राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
सुरक्षित
अपील सं0-२९३/२००६
(जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-४९९/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०५-२००५ के विरूद्ध)
इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, द्वारा हैड क्लेम्स सेक्सन, चतुर्थ तल, राम फोर्ट, २०/०४, सुखराली चौक, मेहरौली, गुड़गॉंव रोड, गुड़गॉंव, हरियाणा।
............. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-१.
बनाम
१. मोमीन पुत्र स्व0 अब्दुल करीम निवासी ग्राम पंचपेड़ा, तहसील व जिला मेरठ।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर), मेरठ द्वारा सचिव।
............ प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-२.
अपील सं0-१३३१/२००६
(जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-४९९/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०५-२००५ के विरूद्ध)
गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर), मेरठ द्वारा सचिव।
............. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-२.
बनाम
१. मोमीन पुत्र स्व0 अब्दुल करीम निवासी ग्राम पंचपेड़ा, तहसील व जिला मेरठ।
............ प्रत्यर्थी/परिवादी।
२. इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, द्वारा आदित्य खन्ना हैड क्लेम डिपार्टमेण्ट, चतुर्थ तल, ‘’पाम कोर्ट‘’ २०/०४, सुखराली चौक, मेहरौली, गुड़गॉंव रोड, गुड़गॉंव, हरियाणा। ............ प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-२.
अपील सं0-९४९/२००७
(जिला मंच, लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद सं0-११/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०२-०४-२००७ के विरूद्ध)
इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, रूरल बिजनेस डिपार्टमेण्ट, पाम कोर्ट, चतुर्थ तल, प्लॉट नं0-२०/०४, सुखराली चौक, मेहरौली, गुड़गॉंव रोड, गुड़गॉंव – १२२००१.
............. अपीलार्थी/विपक्षी सं0-२.
बनाम
१. तुलसा देवी पत्नी स्व0 सुकई, २. राधेश्याम पुत्र स्व0 सुकई, ३. रामचन्द्र पुत्र स्व0 सुकई, ४. फूलमती पुत्री स्व0 सुकई, ५. अनारकली पुत्री स्व0 सुकई, ६. सुमित्रा पुत्री स्व0 सुकई, ७. रामगुनी पुत्री स्व0 सुकई,
सभी सातों परिवादीगण निवासी ग्राम बसढि़या परगना व तहसील धौरहरा, थाना ईसानगर, जिला-खीरी। ............ प्रत्यर्थीगण/परिवादीगण।
८. सैक्रेटरी, किसान सेवा सहकारी समिति खमरिया पण्डित, परगना व तहसील धौरहरा, जिला खीरी। ............ प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-१.
-२-
अपील सं0-४७१/२०११
(जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-३५२/२००४ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २१-०२-२०११ के विरूद्ध)
श्रीमती शर्मिष्ठा पत्नी स्व0 श्री शोभाराम निवासी ग्राम दाण्डी पोस्ट सरसवा, परगना दौराला तहसील सरधना, जिला-मेरठ। ............. अपीलार्थी/परिवादिनी।
बनाम
१. इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, चतुर्थ तल, पाम कोर्ट, सुखराली चौक, गुड़गॉंव (हरियाणा) द्वारा मैनेजर।
२. सहकारी गन्ना विकास समिति लि0, सकौती टाण्डा, परगना दौराला, तहसील सरधना, जिला मेरठ द्वारा सैक्रेटरी। ............. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
अपील सं0-७१४/२०११
(जिला मंच, रमाबाई नगर द्वारा परिवाद सं0-७१८/२००८ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०२-२०११ के विरूद्ध)
श्रीमती राजबेटी पत्नी स्व0 उदयभान सिंह, निवासिनी ग्राम व पोस्ट रसूलपुर उमरा, परगना घाटमपुर, कानपुर। ............. अपीलार्थी/परिवादिनी।
बनाम
१. श्री बी0 रामा रमन, चीफ मैनेजर क्लेम्स, इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, चतुर्थ एवं पंचम तल, इफको टावर प्लाट नं0-३, सेक्टर-२९, गुड़गॉंव, हरियाणा।
२. शाखा प्रबन्धक, इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कम्पनी लि0, ८, गोखले मार्ग, लखनऊ। ............. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
अपील सं0-२५२९/२०१३
(जिला मंच(प्रथम), बरेली द्वारा परिवाद सं0-१४९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०१-१०-२०१३ के विरूद्ध)
श्रीमती राजो देवी पत्नी स्व0 अनेन्द्र पाल सिंह निवासी ग्राम करेगी, पोस्ट लक्ष्मीपुर, तहसील बिसौली, जिला बदायूँ। ............. अपीलार्थी/परिवादिनी।
बनाम
१. साधन सहकारी समिति लि0 द्वारा सचिव महमूदापुर, विकास क्षेत्र रामनगर, जिला बरेली।
२. इफको टोकियो जनरल इंश्योरेंस कं0लि0, इफको हाउस, तीसरी मंजिल, ३४ नेहरू प्लेस, नई दिल्ली। ............. प्रत्यर्थीगण/विपक्षीगण।
समक्ष:-
१- मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य।
२- मा0 श्री गोवर्द्धन यादव, सदस्य।
बीमा कम्पनी की ओर से उपस्थित : श्री अशोक मेहरोत्रा एडवोकेट।
अपील सं0-२९३/०६ के प्रत्यर्थी/परिवादी मोमीन की ओर से उपस्थित : श्री विकास अग्रवाल एडवोकेट।
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अपील सं0-९४९/२००७ के परिवादीगण की ओर से उपस्थित: श्री मनीषी शुक्ला एडवोकेट के सहयोगी श्री आशीष पाण्डेय।
अपील सं0-४७१/२०११ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित: श्री वी0एस0 बिसारिया एडवोकेट।
अपील सं0-७१४/२०११ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित: सुश्री तारा गुप्ता एडवोकेट।
अपील सं0-२५२९/२०१३ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से उपस्थित: श्री सुशील कुमार शर्मा एडवोकेट की सहयोगी सुश्री नीलम यादव एडवोकेट।
सभी अपीलों से सम्बन्धित समितियों की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक :- २०-०२-२०१९.
मा0 श्री उदय शंकर अवस्थी, पीठासीन सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
अपील सं0-२९३/२००६ एवं अपील सं0-१३३१/२००६ जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-४९९/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०५-२००५ के विरूद्ध योजित की गयी हैं। प्रश्नगत निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवादी का परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थीगण को आदेशित किया कि वे परिवादी को प्रश्नगत योजना के तहत क्लेम की राशि ०१.०० लाख रू० दुर्घटना की तिथि ०७-११-२००२ के ०६ माह बाद अर्थात् दिनांक ०७-०५-२००३ से ताअदायगी अन्तिम भुगतान १२ प्रतिशत वार्षिक ब्याज के साथ एक माह में अदा करें। इसके अलावा ४,०००/- रू० बतौर हर्जाना एवं २,०००/- रू० परिवाद व्यय अदा करें।
अपील सं0-९४९/२००७ जिला मंच, लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद सं0-११/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०२-०४-२००७ के विरूद्ध योजित की गई है। इस निर्णय द्वारा अपीलार्थी बीमा कम्पनी को आदेशित किया गया कि वह आदेश के दिनांक से एक माह के अन्दर मृतक सुकई के विधिक उत्तराधिकारियों को बीमा राशि ०१.०० लाख रू० परिवाद योजित किए जाने की तिथि से वास्तविक भुगतान की तिथि तक ०६ प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित भुगतान करे। साथ ही परिवादीगण को हुए मानसिक, शारीरिक कष्ट की क्षतिपूर्ति हेतु २,०००/- रू० का भी भुगतान किया जाना सुनिश्चित करें। निर्धारित समयावधि में आदेश का अनुपालन न किए जाने पर १२
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प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज के साथ निष्पादन की विधि सम्मत कार्यवाही की जायेगी।
अपील सं0-४७१/२०११ जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-३५२/२००४ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २१-०२-२०११ के विरूद्ध योजित की गई है। इस निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवादिनी का परिवाद खण्डित कर दिया।
अपील सं0-७१४/२०११ जिला मंच, रमाबाई नगर द्वारा परिवाद सं0-७१८/२००८ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०२-२०११ के विरूद्ध योजित की गई है। इस निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवादिनी का परिवाद निरस्त कर दिया।
अपील सं0-२५२९/२०१३ जिला मंच(प्रथम), बरेली द्वारा परिवाद सं0-१४९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०१-१०-२०१३ के विरूद्ध योजित की गई है। इस निर्णय द्वारा जिला मंच ने परिवादिनी का परिवाद निरस्त कर दिया।
अपील सं0-२९३/२००६ एवं अपील सं0-१३३१/२००६ से सम्बन्धित तथ्यों के अनुसार परिवादी मोमीन के पिता स्व0 अब्दुल करीम द्वारा दिनांक ०७-११-२००२ को सहकारी गन्ना विकास समिति लि0 मेरठ की शाखा गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर) से ३५ कट्टे खाद डी0ए0पी0 एवं २५ कट्टे खाद यूरिया के क्रय किए गये। परिवादी के पिता स्व0 अब्दुल करीम की मृत्यु उसी दिन जब वह अपने गॉंव भैंसा बुग्गी से उपरोक्त खाद लेकर जा रहे थे तब रास्ते में बुग्गी पलटने से हो गई। अपीलार्थी की प्रश्नगत संकट हरण बीमा योजना के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु दावा प्रेषित किया गया किन्तु अपीलार्थी बीमा कम्पनी ने बीमा दावा स्वीकार नहीं किया।
अपील सं0-९४९/२००७ के परिवादीगण के कथनानुसार परिवादिनी तुलसा देवी के पति तथा शेष परिवादीगण के पिता स्व0 सुकई ने किसान सेवा सहकारी समिति खमरिया पण्डित परगना व तहसील धौरहरा जिला खीरी से ३५ बोरा डी0ए0पी0 खाद १५,५७५/- रू० की तथा ४४०/- रू० के जैव उर्वरक उक्त सहकारी समिति से दिनांक ०५-०३-२००३ को क्रय किए। तदोपरान्त परिवादीगण ने संकट हरण बीमा योजना के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु बीमा दावा प्रेषित किया किन्तु बीमा कम्पनी द्वारा क्षतिपूर्ति की अदायगी नहीं की गई।
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अपील सं0-४७१/२०११ की अपीलार्थी/परिवादिनी के कथनानुसार परिवादिनी के पति स्व0 शोभाराम कृषक थे। दिनांक ०४-०३-२००३ को सहकारी गन्ना विकास समिति लि0, सकौती टाण्डा, परगना दौराला, तहसील सरधना, जिला मेरठ से परिवादिनी के पति ने ३० बोरा यूरिया, ०६ बोरा डी0ए0पी0 खाद तथा ३२० किलोग्राम फॉरेट १०,२३८/- रू० में खरीदा, जिसके बाद चोट लगने के कारण दिनांक १०-०३-२००३ को परिवादिनी के पति शोभाराम की मृत्यु हो गई। तदोपरान्त प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी की संकट हरण बीमा योजना से उपरोक्त क्रय आच्छादित होने के कारण बीमा दावा बीमा कम्पनी को प्रेषित किया गया किन्तु बीमा दावे का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा नहीं किया गया।
अपील सं0-७१४/२०११ अपीलार्थी/परिवादिनी के कथनानुसार परिवादिनी के पति स्व0 उदयभान सिंह ने दिनांक २३-११-२००३ को ०४ बोरी डी0एस0पी0 तथा ०४ बोरी यूरिया खाद २९१९.६० रू० में स्वावलम्बी सहकारी समिति बिरहर ब्लॉक भीतरगॉंव कानपुर नगर से क्रय किया था। परिवादिनी के पति उदयभान सिंह की दिनांक २५-११-२००३ को दुर्घटना में मृत्यु हो गई। अत: खाद खरीद पर संकट हरण बीमा योजना के अन्तर्गत ४,०००/- रू० प्रति बोरी के हिसाब से क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु बीमा दावा प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी को प्रेषित किया गया, जिसके बीमा कम्पनी द्वारा स्वीकार नहीं किया गया।
अपील सं0-२५२९/२०१३ अपीलार्थी/परिवादिनी के कथनानुसार परिवादिनी के पति स्व0 अनेन्द्र पाल सिंह ने साधन सहाकरी समिति लि0, महमूदापुर, विकास खण्ड रामनगर, तहसील ऑंवला, जिला बरेली से यूरिया उर्वरक के ग्यारह-ग्यारह कट्टे दिनांक २२-०८-२००८ को तथा दिनांक २४-०८-२००८ को क्रय किए। परिवादिनी के पति दिनांक २४-०८-२००८ को ही ट्रेन से गिरकर घायल हो गये जिसके कारण उनकी मृत्यु हो गई। उक्त क्रय प्रत्यर्थी बीमा कम्पनी की संकट हरण बीमा योजना से आच्छादित होना बताते हुए क्षतिपूर्ति की अदायगी हेतु बीमा दावा बीमा कम्पनी को प्रेषित किया गया किन्तु बीमा कम्पनी द्वारा बीमा दावे का भुगतान नहीं किया गया।
सम्बन्धित जिला मंचों द्वारा पारित उपरोक्त निर्णयों से क्षुब्ध होकर ये सभी अपीलें योजित की गईं।
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हमने बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता श्री अशोक मेहरोत्रा तथा अपील सं0-२९३/०६ के प्रत्यर्थी/परिवादी मोमीन की ओर से श्री विकास अग्रवाल एडवोकेट, अपील सं0-९४९/२००७ के परिवादीगण की ओर से श्री मनीषी शुक्ला एडवोकेट के सहयोगी श्री आशीष पाण्डेय, अपील सं0-४७१/२०११ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से श्री वी0एस0 बिसारिया एडवोकेट, अपील सं0-७१४/२०११ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से सुश्री तारा गुप्ता एडवोकेट एवं अपील सं0-२५२९/२०१३ की अपीलार्थी/परिवादिनी की ओर से श्री सुशील कुमार शर्मा एडवोकेट की सहयोगी सुश्री नीलम यादव एडवोकेट के तर्क सुने तथा अभिलेखों का अवलोकन किया। सभी अपीलों से सम्बन्धित समितियों की ओर से से तर्क प्रस्तुत करने हेतु कोई उपस्थित नहीं हुआ।
उपरोक्त सभी अपीलों में बीमा कम्पनी की ओर से विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत संकट हरण बीमा योजना के अन्तर्गत दिनांक ०१-०४-२००२ से बीमा योजना की अवधि स्पष्ट की गई है जिसे प्रश्नगत बीमा पालिसी की शर्त सं0-७ में स्पष्ट किया गया है, जिसके अनुसार – बीमा ३० दिन की प्रतीक्षा अवधि के अधीन होगा अर्थात् जोखिक कैशमीमो या क्रेडिट मीमो (यदि उर्वरक क्रेडिट पर बेचे जाते हैं) की तारीख के ३१ वें दिन से आरम्भ होगा। उनके द्वारा यह तर्क भी प्रस्तुत किया गया कि उपरोक्त नियम में इस संशोधन को उदाहरण से इस प्रकार स्पष्ट भी किया गया – यदि उर्वरक ०१ मई २००२ को खरीदे गए हैं तो जोखिम ३१ मई २००२ से १२ महीने के लिए कवर होगा। इसी प्रकार यदि खरीद १५ जुलाई २००२ को की गई है तो जोखिम १४ अगस्त २००२ से १२ महीने के लिए कवर होगा। इस सन्दर्भ में अपीलार्थी बीमा कम्पनी द्वारा प्रश्नगत संकट हरण किसान ग्रामीण बीमा योजना से सम्बन्धित पालिसी की फोटोप्रति दाखिल की गई जिसकी शर्त सं0-७ में अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा अभिकथित शर्त स्पष्ट रूप से उल्लिखित है।
उपरोक्त अपीलों से सम्बन्धित परिवादीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत बीमा योजना की कथित उपरोक्त शर्त की कोई जानकारी उन्हें प्राप्त नहीं कराई गई।
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अत: इन अपीलों के सन्दर्भ में निर्णीत किए जाने हेतु महत्वपूर्ण बिन्दु यह है कि क्या इन प्रकरणों के सन्दर्भ में ३० दिन की प्रतीक्षा अवधि के उपरान्त प्रश्नगत बीमा पालिसी प्रभावी होने से सम्बन्धित शर्त प्रभावी होगी ?
उपरोक्त सभी अपीलों में मुख्य रूप से निर्णीत किए जाने हेतु समान बिन्दु निहित होने के कारण इन सभी अपीलों को साथ-साथ निर्णीत किया जा रहा है। अपील सं0-२९३/२००६ अग्रणी होगी।
बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि इन सभी प्रकरणों से सम्बन्धित परिवादों में प्रकरण संकट हरण किसान ग्रामीण बीमा योजना से सम्बन्धित होना अभिकथित किया गया है। बीमा कम्पनी की ओर से इस बीमा पालिसी से सम्बन्धित पालिसी की फोटोप्रति दाखिल की गई है जिसमें शर्त सं0-७ में पीरियड आफ कवर वर्णित है, जिसके अनुसार - बीमा ३० दिन की प्रतीक्षा अवधि के अधीन होगा अर्थात् जोखिम कैशमीमो या क्रेडिट मीमो (यदि उर्वरक क्रेडिट पर बेचे जाते हैं) की तारीख के ३१ वें दिन से आरम्भ होगा। श्री एन0के0 केडिया कार्यकारी निदेशक द्वारा जारी किए गये पत्र दिनांकित ०१-०४-२००२ की फोटोप्रति भी दाखिल की गई है जिसमें संकट हरण बीमा योजना की इस शर्त को उदाहरण के साथ इस प्रकार स्पष्ट किया गया है - यदि उर्वरक ०१ मई २००२ को खरीदे गए हैं तो जोखिम ३१ मई २००२ से १२ महीने के लिए कवर होगा। इसी प्रकार यदि खरीद १५ जुलाई २००२ को की गई है तो जोखिम १४ अगस्त २००२ से १२ महीने के लिए कवर होगा।
सभी प्रकरणों से सम्बन्धित परिवादीगण की ओर से यह तर्क प्रस्तुत किया गया कि प्रश्नगत बीमा योजना से सम्बन्धित लगाये गये पोस्टरों में ऐसी कोई शर्त की सूचना प्राप्त नहीं कराई गई। ऐसी परिस्थिति में ऐसी कोई शर्त परिवादीगण पर बाध्यकारी नहीं होगी किन्तु उल्लेखनीय है कि सभी प्रकरणों में परिवादीगण की ओर से ऐसे किसी पोस्टर की प्रति जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत नहीं की गई जो ०१-०४-२००२ अथवा उसके बाद प्रकाशित की गई हो। यह भी उल्लेखनीय है कि यह तथ्य निर्विवाद है कि प्रश्नगत बीमा पालिसी, बीमा कम्पनी एवं इफको खाद निर्माता कम्पनी के मध्य निष्पादित की
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गई है, परिवादीगण इस संविदा में पक्षकार नहीं हैं, बल्कि लाभार्थी हैं।
निर्विवाद रूप से प्रत्येक प्रकरण में परिवादीगण ने संकट हरण बीमा योजना के अन्तर्गत क्रय आच्छादित होना अभिकथित करते हुए इस योजना के अन्तर्गत क्षतिपूर्ति की अदायगी का दावा किया है। स्वाभाविक रूप से इस योजना से सम्बन्धित सभी शर्तें सम्बन्धित क्रेताओं पर बाध्यकारी होंगीं। परिवादीगण का यह तर्क स्वीकार किए जाने योग्य नहीं है कि इस योजना से सम्बन्धित कुछ शर्तों के अन्तर्गत लाभ के वे अधिकारी हैं तथा कुछ शर्तें उन पर बाध्यकारी नहीं हैं।
बीमा कम्पनी के विद्वान अधिवक्ता ने इस आयोग द्वारा अपील सं0-१५४२/२००५ में दिए गये निर्णय दिनांकित ०९-१२-२०१४ तथा इस निर्णय के विरूद्ध मा0 राष्ट्रीय आयोग में योजित पुनरीक्षण याचिका सं0-६९५/२०१५ में दिए गये निर्णय दिनांकित ०८-०४-२०१५ पर विश्वास व्यक्त किया तथा इन निर्णयों की फोटोप्रतियॉं भी दाखिल की गई हैं। इन निर्णयों के अवलोकन से यह विदित होता है कि मा0 राष्ट्रीय आयोग ने संकट हरण किसान बीमा योजना के अन्तर्गत प्रतीक्षा अवधि की शर्त प्रभावी होना माना है तथा प्रतीक्षा अवधि के अन्दर उत्पन्न हुए बीमा दावे का भुगतान बीमा कम्पनी द्वारा न किया जाना सेवा में त्रुटि नहीं माना।
अपील सं0-१३३१/२००६ गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर), मेरठ द्वारा प्रश्नगत निर्णय के विरूद्ध योजित की गई है। निर्विवाद रूप से इस प्रकरण में खाद की खरीद गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर), मेरठ से की जानी बताई गई है। अपीलार्थी गन्ना विकास समिति मलियाना (भावनपुर), मेरठ ने जिला मंच के समक्ष प्रस्तुत प्रतिवाद पत्र में यह विशिष्ट रूप से अभिकथित किया कि प्रश्नगत खाद की खरीद के सम्बन्ध में खाद की कीमत की अदायगी अपीलार्थी समिति को नहीं की गई। अपीलार्थी समिति के प्रतिवाद पत्र के इस अभिकथन का खण्डन प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा नहीं किया गया और न ही अपील की सुनवाई के मध्य प्रत्यर्थी/परिवादी के विद्वान अधिवक्ता द्वारा समिति के इस अभिकथन का अपने तर्क के मध्य खण्डन किया गया।
जहॉं तक प्रस्तुत अपीलों से सम्बन्धित प्रकरणों का प्रश्न है इन सभी प्रकरणों में
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प्रश्नगत खाद क्रेता की मृत्यु प्रतीक्षा अवधि में होना निर्विवाद है। ऐसी परिस्थिति में उपरोक्त सभी प्रकरण बीमा पालिसी की शर्तों के अन्तर्गत आच्छादित होने नहीं माने जा सकते। तद्नुसार बीमा कम्पनी एवं सम्बन्धित सहकारी समिति द्वारा योजित अपीलें स्वीकार किए जाने तथा सम्बन्धित परिवादीगण द्वारा योजित अपीलें निरस्त किए जाने योग्य है।
आदेश
अपील सं0-२९३/२००६, अपील सं0-११३१/२००६ एवं अपील सं0-९४९/२००७ स्वीकार की जाती हैं तथा अपील सं0-४७१/२०११, अपील सं0-७१४/२०११ एवं अपील सं0-२५२९/२०१३ निरस्त की जाती हैं। जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-४९९/२००३ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक १३-०५-२००५ एवं जिला मंच, लखीमपुर खीरी द्वारा परिवाद सं0-११/२००५ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०२-०४-२००७ अपास्त किए जाते हैं। जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0-३५२/२००४ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक २१-०२-२०११, जिला मंच, रमाबाई नगर द्वारा परिवाद सं0-७१८/२००८ में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०८-०२-२०११ एवं जिला मंच(प्रथम), बरेली द्वारा परिवाद सं0-१४९/२०१० में पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक ०१-१०-२०१३ की पुष्टि की जाती है।
इस निर्णय की मूल प्रति अग्रणी अपील सं0-२९३/२००६ में रखी जाय तथा शेष सभी अपीलों में इस निर्णय की एक-एक प्रमाणित प्रतिलिपि रखी जाय।
इन अपीलों का व्यय-भार उभय पक्ष अपना-अपना स्वयं वहन करेंगे।
उभय पक्ष को इन निर्णयों की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्ध करायी जाय।
(उदय शंकर अवस्थी)
पीठासीन सदस्य
(गोवर्द्धन यादव)
सदस्य
प्रमोद कुमार
वैय0सहा0ग्रेड-१,
कोर्ट नं.-१.