(मौखिक)
'' विशिष्ट लोक अदालत''
राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ
अपील संख्या- 1592/2003
एक्जीक्यूटिव इंजीनियर इलेक्ट्रिसिटी डिस्ट्रीब्यूशन डिवीजन बनाम मोहम्मद फुरकान
दिनांक: 25.01.2023
माननीय न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील आज '' विशिष्ट लोक अदालत '' में सूचीबद्ध की गयी, जो इस न्यायालय के सम्मुख जिला उपभोक्ता आयोग, रायबरेली द्वारा परिवाद संख्या- 352/1999 मोहम्मद फुरकान बनाम अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड व अन्य में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 15.03.2003 के विरूद्ध योजित की गयी है। प्रस्तुत अपील विगत लगभग 21 वर्षों से लम्बित है।
जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा निम्न आदेश पारित किया गया:-
" परिवाद इस आशय का स्वीकृत किया जाता है कि विपक्षी संख्या-1 परिवादी से मु0 46,047/- रू० (छियालिस हजारा सैंतालिस रूपये) की वसूली नब्बे दिन में करे।"
प्रस्तुत अपील जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त आदेश के विरूद्ध योजित की गयी है।
मेरे द्वारा अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्ता श्री दीपक मेहरोत्रा को सुना गया तथा जिला आयोग द्वारा पारित प्रश्नगत निर्णय एवं आदेश तथा पत्रावली पर उपलब्ध समस्त प्रपत्रों का परिशीलन एवं परीक्षण किया गया। प्रत्यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है।
जिला आयोग द्वारा पारित उपरोक्त आदेश के परिशीलन से यह पाया गया कि एक ओर तो जिला आयोग ने परिवाद स्वीकार किया जाना
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उल्लिखित किया है दूसरी ओर अपीलार्थी/विपक्षी संख्या-1 अर्थात अधिशाषी अभियन्ता विद्युत वितरण खण्ड को आदेशित किया है कि वह परिवादी से मु0 46,047/- रू० (छियालिस हजारा सैंतालिस रूपये) की वसूली नब्बे दिन की अवधिे में करें।
प्रश्न यह है कि उक्त आदेश जब अपीलार्थी/विपक्षी के पक्ष में है तब अपीलार्थी द्वारा उपरोक्त धनराशि परिवादी से 90 दिन की अवधि में अवश्य वसूल की गयी होगी। पत्रावली पर ऐसा कोई प्रपत्र उपलब्ध नहीं है जिससे उपरोक्त तथ्यों का परीक्षण किया जा सके। तदनुसार प्रस्तुत अपील अंतिम रूप से निस्तारित करते हुए अपीलार्थी को आदेशित किया जाता है कि जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश का अनुपालन विधि अनुसार सुनिश्चित किया जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।.
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार)
अध्यक्ष
कृष्णा–आशु0 कोर्ट नं0 1