राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।
(मौखिक)
अपील संख्या:-550/2022
(जिला उपभोक्ता आयोग, बाराबंकी द्धारा परिवाद सं0-100/2014 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.3.2019 के विरूद्ध)
डेल इण्टरनेशनल सर्विस इण्डिया प्रा0लि0, रजिस्टर्ड आफिस 12/1, 12/2ए, 13/1ए, दिव्य श्री ग्रीन्स, चाललांघता विलेज वर्थुर हुबली बैंगलोर, कर्नाटक 560036 द्वारा अधिकृत प्रतिनिधि।
........... अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2
बनाम
1- मोहम्मद फरजान द्वारा संरक्षिका श्रीमती अर्शी तबस्सुम, निवासिनी मोहल्ला रफीनगर मकान नं0 डी0पी0/718 निकट नई मस्जिद देवा रोड़ नवाबगंज, जिला बाराबंकी।
…….. प्रत्यर्थी/परिवादी
2- मैसर्स इन्फोन्ट टेक्नोलॉजी (द्वारा प्रोपराइटर) दुकान नं0-100 इन्दिरा मार्केट निकट छाया सिनेमा, जिला बाराबंगी द्वारा प्रोपराइटर।
…….. प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1
समक्ष :-
मा0 न्यायमूर्ति श्री अशोक कुमार, अध्यक्ष
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य
अपीलार्थी के अधिवक्ता : श्री विवेक कुमार राय
प्रत्यर्थी के अधिवक्ता : कोई नहीं।
दिनांक :- 22-11-2022
मा0 श्री सुशील कुमार, सदस्य द्वारा उदघोषित
निर्णय
प्रस्तुत अपील, अपीलार्थी/ विपक्षी सं0-2 डेल इण्टरनेशनल सर्विस इण्डिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा इस आयोग के सम्मुख धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग, बाराबंकी द्वारा परिवाद सं0-100/2014 मोहम्मद फरजान बनाम मैसर्स इन्फोन्ट टेक्नोलॉजी व एक अन्य में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 27.03.2019 के विरूद्ध योजित की गई है।
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परिवाद के तथ्यों के अनुसार प्रत्यर्थी/परिवादी द्वारा एक कम्प्यूटर सिस्टम अंकन 24,100.00 रू0 में दिनांक 28.10.2013 को क्रय किया गया था एवं इस सिस्टम को क्रय करने के लिए ऋण प्राप्त किया गया, परन्तु मानीटर ने कार्य करना बन्द कर दिया एवं मानीटर को मैकेनिक भी ठीक नहीं कर सका और दुकान पर ले जाकर ठीक कराने का प्रयास किया गया, परन्तु उसके बावजूद भी मानीटर ने ठीक से कार्य नहीं किया। कम्प्यूटर की वारण्टी एक वर्ष की थी। दिनांक 12.9.2014 को अपीलार्थी/विपक्षी की दुकान पर मानीटर छोड़ दिया गया, जिसे अपीलार्थी/विपक्षी द्वारा प्राप्त किया गया और बाद में बताया गया कि स्क्रीन डैमेज हो गई है। गारण्टी की अवधि में कम्प्यूटर को सही नहीं किया गया, इसलिए विधिक नोटिस भेजी गई और बाद में परिवाद प्रस्तुत किया गया।
प्रत्यर्थी/विपक्षी द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि प्रत्यर्थी/परिवादी को कम्प्यूटर सिस्टम विक्रय किया गया था, परन्तु यह कथन किया गया कि प्रत्यर्थी/विपक्षी सं0-1 की कोई भूमिका नहीं है, क्योंकि कम्प्यूटर का सामान निर्माता कम्पनी द्वारा दिया जाता है। अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 ने भी मानीटर के सम्बन्ध में झूठी शिकायत करने का कथन किया है।
सभी पक्षकारों के साक्ष्य पर विचार करने के उपरांत जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा यह निष्कर्ष दिया गया कि कम्प्यूटर का मानीटर क्षतिग्रस्त हुआ है, जिसके लिए अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 उत्तरदायी है, तद्नुसार अपीलार्थी/विपक्षी सं0-2 के विरूद्ध आदेश दिया गया है कि 30 दिन के अन्दर मानीटर उपलब्ध कराये या वर्तमान कीमत अदा करें। 30 दिन के अन्दर आदेश का अनुपालन न करने पर 100.00 रू0 प्रतिदिन की क्षतिपूर्ति अदा का आदेश दिया गया है।
अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्ता का यह तर्क है कि वे तुरन्त आदेश का अनुपालन करने के लिए तत्पर है, परन्तु क्षतिपूर्ति धनराशि अत्यधिक ऊंची दर से निर्धारित की गई है। इस पीठ का भी मत है कि 100.00 रू0 प्रतिदिन की दर से
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जो दण्ड अधिरोपित किया गया है, वह अत्यधिक है, इसलिए इस पीठ द्वारा यह आदेश दिया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी आज से 30 दिन के अन्दर इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें और इस मध्य प्रत्यर्थी/परिवादी को बतौर क्षतिपूर्ति 100.00 रू0 प्रतिदिन के स्थान पर कुल धनराशि 20,000.00 रू0 प्राप्त कराये।
आदेश
प्रस्तुत अपील आंशिक रूप से स्वीकार की जाती है। जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि अपीलार्थी/विपक्षी इस निर्णय के 30 दिन के अन्दर जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करें, तब 100.00 रू0 प्रतिदिन के स्थान पर केवल 20,000.00 रू0 क्षतिपूर्ति अदा करें और यदि 30 दिन के अन्दर अनुपालन नहीं किया गया, तब जिला उपभोक्ता आयोग द्वारा पारित आदेश ही प्रभावी रहेगा।
धारा-41 उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 2019 के अन्तर्गत अपील में जमा धनराशि रू0 25,000.00 मय अर्जित ब्याज सहित सम्बन्धित जिला उपभोक्ता आयोग को विधिनुसार निस्तारण हेतु प्रेषित की जावे।
आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस आदेश को आयोग की बेवसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।
(न्यायमूर्ति अशोक कुमार) (सुशील कुमार)
अध्यक्ष सदस्य
हरीश आशु.,
कोर्ट नं0-1