Uttar Pradesh

StateCommission

A/352/2020

Pachimanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd - Complainant(s)

Versus

Mohd. Akram - Opp.Party(s)

Isar Husain

09 Dec 2022

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/352/2020
( Date of Filing : 16 Oct 2020 )
(Arisen out of Order Dated 21/09/2020 in Case No. C/2018/149 of District Muradabad-I)
 
1. Pachimanchal Vidyut Vitran Nigam Ltd
Through its Executive Engineer EUDD Front of Ambedkar Paark Civil Line Moradabad U.P.
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd. Akram
S/O Sri Abdul lateef R/O Naie Basti Feel Khana Distt. Moradabad
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR PRESIDENT
 HON'BLE MR. Vikas Saxena JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 09 Dec 2022
Final Order / Judgement

 

( मौखिक )

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0 लखनऊ।

अपील संख्‍या: 352/2020

(जिला उपभोक्‍ता आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या- 149/2018 में पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 21-09-2020 के विरूद्ध)

 

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा एक्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर ईयूडीडी ।।, अम्‍बेडकर पार्क के सामने सिविल लाइन्‍स मुरादाबाद, उ०प्र०

  •                                     

बनाम्

मोहम्‍मद अकरम पुत्र श्री अब्‍दुल लतीफ, निवासी- नई बस्‍ती, फील खाना जिला मुरादाबाद।

  •                                          

     समक्ष- 

     माननीय न्‍यायमूर्ति श्री अशोक कुमार,अध्‍यक्ष।

      माननीय श्री विकास सक्‍सेना, सदस्‍य

     उपस्थिति :

     अपीलार्थी की ओर से उपस्थित-  विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन

     प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित- कोई उपस्थित नहीं।

दिनांक : 09-12-2022

 

माननीय श्री विकास सक्‍सेना सदस्‍य द्वारा उदघोषित

  •  

       प्रस्‍तुत अपील, अपीलार्थी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा विद्वान जिला आयोग, प्रथम मुरादाबाद द्वारा परिवाद संख्‍या- 149/2018 मोहम्‍मद अकरम बनाम पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक- 21-09-2020 के विरूद्ध इस आयोग के समक्ष योजित की गयी है।

    

2

      अपील के निर्णय हेतु संक्षिप्‍त सुसंगत तथ्‍य इस प्रकार हैं कि परिवादी ने विपक्षी से एक विद्युत कनेक्‍शन संख्‍या- 106591 बुक संख्‍या- 2681 स्‍वीकृत भार 2.00 एच.पी. एमएमवी 06 प्राप्‍त किया था। उपरोक्‍त कनेक्‍शन परिवादी की दुकान पर स्‍थापित है। उक्‍त दुकान वर्ष 2018 में ईद के अवसर पर 15 दिन तक बन्‍द रही। दिनांक 16-07-2018 को दो अज्ञात व्‍यक्तियों ने आकर उसे बताया कि दिनांक 26-06-2018 को विद्युत चेकिंग हुयी थी और परिवादी के यहॉं भी विद्युत चोरी बतायी गयी। तब परिवादी ने विपक्षी से सम्‍पर्क किया और उनके यहॉं आवेदन प्रस्‍तुत कर विद्युत चोरी की घटना से इन्‍कार किया। विद्युत बिल में अंकन 24,727/-रू० परिवादी के ऊपर देय दर्शाया गया है जिसमें 21,786/-रू० की अवैध धनराशि जोड़ी गयी है। अत: परिवादी ने उपरोक्‍त गलत बिल की धनराशि को निरस्‍त किये जाने हेतु परिवाद जिला आयोग के समक्ष प्रस्‍तुत किया है।

     विपक्षी को नोटिस जारी की गयी परन्‍तु विपक्षी की ओर से नोटिस का तामीला पर्याप्‍त माने जाने के बाद भी कोई उपस्थित नहीं हुआ है अतएव जिला आयोग द्वारा विपक्षी विद्युत विभाग के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से सुनवाई करते हुए निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

      " परिवादी का परिवाद विपक्षी के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार किया जाता है तथा परिवादी के कनेक्‍शन- 106591 बुक संख्‍या- 2681 पर विपक्षी के द्वारा निर्गत बिल दिनांकित 23-09-2018 जो कुल अंकन 24,727/-रू० का है में जोड़ी गयी धनराशि 21,786/-रू० की मांग को निरस्‍त किया जाता है। विपक्षी को आदेशित किया जाता है कि वह इस बिल में से 21,786/-रू० को घटाकर नया बिल याची को इस आदेश की तिथि से 15 दिन के अन्‍दर उपलब्‍ध कराएं। याची संशोधित बिल प्राप्‍त होने के 15 दिन के अन्‍दर संशोधित बिल के अनुसार विपक्षी को भुगतान करें और बिल का भुगतान होने के 7 दिन के अन्‍दर विपक्षी याची के

 

3

विद्युत संयोजन को पुन: स्‍थापित करके विद्युत प्रवार की निरन्‍तरता बनाए   रखे। "

    जिला आयोग के निर्णय से क्षुब्‍ध होकर विपक्षी द्वारा प्रस्‍तुत अपील योजित की गयी है।

    प्रश्‍नगत निर्णय के अवलोकन से यह स्‍पष्‍ट होता है कि परिवादी का परिवाद विपक्षी विद्युत विभाग के विरूद्ध एकपक्षीय रूप से स्‍वीकार करते हुए उपरोक्‍त आदेश पारित किया गया है एवं परिवादी द्वारा मांगे गये अन्‍य अनुतोष को अस्‍वीकार किया गया है।

    इस सम्‍बन्‍ध में अपीलार्थी की ओर से उपस्थित विद्वान अधिवक्‍ता श्री इशार हुसैन द्वारा अपीलार्थी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लि0 द्वारा विद्युत चेकिंग रिपोर्ट दिनांक 26-06-2018 की प्रतिलिपि प्रस्‍तुत की गयी है जिसमें परिवादी मोहम्‍मद अकरम के परिसर में चोरी से चलता हुआ विद्युत कनेक्‍शन पाया गया है।

      स्‍वयं परिवादी ने अपने परिवाद पत्र में यह तथ्‍य स्‍वीकार किया है कि दिनांक 16-07-2018 को दो अज्ञात व्‍यक्तियों  ने आकर उसे बताया कि दिनांक 26-06-2018 को लगभग 1.00 बजे दोपहर में विद्युत विभाग द्वारा चेंकित की गयी। अत: परिवादी की यह स्‍वीकृति उपरोक्‍त विद्युत चेंकित रिपोर्ट की पुष्टि करती है। विद्युत चेकिंग रिपोर्ट के उपरान्‍त 21,786/-रू० को अवैधानिक धनराशि के रूप में दर्शाया गया है। प्रस्‍तुत मामला सीधे विद्युत कर निर्धारण से है जो विद्युत अधिनियम के परिप्रेक्ष्‍य में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा यू०पी० पावर कारपोरेशन लि0 व अन्‍य बनाम अनीस अहमद में प्रकाशित ।।। (2013) सी०पी०जे० 1 (एस०सी०) सन्‍दर्भित किया गया जिसमें विद्युत अधिनियम की धारा-2003 की उपधारा 126 -140 में विद्युत निर्धारण के मामले में उपभोक्‍ता न्‍यायालय में परिवाद सन्‍धारणीय नहीं है। प्रस्‍तुत मामले में माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय के उपरोक्‍त निर्णय को दृष्टिगत रखते हुए उपभोक्‍ता परिवाद उपभोक्‍ता

4

 

न्‍यायालय के सम्‍मुख पोषणीय नहीं माना जा सकता है। विद्वान जिला आयोग द्वारा उपरोक्‍त माननीय सर्वोच्‍च न्‍यायालय द्वारा पारित निर्णय को अनदेखा करते हुए परिवाद स्‍वीकार किया गया जो अपास्‍त होने योग्‍य है।

   उपरोक्‍त तथ्‍यों को दृष्टिगत रखते हुए परिवादी को कोई अनुतोष उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम के अन्‍तर्गत नहीं दिलाया जा सकता है तदनुसार प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

                     आदेश

प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश अपास्‍त करते हुए परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

           उभय पक्ष अपना-अपना वाद व्‍यय स्‍वंय वहन करेंगे।

     आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दें।

 

              (न्‍यायमूर्ति अशोक कुमार)                 (विकास सक्‍सेना)        

                    अध्‍यक्ष                                     सदस्‍य                      

 

    कृष्‍णा, आशु0 कोर्ट नं0-1

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. JUSTICE ASHOK KUMAR]
PRESIDENT
 
 
[HON'BLE MR. Vikas Saxena]
JUDICIAL MEMBER
 

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.