SUNITA filed a consumer case on 22 Sep 2021 against MOTORS & GENERAL SALES in the Azamgarh Consumer Court. The case no is CC/110/2015 and the judgment uploaded on 01 Oct 2021.
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग- आजमगढ़।
परिवाद संख्या 110 सन् 2015
प्रस्तुति दिनांक 22.06.2015
निर्णय दिनांक 22.09.2021
श्रीमती सुनीता स्त्री अशोक कुमार साकिन नौशहरा जीयनपुर, पोस्ट- जीयनपुर, तहसील- सगड़ी, जिला- आजमगढ़।
......................................................................................परिवादिनी।
बनाम
उपस्थितिः- कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष” तथा गगन कुमार गुप्ता “सदस्य”
कृष्ण कुमार सिंह “अध्यक्ष”
परिवादिनी ने अपने परिवाद पत्र में यह कहा है कि उसने टाटा मोटर फाइनेन्स लिमिटेड- गोरखपुर से ऋण प्राप्त की और परिवादिनी से मासिक किस्त ऋण मुo 69000/- रुपए देनी थी। विपक्षी संख्या 01 द्वारा परिवादिनी को सेल्स सर्टिफिकेट फार्म नं. 21 व फार्म नं. 22 दिनांक 21.06.2012 को जारी किया गया, जिसमें चेचिस नं. एम.ए.टी. 448085 सी 3बी 03778 व इंजन नं. 11एम. 63230046 अंकित था। उक्त फार्म को परिवादिनी ने आर.टी.ओ. ऑफिस आजमगढ़ में जमा कर ट्रक/डम्पर का पंजीकरण कराई, एवं पंजीकरण संख्या यू.पी. 50ए.टी./3653 परिवादिनी को प्राप्त हुआ। परिवादिनी के उक्त वाहन का बीमा विपक्षी संख्या 01 द्वारा कराया एवं बीमा अवधि समाप्त होने पर पुनः फुल बीमा विपक्षी संख्या 02 द्वारा किया गया जिसका पॉलिसी नं. 5527003114636034982 जो दिनांक 21.06.2014 से 20.06.2015 तक वैध एवं प्रभावकारी था। परिवादिनी की उपरोक्त वाहन को थाना बरदह जिला आजमगढ़ में बदमाशों द्वारा लूट लिया गया। परिवादिनी का उपरोक्त वाहन दिनांक 28.06.2014 को थाना बरदह जिला आजमगढ़ बदमाशों द्वारा लूट लिया गया जिसकी प्रoसूoरिo अoसंo 163/14 धारा 406 में पंजीकृत हुई, दौरान विवेचना मुकदमा धारा 394, 328, 419, 420, 467, 420, 467, 468, 471, 411 भाoदंoविo में तरमीम हुआ एवं परिवादिनी का वाहन दिनांक 06.08.2014 को बरामद हुआ। परिवादिनी ने दिनांक 08.08.2014 को वाहन रिलीज हेतु प्रार्थना पत्र न्यायालय कोर्ट नं. 28 आजमगढ़ में प्रस्तुत किया जो माo न्यायालय द्वारा इंजन नम्बर की विभिन्नता के कारण परिवादिनी का प्रार्थना पत्र दिनांक 10.10.2014 को निरस्त हो गया। परिवादिनी की वाहन की चेचिस नं. व इंजन नं. का पुलिस द्वारा रासायनिक परीक्षण विधि विज्ञान प्रयोगशाला उoप्रo रामनगर वाराणसी द्वारा कराया गया जिसमें दिनांक 16.09.2014 को रिपोर्ट प्रेषित की गयी कि इंजन नं. 11एम. 63230046 अंकित नहीं है बल्कि इंजन नं. 21बी. 63230046 अंकित है। परिवादिनी ने उपरोक्त वाहन के रिलीज हेतु अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं. 02 आजमगढ़ में रिवीजन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत की। परिवादिनी विपक्षी संख्या 01 के यहाँ गयी और बतायी कि वाहन के सेल सर्टिफिकेट नं. 250 दिनांकित 21.06.2012 में अपने लापरवाही असावधानी एवं बिना जाँच के इंजन 11एम-63230046 लिख दिया है जबकि सही इंजन नं. 21बी-63230046 था। परिवादिनी लगातार विपक्षी संख्या 01 के यहाँ गई तथा विपक्षी नं. 01 ने दिनांक 09.12.2014 को आर.टी.ओ. आजमगढ़ को सेल सर्टिफिकेट नं. 250 दिनांकित 21.06.2012 में अपनी गलती को स्वीकार करते हुए अंकित इंजन नं. 11एम.63230046 को करेक्ट कर इंजन नं. 21बी-63230046 का लेटर प्रेषित किया उसके पश्चात् परिवादिनी का आर.सी. पर इंजन नं. 21बी 63230046 अंकित हुआ। परिवादिनी का उपरोक्त वाहन दिनांक 06.08.2014 को बरामद हुआ। परिवादिनी का वाहन विपक्षी संख्या 01 की असावधानी व डिफिसिएन्सी इन सर्विस के कारण सही इंजन नं. 21बी-63230046 न लिखने के कारण गलत इंजन नं. 11एम-63230046 लिख दिया गया जिससे दिनांक 06.08.2014 से लेकर दिनांक 12.02.2015 तक परिवादिनी का वाहन रिलीज नहीं हो सका। जिससे परिवादिनी की अत्यधिक आर्थिक क्षति हुई और प्रतिमाह ऋण किस्त परिवादिनी मुo 69000/- रुपए अदा नहीं कर सकी। परिवादिनी ने उपरोक्त गाड़ी के लूटे जाने की सूचना दिनांक 06.08.2014 को शाखा प्रबन्धक नेशनल इंश्योरेन्स कम्पनी लिमिटेड आजमगढ़ को प्रार्थना पत्र दिया एवं दिनांक 08.08.2014 को लिखित प्रार्थना पत्र विपक्षी संख्या 03 को जरिए रजिस्ट्री दिनांक 09.08.2014 को प्रेषित किया परन्तु विपक्षीगण संख्या 02 व 03 द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी न ही परिवादिनी के वाहन का सर्वे कराया गया। विपक्षी संख्या 02 ने परिवादिनी को आश्वासन दिया कि वाहन में क्षति बैट्री, टायर आदि की क्षति व मरम्मत का बिल व इन्श्योरेन्स कागजात व प्रoसूoरिo की प्रतिलिपि कार्यालय में जमा कर दीजिए उसके पश्चात् भुगतान कर दिया जाएगा। परिवादिनी का वाहन दिनांक 23.02.2015 को रिलीज हुआ। परिवादिनी के वाहन का सामान बैट्री टायर एवं अन्य पार्ट्स बदमाशों द्वारा क्षतिग्रस्त कर दिया गया था तथा थाने से विपक्षी संख्या 01 की त्रुटि के कारण वाहन रिलीज न होने के कारण खराब हो गया था। जिससे परिवादिनी के वाहन की मरम्मत व अन्य उपकरण लगाने में कुल 2,64,621/- रुपए खर्च हुआ। विपक्षी संख्या 01 की असावधानी लापरवाही एवं डिफिसेएन्सी इन सर्विस के कारण इंजन नं. गलत अंकन करने के कारण परिवादिनी का वाहन दिनांक 06.08.2014 से 23.02.2015 तक निरुद्ध था जिससे प्रतिमाह 69,000/- ऋण कुल किश्त 4,14,000/- रुपए प्रतिमाह एवं 30,000/- रुपए की दर से 6 माह का 1,80,000/- रुपए की क्षति हुई। परिवादिनी दिनांक 20.04.2015 को विपक्षी संख्या 01 से 5,94,000/- रुपए तथा विपक्षी संख्या 02 के कार्यालय में वाहन के क्षतिग्रस्त बैट्री, टायर आदि अन्य उपकरण में हुए खर्च मुo 2,69,621/- का बिल बाउचर इन्श्योरेन्स प्रतिलिपि आर.सी. व प्रoसूoरिo की प्रतिलिपि जमा कर दिया तो विपक्षी संख्या 02 ने कहा कि एक सप्ताह में भुगतान हो जाएगा। परिवादिनी दिनांक 28.04.2015 को विपक्षी संख्या 01 व विपक्षी संख्या 02 के यहाँ गयी और उपरोक्त क्षति धनराशि मुo 5,94,000/- रुपए विपक्षी संख्या 01 से व विपक्षी संख्या 02 से 2,69,621/- रुपए क्षति धनराशि की मांग की तो विपक्षी संख्या 01 व 02 भुगतान करने इन्कार कर दिए, जिससे परिवादिनी को अत्यन्त शारीरिक व मानसिक कष्ट हुआ। अतः विपक्षीगण को आदेशित किया जाए कि विपक्षी संख्या 01 मुo 5,94,000/- रुपए व विपक्षी संख्या 02 मुo 2,69,621/- रुपए मय ब्याज परिवादिनी को अदा करें तथा 1,50,000/- रुपए क्षतिपूर्ति विपक्षीगण से दिलाया जाए।
परिवादिनी द्वारा अपने परिवाद पत्र के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
प्रलेखीय साक्ष्य में परिवादिनी द्वारा कागज संख्या 5/1व2 मोटर सेल सर्टिफिकेट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/3 कार्यालय विधि विज्ञान प्रयोगशाला उoप्रo रामनगर वाराणसी के रिपोर्ट की छायाप्रति, कागज संख्या 5/4 मोटर एण्ड जनरल सेल्स लिमिटेड के पर्चे की छायाप्रति, कागज संख्या 5/5 आर.सी. की छायाप्रति, कागज संख्या 5/6 एफ.आई.आर. की छायाप्रति, कागज संख्या 5/7 अपर सिविल जज के आदेश की छायाप्रति, कागज संख्या 5/8 इन्श्योरेन्स की छायाप्रति, कागज संख्या 5/9 नोटिस की छायाप्रति तथा कागज संख्या 5/10 शाखा प्रबन्धक नेशनल इन्श्योरेन्स कं. लि. को लिखे गए पत्र की छायाप्रति, कागज संख्या 5/13 रितिक टायर हाउस के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 5/14 विनोद कुमार शर्मा द्वारा जारी रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 5/15 जायसवाल बैट्रीज सर्विस के रसीद की छायाप्रति, कागज संख्या 5/16 व 5/17 बीर ऑटो एजेन्सी प्राइवेट लि. के रसीद की छायाप्रति तथा कागज संख्या गाड़ी पेन्ट कराने की रसीद की छायाप्रति प्रस्तुत किया गया है।
विपक्षी संख्या 02 व 03 द्वारा कागज संख्या 13क जवाबदावा प्रस्तुत किया गया है, जिसमें उन्होंने परिवाद पत्र के कथनों से इन्कार किया है। अतिरिक्त कथन में उन्होंने यह कहा है कि परिवादिनी ने कोई क्लेम विपक्षीगण के कार्यालय में गाड़ी रिकवर होने की तिथि 06.08.2014 व उपरोक्त याचिका में नोटिस देने के पूर्व नहीं किया है न परिवादिनी का क्लेम निरस्त हुआ है। परिवाद उपरोक्त काज ऑफ एक्शन के अभाव में विपक्षीगण के विरुद्ध पोषणीय नहीं है। परिवादिनी की गाड़ी को छिनैती के उपरान्त पुलिस दिनांक 06.08.2014 को रिकवर करने के उपरान्त गाड़ी में बदमाशों द्वारा तथाकथित नुकसान के बाबत परिवादिनी ने कोई रिपोर्ट सम्बन्धित थाना में दर्ज नहीं कराया है न ही पुलिस टेक्निकल इन्स्पेक्सन रिपोर्ट है न कोई चार्जशीट/फाइनल रिपोर्ट संस्थित है, लेहाजा बदमाशों द्वारा गाड़ी के नुकसान से सम्बन्धित कथन काल्पनिक, झूठ तथा अबैध धन विपक्षीगण की कम्पनी से वसूलने हेतु प्लीडेड है जो सबूत के अभाव में एडमिसिबुल इन एविडेन्स नहीं है। परिवादिनी द्वारा उसका वाहन दिनांक 23.02.2015 को सम्बन्धित थाना से सही व दुरूस्त अवस्था में तथा पूर्ववत की स्थिति में प्राप्त करने का लिखित कथन देने के उपरान्त अपनी कस्टडी में प्राप्त किया तथा दौरान छिनैती गाड़ी में हुए तथाकथित नुकसान के बाबत कोई सूचना सम्बन्धित मजिस्ट्रेट कोर्ट नं. 28 आजमगढ़ को भी नहीं दिया है। परिवादिनी ने विपक्षी संख्या 01 से दिनांक 21.06.2012 को क्रय किया है। गाड़ी की टायर, बैट्री, बॉडी की पेन्टिंग, डेंटिंग व प्रतिदिन गाड़ी के इस्तेमाल में प्रयुक्त उपकरण आदि का घीसना व खराब होना नेचुरल कोर्स में होने के कारण वीयर एण्ड टीयर के सिद्धान्त के अनुरूप बीमा कम्पनी जिम्मेदार नहीं है। परिवादिनी ने गलत आधार पर परिवाद पत्र प्रस्तुत किया है। अतः खारिज किया जाए।
विपक्षी संख्या 02 व 03 द्वारा अपने जवाबदावा के समर्थन में शपथ पत्र प्रस्तुत किया गया है।
सुना तथा पत्रावली का अवलोकन किया। याचना पत्र के पैरा 05 में यह कहा गया है कि उसने न्यायालय में वाहन रिलीज होने हेतु प्रार्थना पत्र दिया जो कि इंजन नं. की भिन्नता के कारण दिनांक 10.10.2014 को निरस्त हो गया तथा याचना पत्र के पैरा 06 में यह कहा गया है कि वाहन की चेचिस नं. व इंजन नं. का पुलिस द्वारा रासायनिक परीक्षण विधि विज्ञान प्रयोगशाला उoप्रo रामनगर वाराणसी द्वारा कराया गया जिसमें दिनांक 16.09.2014 को रिपोर्ट प्रेषित की गयी कि इंजन नं. 11एम.63230046 अंकित नहीं है, बल्कि इंजन नं. 21बी-63230046 अंकित है तब उसने अपर सत्र न्यायाधीश कोर्ट नं.2 आजमगढ़ में रिवीजन प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया। सेल लेटर में त्रुटि के कारण इंजन नं. गलत लिखा था तो उसने आर.टी.ओ. आजमगढ़ को प्रार्थना पत्र देकर उसे दुरुस्त कराया और दिनांक 06.08.2014 को उसका वाहन उसे प्राप्त हो गया। इस प्रकार थाने में जो गाड़ी खड़ी रही वह विपक्षीगण के कारण नहीं रही, बल्कि उसका इंजन नं. गलत लिखा था उसके कारण थाने में खड़ी रही। इंजन नं. आर.टी.ओ. आजमगढ़ से दुरूस्त कराकर थाने में दिया तो उसकी गाड़ी रिलीज हो गयी। इस प्रकार हमारे विचार से विपक्षीगण की गलती से वाहन को रिलीज होने में विलम्ब नहीं हुआ, बल्कि इंजन नं. जो गलत लिखा हुआ था उसके कारण विलम्ब हुआ। ऐसी स्थिति में हमारे विचार से परिवाद स्वीकार होने योग्य नहीं है।
आदेश
परिवाद पत्र खारिज किया जाता है। पत्रावली दाखिल दफ्तर हो।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
दिनांक 22.09.2021
यह निर्णय आज दिनांकित व हस्ताक्षरित करके खुले न्यायालय में सुनाया गया।
गगन कुमार गुप्ता कृष्ण कुमार सिंह
(सदस्य) (अध्यक्ष)
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