Uttar Pradesh

StateCommission

AEA/30/2023

Durgesh Kumar Jaiswal Ex. Engg. Electricity Distribution Division - Complainant(s)

Versus

Monika & Others - Opp.Party(s)

Isar Husain

19 Nov 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
Appeal Execution Application No. AEA/30/2023
( Date of Filing : 04 Sep 2023 )
(Arisen out of Order Dated 24/08/2023 in Case No. Execution Application No. EA/12/2023 of District Baghpat)
 
1. Durgesh Kumar Jaiswal Ex. Engg. Electricity Distribution Division
Baraut, Tehsil, Baraut, Dist.-Baghpat
...........Appellant(s)
Versus
1. Monika & Others
R/O Silana, Tehsil, Baraut, Dist.-Baghpat
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 
PRESENT:
 
Dated : 19 Nov 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

(मौखिक)                                                                                  

ए0ई0ए0 संख्‍या:-30/2023

दुर्गेश कुमार जायसवाल, एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, इलैक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन, बडौत जिला-बागपत

बनाम

मोनिका पत्‍नी स्‍व0 योगेन्‍द्र आदि

समक्ष :-

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

अपीलार्थी के अधिवक्‍ता         : श्री इसार हुसैन

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता           : कोई नहीं।

दिनांक :- 19.11.2024

मा0 न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

निर्णय

प्रस्‍तुत ए0ई0ए अपीलार्थी द्वारा इस आयोग के सम्‍मुख धारा-73 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्‍तर्गत जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, बागपत द्वारा निष्‍पादन वाद सं0-12/2023 में पारित आदेश दिनांक 24.8.2023 के विरूद्ध योजित की गई है।

निष्‍पादन वाद सं0-12/2023 श्रीमती मोनिका व अन्‍य बनाम विद्युत विभाग में विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा दिनांक 24.8.2023 को निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

''पत्रावली पेश हुयी। पुकारा।

प्रार्थिनी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित आये।

विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है, न ही आदेश का अनुपालन विपक्ष द्वारा किया गया, न ही कोई आपत्ति प्रस्तुत की है।

धारा-72 उपभोक्ता संक्षरण अधिनियम के अन्तर्गत विपक्षी को आदेश का अनुपालन न करने के बाबत 3 वर्ष के कारावास व 50,000/- रूपये अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। विपक्षी के विरूद्ध गिरफ्तारी वारंट (संबंधित) एस0पी0 बागपत को भेजा जाए। विपक्षी

 

-2-

को गिरफ्तार कर एस0पी0 बागपत दिनांक-12.09.2023 तक तामील की जा कर पेश करना सुनिश्चित करें।

वास्ते आदेशार्थ 12.09.2023 को पेश हो।''

मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा निष्‍पादन वाद सं0-12/2023 श्रीमती मोनिका व अन्‍य बनाम विद्युत विभाग में पारित आदेश व पत्रावली पर उपलब्‍ध समस्‍त प्रपत्रों का परिशीलन व परीक्षण किया गया।

मेरे द्वारा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथनों को सुनने तथा विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत आदेश के परिशीलनोंपरांत यह पाया गया कि विद्वान जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा जो निर्णीत ऋणी/विपक्षी के विरूद्ध प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश का अनुपालन न करने तथा जिला उपभोक्‍ता आयोग के निर्णय/आदेश की अवमानना किये जाने पर उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 की धारा 72 के अन्तर्गत तीन वर्ष के कारावास व 50,000.00 रू0 के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है वह मेरे विचार से वाद के सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुए अत्‍यधिक प्रतीत हो रहा है, अत्एव जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा निष्‍पादन वाद सं0-12/2023 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांकित 24.8.2023 में मात्र तीन वर्ष के कारावास की सजा के सम्‍ब‍न्‍ध में पारित आदेश को समाप्‍त किया जाना न्‍यायोचित प्रतीत होता है, तद्नुसार प्रश्‍नगत आदेश में तीन वर्ष के कारावास की सजा के संबंध में पारित आदेश समाप्‍त किया जाता है।

परन्‍तु जहॉ तक प्रश्‍नगत आदेश में निर्णीत ऋणी/विपक्षी के विरूद्ध 50,000.00 रू0 की देयता का प्रश्‍न है, उसे भी वाद के सम्‍पूर्ण तथ्‍यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता के कथन

-3-

पर गम्‍भीरता से विचार करने के उपरांत  रू0 25,000.00 की देयता में परिवर्तित किया जाना उचित प्रतीत होता है, तद्नुसार अर्थदण्‍ड की देयता रू0 50,000.00 (पचास हजार रू0) को रू0 25,000.00 (पच्‍चीस हजार रू0) में परिवर्तित किया जाता है। 

तद्नुसार प्रस्‍तुत ए0ई0ए0 आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि वह जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा मूल परिवाद सं0-46/2021 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 24.4.2023 का अनुपालन शत-प्रतिशत रूप से 30 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें।

अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्‍त किया जाता है।

आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

   

                          (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                

                                           अध्‍यक्ष                                                                                                                        

 

हरीश सिंह

वैयक्तिक सहायक ग्रेड-2.,

कोर्ट नं0-1

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 

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