(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-1144/2014
स्टेट बैंक आफ इण्डिया
बनाम
मो0 फारूख
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री अंशुमाली सूद,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक : 21.07.2023
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-03/2012, मो0 फारूख बनाम शाखा प्रबंधक, भारतीय स्टेट बैंक में विद्वान जिला आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 30.4.2014 के विरूद्ध प्रस्तुत की गई अपील पर अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री अंशुमाली सूद को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से पर्याप्त तामीला के बावजूद कोई उपस्थित नहीं हुआ।
2. विद्वान जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार करते हुए अपीलार्थी बैंक को आदेशित किया है कि परिवादी के खाते से काटी गई धनराशि अंकन 17,786/-रू0 निर्धारित ब्याज सहित अदा किया जाए तथा अंकन 5,000/-रू0 क्षतिपूर्ति के रूप में अदा किए जाए।
3. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि परिवादी ने स्वंय यह धनराशि निकाली है, परन्तु पत्रावली के अवलोकन से जाहिर होता है कि परिवादी के खाते में अंकन 17,786/-रू0 की धनराशि निकासी
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की तिथि दिनांक 1.4.2011 को मौजूद नहीं थी। स्वंय बैंक ने अंकन 40,000/-रू0 की निकासी दिनांक 1.4.2011 को सी.सी.टी.वी. फुटेज से प्रमाणित माना है। अत: इस स्थिति में सी.सी.टी.वी. फुटेज प्रस्तुत की जा सकती थी, जो नहीं की गई। परिवादी के खाते में दिनांक 1.4.2011 को केवल 2,786/-रू0 अवशेष थे, इसलिए ओवर ड्राफ्ट की सुविधा प्रदान करते हुए एटीएम से धनराशि निकाले जाने का कोई अवसर परिवादी के पास नहीं था। अत: जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश में हस्तक्षेप करने का कोई आधार नहीं है। तदनुसार प्रस्तुत अपील निरस्त होने योग्य है।
आदेश
4. प्रस्तुत अपील निरस्त की जाती है।
उभय पक्ष अपना-अपना व्यय भार स्वंय वहन करेंगे।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय एवं आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दि. 21.7.2023
लक्ष्मन, आशु0, कोर्ट-2