(मौखिक)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील सं0- 679/2021
Religare Health Insurance Company Limited, Presently known as Care Health Insurance Limited, Office Situated at Vipul Tech Square, Tower C, 3rd Floor Sector-43, Golf Course Road, Gurgaon-122009, through its Authorised Signatory.
………Appellant
Versus
1. Mohd. Raju Son of Mohd. Husain, Resident of G.T. Road Muratganj, Near Janta Auto Mobiles, Thana-Kokhraj, Distt.-Kosambi, U.P.
2. Union Bank of India, Branch, Muratganj, Distt.-Kosambi, U.P.
3. Dr. Siddarth Madanani Medicare, 236-B, Lookerganj, Bareh Bangaliya, Allahabad 211001.
……..Respondents
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
माननीय श्री विकास सक्सेना, सदस्य।
माननीया डॉ0 आभा गुप्ता, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से : श्री दिनेश कुमार,
विद्वान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थीगण की ओर से : कोई नहीं।
दिनांक:- 27.01.2022
माननीया डॉ0 आभा गुप्ता, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय/आदेश
परिवाद सं0- 36/2020 मो0 राजू बनाम प्रबंधक, रिलीगेयर हेल्थ इंश्योरेंस कम्पनी व दो अन्य में जिला उपभोक्ता आयोग, कौशाम्बी द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 21.10.2021 के विरुद्ध यह अपील धारा 41/47 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अंतर्गत राज्य आयोग के समक्ष प्रस्तुत की गई है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता श्री दिनेश कुमार को सुना गया। प्रश्नगत निर्णय व आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखों का सम्यक परिशीलन किया गया।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 द्वारा अपनी अपील में मुख्य रूप से यह कहा गया है कि अवर न्यायालय का आदेश दि0 21.10.2021 गलत तथ्यों पर आधारित है तथा खण्डित किये जाने योग्य है। यह भी कहा गया है कि प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी को उसके द्वारा जो इंश्योरेंस की धनराशि जिसका क्लेम मिलना चाहिए था से अधिक धनराशि क्षतिपूर्ति के रूप में अवर न्यायालय द्वारा गलत रूप से दी गई है तथा एक्सीडेंट के समय प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी के नशे में होने को घटना के 03 माह पश्चात प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर दिया गया है जो किसी भी तरह मान्य नहीं है।
अवर न्यायालय द्वारा अपने आदेश दि0 21.10.2021 में यह माना गया है कि पत्रावली पर ऐसा कोई साक्ष्य उपलब्ध नहीं है जिससे इस बात की पुष्टि होती हो। प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी अस्पताल में भर्ती होते समय शराब के नशे में था कोई ब्लड रिपोर्ट या अन्य मेडिकल जॉंच इसका समर्थन नहीं करते हैं। इस तथ्य को अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 के द्वारा पूर्ण रूप से नजरंदाज करके प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी का दावा निरस्त किया गया है जो न्यायसंगत नहीं है।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 1 तथा प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी के कथनों एवं पत्रावली पर उपलब्ध अभिलेखीय साक्ष्यों के परिशीलन से यह स्पष्ट होता है कि अवर न्यायालय द्वारा पारित निर्णय व आदेश दि0 21.10.2021 जिसका मुख्य आधार किसी अन्य मेडिकल जांच या ब्लड रिपोर्ट का समर्थन नहीं पाने के आधार पर निष्कर्ष दिया गया है जो पूर्णत: न्यायसंगत है, परन्तु प्रत्यर्थी सं0- 1/परिवादी के द्वारा इंश्योर्ड धनराशि से अधिक धनराशि 09 प्रतिशत वार्षिक साधारण ब्याज सहित अदा करने में संशोधित किया जाना उचित है, चूँकि इंश्योरेंस मात्र 66,000/-रू0 का किया गया था अत: 1,00,000/- रू0 की क्षतिपूर्ति के स्थान पर 60,000/-रू0 किया जाता है।
उपरोक्त विवेचना के आधार पर अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है।
अपील में धारा 15 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थी द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित जिला उपभोक्ता आयोग को निस्तारण हेतु प्रेषित की जाये।
अपील में उभयपक्ष अपना-अपना व्यय स्वयं वहन करेंगे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (विकास सक्सेना) (डॉ0 आभा गुप्ता)
अध्यक्ष सदस्य सदस्य
शेर सिंह, आशु0,
कोर्ट नं0- 1