(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।
अपील संख्या- 133/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, सम्भल द्वारा परिवाद संख्या- 139/2021 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-12-2021 के विरूद्ध)
- मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी द्वारा वाइस चेयरमैन आफिस आशियाना कालोनी, हरिद्वार रोड मुरादाबाद यू०पी० पिन-244001
2- सेक्रेटरी मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी आफिस आशियाना कालोनी, हरिद्वार रोड मुरादाबाद यू०पी० पिन-244001
अपीलार्थीगण
बनाम
अंजू वार्ष्णेय पत्नी श्री देवेन्द्र वार्ष्णेय निवासी- बाजारगंज सरायतरीन सिटी व जिला सम्भल।
प्रत्यर्थी
अपील संख्या-181/2022
अंजू वार्ष्णेय पत्नी श्री देवेन्द्र वार्ष्णेय निवासी- बाजारगंज सरायतरीन सिटी व जिला सम्भल।
अपीलार्थी
बनाम
1-मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी द्वारा वाइस चेयरमैन आफिस आशियाना कालोनी, हरिद्वार रोड मुरादाबाद यू०पी० पिन-244001
2- सेक्रेटरी मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी आशियाना कालोनी, हरिद्वार रोड मुरादाबाद यू०पी० पिन-244001
3- क्लर्क श्री राधेश्याम मुरादाबाद, डेवलपमेंट अथारिटी आफिस आशियाना कालोनी, हरिद्वार रोड मुरादाबाद यू०पी० पिन-244001
प्रत्यर्थीगण
समक्ष :-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
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उपस्थिति :
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित- विद्वान अधिवक्ता श्री अभिषेक मिश्रा
प्रत्यर्थी/परिवादिनी की ओर से - विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पाण्डेय
दिनांक- 24.01.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उद्घोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील संख्या- 133/2022 अपीलार्थी मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी द्वारा विद्वान जिला आयोग, सम्भल द्वारा परिवाद संख्या- 139/2021 अंजू वार्ष्णेय बनाम मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी व अन्य एवं अपील संख्या- 181/2022 अंजू वार्ष्णेय बनाम मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 07-12-2021 के विरूद्ध इस आयोग के समक्ष योजित की गयी है।
उपरोक्त दोनों अपीलें जिला आयोग द्वारा पारित एक ही निर्णय के विरूद्ध योजित की गयी हैं अत: दोनों अपीलों का निस्तारण एक साथ किया जा रहा है।
परिवादिनी द्वारा जिला आयोग के सम्मुख विपक्षीगण मुरादाबाद विकास प्राधिकरण एवं उसके सचिव व लिपिक श्री राधे श्याम के विरूद्ध विपक्षीगण द्वारा परिवादिनी को मुरादाबाद स्थित परियोजना में नया 216 स्क्वायर मीटर पर अध्यासन दिलाए जाने एवं क्षतिपर्ति की अदायगी हेतु परिवाद योजित किया गया है।
वाद के तथ्य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि विपक्षी मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के उपसचिव द्वारा जारी आवंटन पत्र दिनांक- 23-06-2003 के माध्यम से परिवादिनी श्रीमती अंजू वार्ष्णेय पत्नी श्री देवेन्द्र वार्ष्णेय निवासी- सरायतरीन सम्भल मुरादाबाद के पक्ष में पंजीकरण संख्या-4 पर एच०आई०जी० डी-श्रेणी के भूखण्ड संख्या- 12 ई-34 स्थित नया
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मुरादाबाद क्षेत्रफल 162 वर्गमीटर को 2100/-रू० प्रति वर्ग मीटर की दर से मु० 03,40,200/- में 16 त्रैमासिक किस्तों में शर्त संख्या- "क ता झा " में वर्णित शर्तों के अधीन आवंटित किये जाने का आदेश जारी किया गया है।
परिवाद पत्र के अवलोकन से स्पष्ट है कि परिवादिनी द्वारा दिनांक 24-03-2003 से दिनांक 29-03-2007 तक मुबलिग 5,19,959/-रू० कार्नर शुल्क सहित विपक्षी के कार्यालय में जमा कर दिया गया था और विपक्षी के सम्पत्ति प्राधिकारी द्वारा परिवादिनी को प्रेषित पत्रांक 4592 दिनांक 04-02-2021 की छायाप्रति से विदित होता है कि इसमें विपक्षी के सम्पत्ति अधिकारी द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि परिवादिनी को प्राधिकरण की नया मुरादाबाद योजना के अन्तर्गत भूखण्ड संख्या-12 ई-34 क्षेत्रफल 216 वर्गमीटर आवंटित किया गया है जिसके सापेक्ष परिवादिनी द्वारा देय किस्तों का भुगतान कर दिया गया है तथा परिवादिनी से रजिस्ट्रेशन फीस 2,02,000/-रू० व 10 रू० के स्टाम्प सहित वैध आई०डी० की छायाप्रति की मांग की गयी है ताकि भूखण्ड की रजिस्ट्री की कार्यवाही की जा सके। परिवादिनी के अनुसार विपक्षीगण द्वारा दिनांक 02-07-2021 तक व दिनांक 04-10-2021 के पश्चात अभी तक परिवादिनी के पक्ष में प्रश्नगत भू-खण्ड का कोई विक्रय-विलेख निष्पादित नहीं किया गया है और न ही भूखण्ड पर परिवादिनी को कब्जा दिया गया है।
परिवाद पत्र में परिवादिनी द्वारा अभिकथित कथनों एवं प्रस्तुत अभिलेखीय साक्ष्यों के आधार पर यह स्पष्ट है कि विपक्षीगण मुरादाबाद विकास प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा परिवादिनी को आवंटित भूखण्ड
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संख्या- 12 E-34 H.I.G. TYPE-D क्षेत्रफल 216 वर्गमीटर स्थित नया मुरादाबाद का विक्रय प्रतिफल मु० 03,40,200/- व बढ़े हुए क्षेत्रफल के रकबे के मूल्य सहित कुल मुबलिग 5,19,959/-रू० विपक्षीगण के कार्यालय में जमा कर दिये तथा विक्रय विलेख निष्पादित किये जाने हेतु आवश्यक स्टाम्प प्राप्त कराए जाने के बावजूद भी विपक्षीगण मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा परिवादिनी को विक्रय विलेख/कब्जा प्रदान नही किया गया है जो कि विपक्षीगण द्वारा सेवा में की गयी घोर कमी का द्योतक है।
विद्वान जिला आयोग द्वारा परिवाद पत्र में प्रस्तुत प्रलेखीय साक्ष्यों एवं परिवादिनी द्वारा प्रस्तुत समस्त प्रपत्रों का गहनतापूर्वक विचार करने के उपरान्त परिवाद स्वीकार करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
" परिवाद संख्या-139 सन 2021 एक पक्षीय रूप से स्वीकार किया जाता है। विपक्षी मुरादाबाद विकास प्राधिकरण व उसके सचिव को आदेशित किया जाता है कि परिवादिनी अंजू वार्ष्णेय को दो माह में प्रश्नगत भूखण्ड संख्या- 12 E-34 स्थित H.I.G. TYPE-D क्षेत्रफल 216 वर्गमीटर स्थित नया मुरादाबाद पर अध्यासन (कब्जा) प्रदान करें। इसके अलावा विपक्षीगण परिवादिनी को मु0 50,000/-रू० क्षतिपूर्ति के मद में तथा 10,000/-रू० वाद व्यय के मद में भी अदा करें। आदेश का अनुपालन निर्धारित अवधि के अन्दर नहीं किये जाने की स्थिति में विपक्षीगण क्षतिपूर्ति की धनराशि पर परिवाद संस्थन की तिथि से 12 प्रतिशत वार्षिक की दर से ब्याज भी अदा करेंगे।"
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जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय से क्षुब्ध होकर विपक्षीगण मुरादाबाद विकास प्राधिकरण द्वारा अपील संख्या- 133/2022 योजित की गयी है।
अपील की सुनवाई के समय परिवादिनी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री एस०पी० पाण्डेय एवं विपक्षीगण मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी की ओर से विद्वान अधिवक्ता श्री अभिषेक मिश्रा उपस्थित हुए।
मेरे द्वारा उभय-पक्ष के विद्वान अधिवक्ताद्व्य को विस्तार से सुना गया तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का गहनता से परिशीलन एवं परीक्षण किया गया एवं विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त निर्णय एवं आदेश का परिशीलन किया गया।
दौरान बहस परिवादिनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा कथन किया गया कि विपक्षीगण द्वारा अनुरक्षण शुल्क के रूप से 30,950/-रू० की अतिरिक्त मांग की जा रही है जो अवैधानिक एवं अनुचित है। अत: परिवादिनी को उपरोक्त भूखण्ड का कब्जा बिना अनुरक्षण शुल्क की मांग किये प्रदान किया जावे।
उपरोक्त समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन करने एवं उभय-पक्ष को विस्तार से सुनने के उपरान्त मेरे विचार से विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश उचित एवं विधि अनुसार है जिसमें किसी हस्तक्षेप हेतु उचित आधार नहीं है। परिवादिनी द्वारा सम्पूर्ण धनराशि बढ़े हुए क्षेत्रफल के मूल्य सहित जमा किये जाने के
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बाद भी विपक्षीगण द्वारा कब्जा प्रदान नहीं किया गया है जो निश्चयात्मक रूप से विपक्षीगण की सेवा में कमी है एवं विपक्षीगण द्वारा अनुरूक्षण शुल्क के रूप में 30,950/-रू० की मांग किया जाना अवैधानिक है जिसे समाप्त किया जाता है। तदनुसार जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन विपक्षीगण द्वारा शत-प्रतिशत रूप से 02 माह की अवधि में सुनिश्चित किये जाने हेतु आदेशित किया जाता है।
मुरादाबाद डेवलपमेंट अथारिटी की ओर से प्रस्तुत अपील संख्या- 133/2022 निरस्त की जाती है एवं परिवादिनी की ओर से प्रस्तुत अपील संख्या- 181/2022 स्वीकार की जाती है।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 1