Uttar Pradesh

StateCommission

A/2012/722

M/s I C I C I Bank - Complainant(s)

Versus

Mohs Sazid Ansari Ahmad - Opp.Party(s)

Shyam Kumar Rai

08 May 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2012/722
( Date of Filing : 12 Apr 2012 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. M/s I C I C I Bank
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohs Sazid Ansari Ahmad
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 08 May 2024
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

मौखिक

अपील सं0-722/2012

 

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद सं0-121/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-01-2007 के विरूद्ध)

 

मै0 आईसीआईसीआई बैंक लि0 द्वारा मैनेजर मनीष शर्मा, शालीमार टावर, हजरतगंज, लखनऊ  

बनाम

मोहम्‍मद साजिद अंसारी सिंह पुत्र हाजी मोहम्‍मद रफीक, निवासी 416, अन्‍दरून किला, धारे की मस्जिद, रायबरेली।

समक्ष:-

1. मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री श्‍याम कुमार राय विद्वान अधिवक्‍ता।  

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं।

 

दिनांक :- 08-05-2024.

 

मा0 श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

 

निर्णय

यह अपील, उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-15 के अन्‍तर्गत, जिला उपभोक्‍ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद सं0-121/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-01-2007 के विरूद्ध योजित की गयी है।

हमारे द्वारा केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता को सुना गया तथा पत्रावली का सम्‍यक् रूप से परिशीलन किया गया। पर्याप्‍त तामीला के बाबजूद भी प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ।

विद्वान जिला आयोग ने परिवाद इस आधार पर स्‍वीकार किया है कि परिवादी ने जो चेक‍ भुगतान के सम्‍बन्‍ध में दिया था, उसको बैंक में प्रस्‍तुत किए बिना अनादरित कह दिया गया और अवैध रूप से परिवादी के प्रश्‍नगत वाहन को जब्‍त कर लिया गया।

अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का तर्क है कि यथार्थ में जो चेक परिवादी द्वारा दिया गया था, वह बैंक में प्रस्‍तुत किया गया और बैंक द्वारा चेक को अनादरित

-2-

किया गया और इस आशय की सूचना बैंक से प्राप्‍त की गई, जो अपील की पत्रावली पर दस्‍तावेज सं0-17 लगायत 20 पर मौजूद है। इन दस्‍तावेजों के अवलोकन से यह साबित होता है कि परिवादी द्वारा जो चेक दिया गया था, उसे बैंक में प्रस्‍तुत किया गया था और खाता बन्‍द हो जाने के कारण इस चेक में वर्णित धनराशि आहरित नहीं हो सकी। इसलिए विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश तथ्‍यों एवं विधि के विरूद्ध होने के कारण अपास्‍त होने योग्‍य है।

तदनुसार अपील स्‍वीकार किए जाने योग्‍य है।      

आदेश

वर्तमान अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद सं0-121/2006 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 12-01-2007 अपास्‍त किया जाता है।

अपील व्‍यय उभय पक्ष अपना-अपना स्‍वयं वहन करेंगे।

अपीलार्थी द्वारा यदि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम की धारा-15 के अन्‍तर्गत कोई धनराशि जमा की गई हो तो वह सम्‍पूर्ण धनराशि मय अर्जित ब्‍याज के अपीलार्थी को शीघ्रातिशीघ्र वापस अदा कर दी जाए।

      उभय पक्ष को इस निर्णय की प्रमाणित प्रति नियमानुसार उपलब्‍ध करायी जाए।

      वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

 

        (सुधा उपाध्‍याय)                   (सुशील कुमार)

            सदस्‍य                             सदस्‍य                    

 

दिनांक :- 08-05-2024.

                    

 

 

प्रमोद कुमार,

वैय0सहा0ग्रेड-1,

कोर्ट नं.-2.        

 

  

             

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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