(सुरक्षित)
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या-2142/2005
(जिला उपभोक्ता आयोग, मैनपुरी द्वारा परिवाद संख्या-289/1999 में पारित निणय/आदेश दिनांक 26.11.2005 के विरूद्ध)
अश्वनी कुमार गुप्ता पुत्र श्री ब्रह्मानन्द गुप्ता, निवासी लेहसुन मण्डी, जी.टी. रोड, कुरौली, जिला मैनपुरी।
अपीलार्थी/विपक्षी सं0-5
बनाम
1. मो0 मुकर्रम पुत्र मो0 अशफाक, निवासी मोहल्ला सदर बाजार, कुरौली, तहसील व जिला मैनपुरी।
2. संजय कुमार गुप्ता पुत्र मनोहर लाल गुप्ता, निवासी जी-9/193, रतिया मार्ग, हमदर्द नगर, संगम विहार, नई दिल्ली।
3. विजय कुमार गुप्ता पुत्र मनोहर लाल गुप्ता, निवासी जी-9/193, रतिया मार्ग, हमदर्द नगर, संगम विहार, नई दिल्ली।
4. राजेश चन्द्र गुप्ता पुत्र रमेश चन्द्र गुप्ता।
5. श्रीमती संगीता गुप्ता पत्नी श्री राजेश चन्द्र गुप्ता।
निवासीगण जी.टी. रोड, कुरौली, जिला मैनपुरी।
प्रत्यर्थीगण/परिवादी/विपक्षी सं0-1 त 4
समक्ष:-
1. माननीय श्री राजेन्द्र सिंह, सदस्य।
2. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित : श्री मोहन अग्रवाल।
प्रत्यर्थीगण की ओर से उपस्थित : कोई नहीं।
दिनांक: 02.07.2024
माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उद्घोषित
निर्णय
1. परिवाद संख्या-289/1999, मुहम्मद मुकर्रम बनाम संजय कुमार गुप्ता तथा चार अन्य में विद्वान जिला आयोग, मैनपुरी द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय/आदेश दिनांक 26.11.2005 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी संख्या-5, अश्वनी कुमार गुप्ता द्वारा प्रस्तुत की गई है। विद्वान जिला आयोग ने परिवाद विपक्षी सं0-1 एवं 5 के विरूद्ध स्वीकार करते हुए आदेशित किया है कि वह परिवादी द्वारा जमा राशि अंकन 25,000/-रू0 9 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस लौटाए।
2. परिवादी द्वारा विपक्षीगण की फर्म में दिनांक 2.6.1997 से दिनांक 2.8.1998 तक खाता संख्या-75442318 में कुल 27,600/-रू0 की राशि जमा की गई थी, परन्तु विपक्षीगण इस राशि को लेकर फरार हो गए। विद्वान जिला आयोग ने यह निष्कर्ष दिया कि परिवादी द्वारा कुल 25,000/-रू0 जमा किए गए और जिस समय राशि जमा की गई, उस समय विपक्षी सं0-1 एवं 5 फर्म के कार्यों के लिए जिम्मेदार थे। तदनुसार इन्हीं लोगों के विरूद्ध धनराशि लौटाने का आदेश पारित किया गया है।
3. अश्वरी कुमार गुप्ता, विपक्षी संख्या-5 का कथन है कि अपीलार्थी द्वारा दिनांक 15.10.1997 को त्याग-पत्र दे दिया गया था, जबकि परिवादी द्वारा दिनांक 2.8.1998 को राशि जमा की गई है, इसलिए अपीलार्थी का कोई दायित्व नहीं है। विद्वान जिला आयोग ने इस बिन्दु पर विचार नहीं किया, जबकि कंपनीज निबंधक द्वारा इस आशय का पत्र जारी किया जा चुका था।
4. केवल अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थीगण की ओर से पर्याप्त नोटिस के बावजूद कोई उपस्थित नहीं है।
5. अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का मुख्य तर्क यह है कि वह कंपनी से त्याग पत्र दे चुके थे, इसलिए उनका उत्तरदायित्व नहीं है। पत्रावली पर अनेक्जर सं0-1 लगायत 3 मौजूद है, जिनसे साबित होता है कि तत्समय अपीलार्थी प्रबंध निदेशक के पद पर तैनात नहीं थे। अत: कंपनी के कार्यों के लिए वह उत्तरदायी नहीं है, इसलिए प्रश्नगत निर्णय/आदेश अपीलार्थी के संदर्भ में अपास्त होने और प्रस्तुत अपील स्वीकार होने योग्य है।
आदेश
6. प्रस्तुत अपील इस सीमा तक स्वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 26.11.2005 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी द्वारा जमा राशि को अदा करने का दायित्व अपीलार्थी पर नहीं होगा, यद्यपि विपक्षी संख्या-1 के विरूद्ध यह निर्णय/आदेश बहाल रहेगा।
प्रस्तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्त जमा धनराशि अर्जित ब्याज सहित अपीलार्थी को यथाशीघ्र विधि के अनुसार वापस की जाए।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
निर्णय/आदेश आज खुले न्यायालय में हस्ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।
(सुशील कुमार) (राजेन्द्र सिंह)
सदस्य सदस्य
दिनांक 02.07.2024
लक्ष्मन, आशु0,
कोर्ट-2