNACLE INDIA, EDUCATIONAL PUBLISHER, D-23, SOUTH EXTENSION PART-1 NEW DELHI-110049
............Opp.Party(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SRI SARVJEET PRESIDENT
 HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar MEMBER
 HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha MEMBER
 
For the Complainant:SRI SUNIL KUMAR PRASAD, Advocate
For the Opp. Party:
Dated : 10 Oct 2019
Final Order / Judgement

एकपक्षीय आदेश

परिवादी ने इस आशय का परिवाद पत्र दाखिल किया कि विपक्षीगण ने अपनी कंपनी के लिए साक्षत्कार के लिए आवेदन आवेदित किया। परिवादी साक्षत्कार में उपस्थित हुआ परिवादी की नियुक्ति विपक्षी कंपनी में किया गया उक्त नियुक्ति की तिथि 21.09.2011 से प्रभावी था परिवादी कंपनी के द्वारा निर्धारित शर्तों को स्वीकार करते हुए अपना योगदान दिया। नियुक्ति के समय परिवादी को विपक्षी द्वारा यह सुनिश्चित किया गया था कि उसे सप्ताहिक टी०ए० और डी०ए० निश्चित वेतन के अलावा दिया जायेगा। योगदान के समय तीन हजार रुपया टी०ए० एवं डी०ए० के रूप में तीन हजार रुपया अग्रिम भुगतान एक सप्ताह के लिए किया जाएगा।

                    परिवादी का यह भी कथन है कि विपक्षी के द्वारा परिवादी को काम सुनिश्चित कर दिया गया। उसके बाद परिवादी ने अपने टी०ए० और डी०ए० बिल दिनांक 29.09.2011 से 11.10.2011 तक रुपया 600 रु० एवं 1830 रु० विपक्षी को भेजाश्री परिवादी का यह भी कथन है कि उसे विपक्षी द्वारा वेतन दिसंबर 2011 तक दिया गया। लेकिन टी०ए० और डी०ए० का भुगतान नहीं किया गया। इसके लिए परिवादी ने विपक्षी  से अनेक पत्र व्यवहार किया। लेकिन उसका कोई जबाब विपक्षी द्वारा नहीं दिया गया। आवेदक को विपक्षी द्वारा मुख्यालय से बहार भेज दिया गया। दिनांक 10.10.2011 से 06.03.2012 तक वह बाहर था लेकिन उसे टी०ए० और डी०ए० नहीं दिया गया।

                    परिवादी का यह भी कथन है कि उसने विपक्षी को अधिवक्ता नोटिस दिनांक 10.02.2012 एवं 19.04.2012 को दिया लेकिन विपक्षीगण ने उसका कोई जवाब नहीं दिया अंत में परिवादी ने दिनांक 10.05.2012 को पुनः अधिवक्ता नोटिस दिया। लेकिन उसका भी कोई जवाब नहीं दिया। परिवादी को दिनांक 28.09.2011 से 06.03.2012 तक का टी०ए० और डी०ए० बिल का भुगतान एवं वेतन का भुगतान कुल मिलकर 80777 रु० का भुगतान नहीं किया गया।

                       परिवादी का यह कथन है कि वह अब भी कंपनी में काम कर रहा है वह आर्थिक नुकसान तथा मानसिक एवं शारीरिक पीड़ा से ग्रसित है अतः अनुरोध है कि फोरम द्वारा विपक्षी से 58777 रु० टी०ए० एवं डी०ए० का भुगतान तथा जनवरी 2012 से जून 2012 तक के 33000 रु० सैलरी का भुगतान 12% वार्षिक व्याज की दर से कर दे। इसके अलावा विपक्षी को यह भी आदेश दिया जाये की सेवा शर्तों में त्रुटि के कारण परिवादी को जो मानसिक पीड़ा पहुंची, उसकी क्षतिपूर्ति के लिए 50000 रु० विधिक प्रक्रिया पर किये गए खर्च 10000 रु० कुल 151777 रु० का भुगतान कर दें।

                        विपक्षी को बार-बार मौका देने के बाद एवं सम्पूर्ण प्रक्रिया के अनुपालन के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ अंत में मामले की सुनवाई एकपक्षीय किया गया।

                         परिवादी द्वारा अपने कथन के समर्थन में दस्तावेजी साक्ष्य एनेक्सचर-1 पिनाकल इंडिया लि० द्वारा जारी नियुक्ति पत्र, सेवा शर्तों एनेक्सचर-2 परिवादी द्वारा दाखिल टी०ए० और डी०ए० का चार्ट एनेक्सचर-3, शिकायतकर्ता द्वारा लिखा गया पत्र एनेक्सचर-4, शिकायतकर्ता द्वारा टी०ए० एवं डी०ए० के भुगतान के विषय में लिखा गया पत्र एनेक्सचर-5 से लेकर एनेक्सचर-23 तक परिवादी द्वारा मुख्यालय से बहार जाने पर किये गए खर्च का चार्ट एनेक्सचर-24,25,26,27 तक अधिवक्ता नोटिस दाखिल किया गया। मौखिक साक्षी के रूप में परिवादी के द्वारा साक्षी सं०-01 धनंजय कुमार, साक्षी सं-2 दिलीप कुमार का परिक्षण कराया विपक्षी के अनुपस्थित रहने के कारण साक्ष्यों के साक्ष्य का सत्यता के कसौटी पर आंकलन नहीं किया जा सका।

                            परिवादी द्वारा दाखिल मौखिक साक्ष्यों एवं दस्तावेजी साक्ष्यों तथा शिकायत पत्र में यह स्पष्ट हो जाता है कि परिवादी उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 02 के अनुसार उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। क्योंकि यह फोरम उपभोक्ता से सम्बंधित विवादों के निस्तारण हेतु गठित किया गया है तथा फोरम को उपभोक्ता से सम्बंधित विवादों के निस्तारण से सम्बंधित क्षेत्राधिकार प्राप्त है। परिवादी द्वारा लाया गया यह परिवाद पत्र उपभोक्ता संरक्षण की धारा-02(D) में दिया गए परिभाषा के तहत आवेदक उपभोक्ता नहीं है तथा-2(B) के अनुसार यह शिकायत पत्र एक उपभोक्ता द्वारा नहीं किया गया है।

               चूँकि इस फोरम को उपभोक्ता के विवादों के निस्तारण का मात्र क्षेत्राधिकार है, परिवादी द्वारा लाया गया यह आवेदन इससे परे है। इस कारण इस फोरम द्वारा आवेदक द्वारा दाखिल इस आवेदन को ख़ारिज किया जाता है आवेदनकर्ता अपनी शिकायत को प्राधिकृत पदाधिकारी अथवा न्यायालय के समक्ष उठा सकते है। तदनुसार परिवादी के परिवाद को फोरम द्वारा ख़ारिज करते हुए अंतिम रूप से निष्पादित किया जाता है। अभिलेख को अभिलेखगर में जमा करने का आदेश दिया जाता है।

 
 
[HON'BLE MR. SRI SARVJEET]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Sri Ravindra Kumar]
MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. Dr. Mala Sinha]
MEMBER
 

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