Uttar Pradesh

StateCommission

A/1042/2018

N I A Co.Ltd - Complainant(s)

Versus

Mohd. Ismail - Opp.Party(s)

Neeraj Paliwal

16 Feb 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/1042/2018
( Date of Filing : 31 May 2018 )
(Arisen out of Order Dated 27/04/2018 in Case No. C/199/2015 of District Bulandshahr)
 
1. N I A Co.Ltd
Lucknow
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd. Ismail
Bulandhahr
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 16 Feb 2022
Final Order / Judgement

(सुरक्षित)                                             

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

अपील संख्‍या- 1042/2018

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा परिवाद संख्‍या- 199/2015 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 27-04-2018 के विरूद्ध)    

1. दि न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कं0लि0 द्वारा प्रशासनिक अधिकारी, दि न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कं0लि0, विधि प्रकोष्‍ठ, 94, एम0जी0 मार्ग, हजरतगंज, लखनऊ।

2. प्रबंधक, दि न्‍यू इंडिया एश्‍योरेंस कं0लि0, ईस्‍टल कॉम्‍पलैक्‍स चैम्‍बर्स, तृतीय तल करनगालपेडी मांगलौर।

                                           ....अपीलार्थीगण

बनाम

1. मोहम्‍मद इस्‍माइल पुत्र स्‍व0 श्री लियाकत अली, निवासी युसुफ कालोनी गुलावठी रोड, कस्‍बा सिकन्‍दराबाद, जिला बुलन्‍दशहर।

2. शाखा प्रबंधक, कार्पोरेशन बैंक शाखा सिकन्‍दराबाद, निकट पार्वती सिनेमा हॉल, रोडवेज बस स्‍टैण्‍ड के सामने जी0टी0 रोड कस्‍बा सिकन्‍दराबाद, जिला बुलन्‍दशहर।

                                           ........प्रत्‍यर्थीगण

मक्ष:- 

    माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष

    माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

   

अपीलार्थीगण की ओर से उपस्थित    :  श्री नीरज पालीवाल,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 1 की ओर से उपस्थित  :  श्री एस0के0 वर्मा,

                                विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0- 2 की ओर से उपस्थित  : कोई नहीं।

  

दिनांक-  04.03.2022

माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्‍यक्ष द्वारा उदघोषित

 

निर्णय/आदेश

          परिवाद सं0- 199/2015 मोहम्‍मद इस्‍माइल बनाम शाखा प्रबंधक कार्पोरेशन बैंक व एक अन्‍य में जिला उपभोक्‍ता आयोग, बुलन्‍दशहर द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दि0 27.04.2018 के विरुद्ध यह अपील धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 के अंतर्गत राज्‍य आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत की गई है।

          संक्षेप में वाद के तथ्‍य इस प्रकार हैं कि प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 ने मो0 इस्‍माइल के पिता लियाकत अली द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 शाखा प्रबंधक कार्पोरेशन बैंक सिकन्‍द्राबाद के बुलन्‍दशहर में एक खाता खोला गया तथा अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 एवं प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 के माध्‍यम से उपरोक्‍त बैंक से एस0बी0 सरल एकाउंट योजना के अंतर्गत जारी पॉलिसी सं0- एस0बी0 एकाउंट सं0- 6114 ली गई। अपीलार्थी/विपक्षी के अनुसार जारी पॉलिसी प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के बैंक खाते से सम्‍बद्ध की गई जिसके द्वारा रू0 100/- प्रति वर्ष अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 इंश्‍योरेंस कम्‍पनी के खाते में स्‍थानांतरित हो जाती थी तथा दुर्घटना व मृत्‍यु की दशा में मु0 5,00,000/-रू0 का बीमा सुरक्षित था। बीमा पॉलिसी की शर्त के अनुसार प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता के उक्‍त बैंक खाते से दि0 19.12.2014 को मु0 100/-रू0 अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 के खाते में ट्रांसफर हो गये और उसके पिता का बीमा एक वर्ष के लिए दि0 19.12.2014 से दि0 18.12.2015 तक की अवधि के लिए हो गया। दि0 19.03.2015 को उसके पिता लियाकत अली मोटर साईकिल से अपने किसी कार्य से सिकन्‍द्राबाद से बुलन्‍दशहर जा रहे थे तो बुलन्‍दशहर भूड़ चौराहे के निकट बुलन्‍दशहर विकास प्राधिकरण कार्यालय के सामने बुलन्‍दशहर की ओर से आ रही सेन्‍ट्रो कार द्वारा उनको टक्‍कर मार दिये जाने के कारण उसके पिता को काफी चोटें आयीं और उन्‍हें मोहन नर्सिंग होम बुलन्‍दशहर में भर्ती कराया गया तथा उक्‍त घटना की लिखित सूचना दि0 19.03.2015 को थाना पुलिस कोतवाली देहात को दी गई। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता के स्‍वास्‍थ्‍य में कोई सुधार नहीं हुआ और दि0 02.04.2015 को उनकी मृत्‍यु हो गई एवं पुलिस द्वारा उक्‍त घटना की लिखित सूचना दि0 19.03.2015 के आधार पर दि0 22.05.2015 को प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज‍ की गई। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी ने इसके बाद दि0 20.07.2015 को अपीलार्थी/विपक्षीगण के यहां सम्‍पर्क किया और अपने पिता के बीमा क्‍लेम सम्‍बन्‍धी समस्‍त औपचारिकतायें पूर्ण की जिसके बाद उसने प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक से सम्‍पर्क किया तो प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 ने यह कहा कि उनके द्वारा उसके दावे की पत्रावली अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 को भेज दी है और जल्‍दी ही उसका दावा स्‍वीकृत हो जायेगा। इसके बाद प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 ने उससे उसके पिता की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट की मांग की जिसके बाद उसने एक शपथ-पत्र प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 के यहां प्रस्‍तुत करते हुए कहा कि उसके पिता की मृत्‍यु से पूर्व उसे उक्‍त बीमा पॉलिसी का ज्ञान नहीं था और उसने अपने पिता का अन्तिम संस्‍कार भी दि0 02.04.2015 को कर दिया है। चूँकि उक्‍त घटना की लिखित सूचना दि0 19.03.2015 के आधार पर पुलिस द्वारा भी प्रथम सूचना रिपोर्ट दि0 22.05.2015 को दर्ज की गई थी, इसलिए इस कारण भी बिना प्रथम सूचना रिपोर्ट के पोस्‍टमार्टम किया जाना सम्‍भव नहीं था। अपीलार्थी/विपक्षीगण द्वारा उसके पिता की पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट के अभाव में उसको क्‍लेम देने से इंकार कर दिया गया जो कि प्राकृतिक एवं नैसर्गिक न्‍याय के सिद्धांत के विपरीत है जिसके कारण उसको आर्थिक एवं मान‍सिक क्षति हुई, अतएव यह परिवाद दायर किया गया है।

          प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक ने अपने प्रतिवाद पत्र में परिवाद पत्र की धारा 1, 2, 3 व 4 को स्‍वीकार करते हुए यह कहा है कि प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता श्री लियाकत अली का प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक में एक खाता सं0- 157400101006114 है और उक्‍त खाते के अंतर्गत खाताधारक लियाकत अली ने एक एस0बी0 सरल एकाउंट पॉलिसी दि न्‍यू इंडिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 से ली थी जिसका प्रीमियम प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक ने उसके खाते से डेविट किया था। खाताधारक के पुत्र इस्‍माइल ने प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक को सूचना दी कि उसके पिता लियाकत अली का दि0 02.04.2015 को देहांत हो गया है जिसके तुरंत बाद प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक ने उक्‍त सूचना बीमा कम्‍पनी को प्रेषित कर दी थी। दावे की औपचारिकतायें प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को पूरी करनी थी और क्‍लेम देने की कार्यवाही बीमा कम्‍पनी को करनी थी जिसके लिए प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक का कोई उत्‍तरदायित्‍व नहीं था। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के क्‍लेम के सम्‍बन्‍ध में जो भी सूचनायें मांगी गईं वह यथासमय बीमा कम्‍पनी को दी गई थीं। इस प्रकार प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 को परिवाद में गलत पक्षकार बनाया गया है तथा परिवाद खण्डित होने योग्‍य है।

          प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक ने अपने प्रतिवाद पत्र में यह भी कहा है कि प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता श्री लियाकत अली ने प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक के माध्‍यम से एक व्‍यक्तिगत दुर्घटना बीमा योजना के तहत पॉलिसी सं0- 67080542140100000438 प्राप्‍त की थी जो दि0 01.12.2014 से दि0 30.11.2015 तक की अवधि के लिए वैध थी और जिस पॉलिसी के तहत बीमा कराया गया था उसका आधार बीमा पॉलिसी की शर्तें थी जिसमें क्‍लेम हेतु प्रथम सूचना रिपोर्ट एवं पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट अनिवार्य थी। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी द्वारा अपने पिता लियाकत अली की जिस दुर्घटना दि0 19.03.2015 का हवाला दिया जा रहा है उसकी रिपोर्ट दि0 22.05.2015 को 02 माह 03 दिन की देरी से दर्ज करायी गई है जब कि बीमा पॉलिसी के नियमों के तहत तुरन्‍त सूचित किया जाना आवश्‍यक था। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता को जो पॉलिसी जारी की गई थी उसमें जोखिम के सम्‍बन्‍ध में नियम व शर्तें भी थीं जो प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को भली-भांति स्‍पष्‍ट थीं।

          प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी ने अपने कथनों के समर्थन में अपना व मौहम्‍मद अफसर का शपथ-पत्र दाखिल किया है तथा प्रलेखीय साक्ष्‍य में बैंक पासबुक, मृत्‍यु प्रमाण पत्र, क्‍लेम फार्म, क्‍लेम प्रपत्र प्राप्ति सम्‍बन्धी प्रार्थना पत्र, बैंक को दिये गये शपथ-पत्र, क्‍लेम सूचना प्रपत्र दि0 02.09.2015 व थाना कोतवाली देहात में दिये गये प्रार्थना पत्र दि0 19.03.2015, लियाकत अली के मोहन हॉस्पिटल एण्‍ड हर्ट सेंटर, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र धरपा एवं प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र वैर बुलन्‍दशहर के उपचार सम्‍बन्‍धी प्रपत्रों की छायाप्रतियां दाखिल की हैं।

          अपीलार्थी/विपक्षीगण की ओर से अपने कथनों के समर्थन में कोई मौखिक एवं प्रलेखीय साक्ष्‍य दा‍खिल नहीं की गई है।  

          जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा यह पाया गया कि ऊपर उल्लिखित तथ्‍य कदापि विवादित नहीं थे तथा यह कि प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता लियाकता अली द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक के माध्‍यम से अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 से व्‍यक्तिगत दुर्घटना हेतु एक बीमा पॉलिसी प्राप्‍त की गई थी जो दि0 01.12.2014 से दि0 30.11.2015 तक वैध थी जिसका प्रीमियम प्रत्‍यर्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 1 बैंक द्वारा ही अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 को ट्रांसफर किया जाना स्‍वीकार किया गया है। प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता ने संदेह रूप से दि0 19.03.2015 को मोटरसाईकिल से जाते हुए सेन्‍ट्रो कार से टक्‍कर होने के कारण चोटिल हो गये थे जिसके सम्‍बन्‍ध में पुलिस कोतवाली देहात में सूचना दी गई तथा इलाज भी कराया गया। अंततोगत्‍वा अस्‍पताल में दि0 02.04.2015 को उनकी मृत्‍यु हो गई। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा तथ्‍यों को विचारित करते हुए अपीलार्थी/विपक्षी सं0- 2 बीमा कम्‍पनी द्वारा इस तथ्‍य को दृष्टिगत रखते हुए कि पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी द्वारा न प्रस्‍तुत किये जाने के कारण क्‍लेम अस्‍वीकार किया जाता है को अनुचित माना। साथ ही थाने में सूचना में देरी को भी नजरंदाज किया, क्‍योंकि नि:संदेह रूप से प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता की मृत्‍यु दुर्घटना के कारण अस्‍पताल में हुई थी। जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 बीमा कम्‍पनी के प्रतिवाद के साथ प्रस्‍तुत नो क्‍लेम पत्र के अनुसार बीमा कम्‍पनी द्वारा जो निर्णय लिया गया उसके परिशीलन करने के उपरांत यह पाया गया कि बीमा कम्‍पनी द्वारा प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता लियाकत अली की दुर्घटना घटित होना और उसकी मृत्‍यु होना विवादित नहीं है तथा यह कि उनकी दौरान इलाज मृत्‍यु हो गई और तदोपरांत दाह संस्‍कार किया गया जिस तथ्‍य का बीमा कम्‍पनी द्वारा भी कोई खण्‍डन नहीं किया गया न ही कोई प्रतिउत्‍तर शपथ पत्र प्रस्‍तुत किया गया।

          जिला उपभोक्‍ता आयोग द्वारा उपरोक्‍त परिस्थितियों में प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के कथनों पर विश्‍वास न करने का कोई कारण नहीं पाया गया। तदनुसार साक्ष्‍य एवं तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी का परिवाद अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 बीमा कम्‍पनी के विरुद्ध स्‍वीकार किया गया तथा बीमा कम्‍पनी को आदेशित किया गया कि वे मु05,00,000/-रू0 45 दिन की अवधि में प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी को अदा करें, अन्‍यथा अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 उक्‍त धनराशि पर परिवाद दायर करने की तिथि से भुगतान की तिथि तक 06 प्रतिशत वार्षिक ब्‍याज भी अदा करेगा।

          हमारे द्वारा अपीलार्थीगण के विद्वान अधिवक्‍ता श्री नीरज पालीवाल और प्रत्‍यर्थी सं0- 1 के विद्वान अधिवक्‍ता श्री एस0के0 वर्मा को सुना गया। प्रत्‍यर्थी सं0- 2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय व आदेश एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का सम्‍यक परिशीलन किया गया तथा यह पाया गया कि अपीलार्थी सं0- 2/विपक्षी सं0- 2 बीमा कम्‍पनी के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा स्‍वयं इस तथ्‍य का खण्‍डन नहीं किया गया कि प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के पिता मोटरसाईकिल से जाते समय सेन्‍ट्रो कार से एक्‍सीडेंट के कारण चोटिल हो गए थे तथा गम्‍भीर अवस्‍था में अस्‍पताल में भर्ती किये गये, तदोपरांत उनकी मृत्‍यु अस्‍पताल में हुई जिसकी सूचना समस्‍त क्रिया-कर्म करने के उपरांत प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी द्वारा सम्‍बन्धित थाने में योजित की गई तथा यह कि मात्र पोस्‍टमार्टम रिपोर्ट प्रस्‍तुत न किये जाने पर प्रत्‍यर्थी सं0- 1/परिवादी के इस कथन को कि उसके पिता की मृत्‍यु दुर्घटना के कारण अस्‍पताल में हुई विवादित नहीं माना जा सकता, अतएव मैं  जिला उपभोक्‍ता आयोग के उपरोक्‍त निर्णय व आदेश से पूर्णत: सहमत हूँ। प्रस्‍तुत अपील निरस्‍त की जाती है। जिला उपभोक्‍ता आयोग के आदेश का अनुपालन 45 दिवस में सुनिश्चित हो।       

          अपील में उभय-पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

          अपील में धारा 15 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अंतर्गत अपीलार्थीगण द्वारा जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित निस्‍तारण हेतु जिला उपभोक्‍ता आयोग को प्रेषित की जावे।     

           आशुलि‍पिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की वेबसाइड पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

  (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                        (विकास सक्‍सेना)        

           अध्‍यक्ष                                                   सदस्‍य               

शेर सिंह, आशु०

कोर्ट नं०1

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.