Uttar Pradesh

Barabanki

CC/93/2022

Mohd. Ashfaaq - Complainant(s)

Versus

Mohd. Talib - Opp.Party(s)

R.K. Tandon

28 Apr 2023

ORDER

जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी।

परिवाद प्रस्तुत करने की तिथि       21.04.2022

अंतिम सुनवाई की तिथि            24.04.2023

निर्णय उद्घोषित किये जाने के तिथि  28.04.2023

परिवाद संख्याः 93/2022

मो0 अशफाक आयु लगभग 35 वर्ष पुत्र मो0 याकूब निवासी पीरबटावन नई बस्ती फेयर बेकरी के पीछे परगना व तहसील नवाबगंज जिला-बाराबंकी। (उ0 प्र0)।

द्वारा-श्री आर0 के0 टण्डन, अधिवक्ता

बनाम

मो0 तालिब बालिग पुत्र नजीर अहमद निवासी-वार्ड सं0-9 खांजहांपुर लालगोपालगंज इलाहाबाद पिन कोड सं0-229413

 

समक्षः-

माननीय श्री संजय खरे, अध्यक्ष

माननीय श्रीमती मीना सिंह, सदस्य

माननीय श्री एस0 के0 त्रिपाठी, सदस्य

उपस्थितः परिवादी की ओर से -श्री आर0 के0 टण्डन, अधिवक्ता

             विपक्षी की ओर से- कोई नहीं

द्वारा -मीना सिंह, सदस्य

निर्णय

            परिवादी ने यह परिवाद, विपक्षी के विरूद्व अंतगर्त धारा-35 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 प्रस्तुत कर विपक्षी से आर्थिक क्षति रू0 1,32,500/-मय 18 प्रतिशत ब्याज सहित, सामजिक क्षति रू0 50,000/-, मानसिक क्षति रू0 25,000/-वाद व्यय रू0 5,500/-व अधिवक्ता शुल्क रू0 5,500/-दिलाये जाने का अनुतोष चाहा है।

            परिवादी ने परिवाद में यह अभिकथन किया है कि परिवादी ने अपने स्वरोजगार एवं जीविकोपार्जन हेतु फर्म मो0 अशफाक फू्रट कम्पनी न्यू सब्जी मंडी गोंडा बहराइच रोड जिला-बाराबंकी में खोली है जिसका विधिक स्वामी एवं मालिक है, जो फलो का थोक व्यापार क्रेता एवं विक्रेता के रूप में व्यवसाय करता चला आ रहा है। विपक्षी के साथी यूसुफ निवासी डायमंड क्लब मटियारी जिला लखनऊ में निवास करते है। दिनांक 05.07.2021 को फलो के थोक विक्रेता के रूप में सेब फल के व्यवसाय के सप्लाई के सिलसिले में उपरोक्त फर्म पर समक्ष गवाहान रंजीत कुमार पुत्र चन्द्रपाल निवासी करसंडा नेवला करसंडा नवाबगंज जिला-बाराबंकी एवं मो0 सलमान पुत्र मो0 अबरार बांसा, बांसा शरीफ तहसील-नवाबगंज जिला-बाराबंकी फर्म पर आकर वार्तालाप किया कि विपक्षी मो0 तालिब जम्मू कश्मीर के किसानों से सेब फल की खेती कराते है और उत्तर प्रदेश के विक्रेताओं के हाथ कश्मीरी सेब के फल को थोक बेचते है। कश्मीरी सेब की पेटिया एक ट्रक में भेजने हेतु कहा तथा यह भी कहा कि प्रत्येक पेटी का वजन 13-14 किलो होगा। परिवादी ने विपक्षी मो0 तालिब को ैण्ठण्प्ण् ज्ञप्व्ैज्ञ ठंदा से दिनांक 21.08.2021 को खाता सं0-15258100010732 में समय 15ः32ः34 बजे मु0 10,000/-नगद एवं दिनांक 21.08.2021 को खाता सं0-15258100010732 ैण्ठण्प्ण् ज्ञप्व्ैज्ञ ठंदा में समय 15ः29ः32 बजे मु0 10,000/-कुल रू0 20,000/-भेजा। मो0 तालिब के भाई फैजान अशरफ नजर के खाता संख्या-0118041000000959 में समय 12ः46ः37 पर ैण्ठण्प्ण् ज्ञप्व्ैज्ञ ठंदा के माध्यम से मु0 10,000/- दिनांक 28.09.2021 जम्मू एंड कश्मीर बैंक द्वारा भुगतान किया गया। परिवादी द्वारा दिनांक 09.09.2021 को यूनियन बैंक आफ इंडिया बाराबंकी के माध्यम से खाता संख्या-690002010004690 से सईद खान जो विपक्षी का भाई है रायबरेली में निवास करता है जिसका खाता आई0 सी0 आई0 सी0 आई0 बैंक रायबरेली में खाता सं0-81201506638 आई. एफ. एस. सी. कोड प्ब्प्ब्0000812 में चेक के माध्यम से मु0 70,000/-व दिनांक 28.09.2021 को जम्मू कश्मीर बैंक खाता सं0-118041000000959 मु0 10,000/- काश्तकार के खाते में भेजा तथा दिनांक 28.09.2021 को जम्मू कश्मीर बैंक खाता सं0-10190007675931 आई एफ एस सी कोड ठक्ठप्0001986 समय 9ः44 मु0 20,000/-दिनांक 13.09.2021 को भेजा। परिवादी द्वारा विपक्षी व उसके सम्बन्धियों को रू0 1,32,500/-का भुगतान किया गया जिस पर मो0 तालिब ने सहमति जताई थी। परिवादी को बाराबंकी में स्थित फर्म पर सेब फल की पेटियों की सप्लाई विपक्षी द्वारा करने का आश्वासन दिया गया था तथा माल के बीजक के अनुसार भुगतान करने की बात कही गई। परन्तु आज तक विपक्षी द्वारा सेब फल की सप्लाई परिवादी को नहीं की गई। विपक्षी द्वारा दिया गया मोबाइल नं0-9856867139, 7767867139 पर अनेकों बार बात करने का प्रयास किया परन्तु मोबाइल बन्द होने की सूचना प्राप्त होती है। विपक्षी परिवादी के धन को हड़प लेना चाहता है। परिवादी ने जरिये अधिवक्ता रजिस्टर्ड डाक से नोटिस विपक्षी को भेजी जिसे विपक्षी ने दिनांक 06.04.2022 प्राप्त कर लिया परन्तु कोई उत्तर नहीं दिया गया। अतः परिवादी ने उक्त अनुतोष हेतु प्रस्तुत परिवाद योजित किया है। परिवाद के समर्थन में शपथपत्र दाखिल किया गया है।

            परिवादी के तरफ से सूची से मो0 तालिब का आधार कार्ड, पैसा ट्रान्सफर की तीन रसीदें, आर टी जी एस फार्म, मनी ट्रान्सफर रसीद, मोबाइल चैट, रजिस्टर्ड सूचना तथा ट्रैक कन्साइनमेन्ट की छाया प्रति दाखिल किया है।

            नोटिस तामीला के बावजूद भी विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अतः दिनांक 30.11.2022 को विपक्षी के विरूद्व परिवाद एकपक्षीय रूप से अग्रसर हुआ।

            परिवादी ने शपथपत्र बतौर एकपक्षीय साक्ष्य तथा अपनी लिखित बहस प्रस्तुत की है।

            परिवाद सुनवाई हेतु पेश हुआ। परिवादी के विद्वान अधिवक्ता उपस्थित हुये। विपक्षी की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। एकपक्षीय कथन सुना गया एवं साक्ष्य का अवलोकन किया गया।

            प्रस्तुत परिवाद में अंकित तथ्यों के अनुसार परिवादी फलो के क्रय विक्रय का थोक व्यापार करते है। परिवादी का कथन है कि दिनांक 05.07.2021 को विपक्षी के साथी यूसूफ द्वारा परिवादी से कश्मीरी सेब की आपूर्ति विपक्षी मो0 तालिब से कराने हेतु करार किया गया था जिसके उपरान्त परिवादी ने विपक्षी को दिनांक 21.08.2021 को रू0 10,000/-नगद एवं रू0 10,000/- उसके बैंक खाता द्वारा दिया तथा दिनांक 28.09.2021 को विपक्षी के भाई फैजान अशरफ नजर के खातें में रू0 10,000/-एवं दिनांक 28.09.2021 को ही विपक्षी के भाई सईद खान के खाते में रू0 70,000/-अंतरित किया गया। इसके अतिरिक्त दिनांक 28.09.2021 को रू0 10,000/-काश्तकार के खातें में एवं दिनांक 13.09.2021 मधुर अग्निहोत्री के खातें में रू0 20,000/-भुगतान किया गया। परिवादी का कथन है कि उसने विपक्षी एवं उपरोक्त सगे सम्बन्धियों को कुल रू0 1,30,000/-का भुगतान किया लेकिन विपक्षी द्वारा कश्मीरी सेब के फलो की डिलीवरी नहीं की गई।

             परिवादी ने परिवाद पत्र में उल्लेख किया है कि विपक्षी के साथी यूसूफ से कश्मीरी सेब की आपूर्ति की बात हुई थी लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि विपक्षी के समक्ष फल की आपूर्ति की वार्ता हुई थी। परिवादी द्वारा विपक्षी के फल व्यापारी होने व फल की खरीद बिक्री के संबंध में किसी लिखित करार का कोई साक्ष्य भी प्रस्तुत नहीं किया गया है और न ही परिवाद पत्र में यह उल्लेख है कि कश्मीरी सेब की आपूर्ति किस दर पर, कितनी मात्रा में व कब तक की जानी थी। इसके अतिरिक्त परिवादी द्वारा कश्मीरी सेब की खरीद हेतु अग्रिम धनराशि का भुगतान विपक्षी सहित उसके सगे सम्बन्धियों को बिना किसी लिखित करार के किया जाना त्रुटिपूर्ण व्यापार शैली है। परिवादी द्वारा सेब की खरीद के संबंध में विपक्षी से कोई बिल प्राप्त नहीं किया गया और मौखिक वार्ता के आधार पर विभिन्न तिथियों में विपक्षी सहित उसके सगे सम्बन्धियों को भुगतान कर दिया गया। साक्ष्यों के अवलोकन से पाया गया कि परिवादी द्वारा सैफ खान रायबरेली के पक्ष में दिनांक 09.09.2021 को रू0 70,000/-आर टी जी एस किया गया जबकि परिवाद पत्र में सईद खान को भुगतान करने की बात कहीं गई है। विपक्षी के साथी यूसूफ की मध्यस्थता से फलों की आपूर्ति के संबंध में करार हुआ था किन्तु परिवादी द्वारा फल की आपूर्ति न होने की दशा में बिचैलिये यूसूफ को न तो लीगल नोटिस भेजी गई और न ही उसे पक्षकार बनाया गया।

             परिवादी ने फर्म मो0 अशफाक फ्रूट कम्पनी के नाम से फलो का थोक व्यापार करना कहा है परन्तु उक्त फर्म के पंजीयन, आयकर आदि से सम्बन्धित कोई भी अभिलेख दाखिल नहीं किया है। परिवादी द्वारा फलो/सेब का व्यापार करने के संबंध में भी किसी प्रकार की पूर्व में कर अदायगी का कोई अभिलेख दाखिल नहीं किया है। फल/कश्मीर से सेब खरीदने और उसके परिवहन के सम्बन्ध में भी पूर्व का कोई अभिलेख दाखिल नहीं है। ऐसी स्थिति में जो भी धनराशि परिवादी विभिन्न व्यक्तियों को बैंक संव्यवहार से अंतरित करना कह रहा है, उक्त धनराशि फल/सेब आदि के व्यापार के संव्यवहार हेतु दिया गया, परिवादी के पुष्टिकारक साक्ष्य के अभाव में सिद्व नहीं होता है। परिवादी द्वारा विपक्षी को दी गई केवल विधिक नोटिस के आधार पर परिवादी तथा विपक्षी से व्यापारिक संव्यवहार में धनराशि देना उपधारित नहीं किया जा सकता। ऐसी स्थिति में परिवादी विपक्षी से व्यापारिक संव्यवहार फल/सेब क्रय करने के साक्ष्य के अभाव में उपभोक्ता की श्रेणी में नहीं आता है। उपरोक्त परिस्थितियों में यदि परिवादी ने कोई धनराशि विपक्षी को बैंक संव्यवहार से अंतरित भी की है तो परिवादी उक्त धनराशि सिविल न्यायालय में धन वसूली का वाद संस्थित कर नियमानुसार प्रश्नगत धन की वसूली कर सकता है।

              उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि परिवादी द्वारा बिचैलिये के माध्यम से सेबो की आपूर्ति का सौदा किया जाना सिद्व नहीं होता है। आपूर्ति किस दर से , कितनी मात्रा में और कब तक की जानी है इस संबंध में कोई पुष्टि कारक साक्ष्य नहीं है। विपक्षी और उसके सगे सम्बन्धियों के खातें में केवल धनराशि का अंतरण ही व्यापारिक संव्यवहार हेतु अन्तरण की उपधारणा उत्पन्न नहीं करता है।

              उपरोक्त विवेचन से स्पष्ट है कि परिवादी उपभोक्ता होना सिद्व नहीं होता है। विपक्षी सेवा प्रदाता होना भी सिद्व नहीं होता है। विपक्षी द्वारा सेवा में कमी भी साक्ष्य के अभाव में सिद्व नहीं होती है। तद्नुसार परिवाद निरस्त किये जाने योग्य है।

आदेश

परिवाद संख्या-93/2022 निरस्त किया जाता है।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)           (संजय खरे)

        सदस्य                       सदस्य                 अध्यक्ष

यह निर्णय आज दिनांक को  आयोग  के  अध्यक्ष  एंव  सदस्य द्वारा  खुले न्यायालय में उद्घोषित किया गया।

(डॉ0 एस0 के0 त्रिपाठी)       (मीना सिंह)           (संजय खरे)

        सदस्य                       सदस्य                 अध्यक्ष

दिनांक 28.04.2023

 

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