राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0 प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या– 397/2024
जेड० ए० कोल्ड स्टोरेज एंड आईस उद्योग
बनाम
मोहम्मद जावेद अख्तर
समक्ष:-
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष।
अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री अतुल कीर्ति, विद्धान अधिवक्ता।
प्रत्यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नही।
दिनांक 01.04.2024
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्धारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, कौशाम्बी द्धारा परिवाद संख्या– 156/2023 मो0 जावेद अख्तर बनाम जेड० ए० कोल्ड स्टोरेज में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 30.01.2024 के विरूद्ध योजित की गई है।
परिवाद के तथ्य संक्षेप में यह है कि परिवादी ने दिनांक 31.03.2023 को विपक्षी के कोल्ड स्टोरेज में 110 बोरी आलू लाट संख्या- 2167 पर रू0 10,740/- भाड़े का भुगतान कर रखा था। दिनांक 12.10.2023 को जब अपना आलू लेने गया तो परिवादी को विपक्षी द्धारा आलू न देकर उसके उच्च गुणवत्ता आलू को विपक्षी द्धारा किसी अन्य को बेंच दिया गया। परिवादी को आज तक आलू का मूल्य प्राप्त नहीं हुआ। अत: उसके द्धारा परिवाद संस्थित किया गया।
विपक्षी ने प्रतिवाद पत्र में यह कथन किया है कि परिवादी कुल भंडारित आलू 110 बोरी में से 44 बोरी आलू ले गया शेष 66 बोरी आलू यह कहते हुये नहीं ले गये कि कोल्ड स्टोरेज में रखने का किराया अदा करने के उपरान्त आलू ले जाऊगा। विपक्षी द्धारा कोई सेवा में कमी नहीं की गई।
मेरे द्धारा अपीलार्थी जेड० ए० कोल्ड स्टोरेज की ओर से उपस्थित विद्धान अधिवक्ता श्री अतुल कीर्ति को सुना गया तथा प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का अवलोकन किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा उभय पक्ष के अभिकथन एवं उपलब्ध साक्ष्यों/प्रपत्रों पर विचार करने के उपरान्त परिवाद निर्णीत करते हुए निम्न आदेश पारित किया गया है:-
‘’ परिवादी का परिवाद आंशिक रूप से आज्ञप्त किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि परिवादी को 66 बोरी फेंकी गई आलू की कीमत मु0 66,000.00 रू0 मय 08 प्रतिशत साधारण वार्षिक ब्याज सहित परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक अन्दर माह अदा करना सुनिश्चित करें।
किसी अन्य अनुतोष के संबंध में परिवादी का परिवाद खारिज किया जाता है।’
अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्ता को सुनने तथा समस्त तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा अपने प्रश्नगत आदेश में जो अपीलार्थी/विपक्षी के विरूद्ध 66 बोरी आलू की कीमत के मद में रू0 66000.00 की देयता निर्धारित की गई है, के संबंध में मैं इस मत का हॅू कि विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा समस्त तथ्यों का सम्यक अवलोकन/परिशीलन व परीक्षण करने के उपरान्त विधि अनुसार निर्णय एवं आदेश पारित किया गया है जो विधि सम्मत है। जहां तक विद्धान जिला उपभोक्ता आयोग द्धारा अपने प्रश्नगत आदेश में जो अपीलार्थी/विपक्षीगण के विरूद्ध देय धनराशि रू0 66,000.00 पर 08 प्रतिशत साधारण ब्याज की देयता निर्धारित की गई है, वह वाद के सम्पूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों तथा अपीलार्थी के अधिवक्ता के कथन को दृष्टिगत रखते हुऐ अधिक प्रतीत हो रही है, तद्नुसार रू0 66,000.00 पर 08 प्रतिशत वार्षिक ब्याज के स्थान पर रू0 66,000.00 पर परिवाद दाखिल करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 05 प्रतिशत वार्षिक ब्याज में परिवर्तित किया जाना उचित पाया जाता है। तद्नुसार अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। शेष निर्णय/आदेश की पुष्टि की जाती है।
अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि उपरोक्त आदेश का अनुपालन 45 दिन की अवधि में किया जाना सुनिश्चित करें। अंतरिम आदेश यदि कोई पारित हो, तो उसे समाप्त किया जाता है।
प्रस्तुत अपील योजित करते समय यदि कोई धनराशि अपीलार्थी द्धारा जमा की गयी हो, तो उक्त जमा धनराशि मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जाए।
आशुलिपिक/वैयक्तिक सहायक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
रंजीत, पी0ए0
कोर्ट न0- 1