Uttar Pradesh

StateCommission

R/2002/24

UPPCL - Complainant(s)

Versus

Mohd Yaseen - Opp.Party(s)

Isar Husain

15 Jul 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. R/2002/24
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. UPPCL
Meerut
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd Yaseen
Meerut
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Jugul Kishor MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                   (सुरक्षित)

पुनरीक्षण संख्‍या :24/2002

(जिला मंच, मेरठ द्धारा परिवाद सं0-303/2001 में पारित प्रश्‍नगत आदेश दिनांक 06.02.2002 के विरूद्ध)

1        Superintending Engineer, Electricity Distribution Circle, UPSEB, now U.P. Power Corporation Limited, Saket, Meerut.

2        Executive Engineer, Electricity Distribution Division-II, UPSEB now U.P. Power Corporation Limited, Victoria Park, Meerut.

                                                           ........... Revisionists

Versus        

1        Mohammad Yamin son of Bundu.

2        Nazar son of Chawwa.(Both residents of Khirwa Jalalpur, Post Office Khaas, Tehsil Sardhana, Distt, Meerut.

                                                       .......... Respondents

समक्ष :-

मा0 श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य

मा0 श्री जुगुल किशोर, सदस्‍य

पुनरीक्षणकर्ता के अधिवक्‍ता     :     श्री इसार हुसैन

प्रत्‍यर्थी के अधिवक्‍ता          :     कोई नहीं।

दिनांक :01-10-2015

          मा0 श्री जे0एन0 सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

            परिवाद सं0 303/2001 मो0 यामिन व अन्‍य बनाम अधिक्षण अभियंता, विद्युत विभाग, मेरठ व अन्‍य में जिला मंच, मेरठ द्वारा दिनांक 06.02.2002 को अंतरिम आदेश पारित करते हुए विपक्षी/पुनरीक्षणकर्ता को आदेशित किया गया कि वह प्रश्‍नगत बिजली का बिल ग्रामीण फीडर के निर्धारित दर के अनुसार संशोधित करें, जिसके फलस्‍वरूप परिवादी द्वारा बिल की धनराशि जमा की जाय और तत्‍पश्‍चात दिनांक 06.3.2002 की तिथि अग्रिम आदेश हेतु नियत की गई, से क्षुब्‍ध होकर वर्तमान पुनरीक्षण योजित किया गया है।

पुनरीक्षणकर्ता की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री इसार हुसैन उपस्थित आये। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता को विस्‍तार पूर्वक सुना गया तथा प्रश्‍नगत आदेश व उपलब्‍ध अभिलेखों का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

 

-2-

पुनरीक्षणकर्ता के विद्वान अधिवक्‍ता द्वारा Morgan Stanley Mutual Fund Vs. Kartick Das 1994 (2) CPJ Page-1 की ओर ध्‍यान आकर्षित किया गया, जिसमें मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा यह व्‍यवस्‍था दी गई है कि उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम, 1986 की धारा-14 में अंतरिम स्‍थगन आदेश पारित किये जाने का कोई प्रविधान नहीं है, अत: विशेष परिस्थितियों में ही अंतरिम निषेधाज्ञा जारी किया जाना चाहिए। वर्तमान प्रकरण में जिला मंच द्वारा ग्रामीण फीडर के रेट के अनुसार बिल संशोधित किये जाने हेतु आदेशित किया गया है, जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है, क्‍योंकि इस संदर्भ में परिवाद में अनुतोष मॉगा गया और अंतरिम आदेश के माध्‍यम से परिवाद में जो अनुतोष मॉगा गया है, उसे प्रदान किया जाना विधि सम्‍मत नहीं है एवं ग्रामीण क्षेत्र की दर के अनुसार बिल संशोधित किये जाने का आदेश दिया गया है, जो किसी भी दृष्टिकोण से उचित नहीं है, अत: जिला मंच द्वारा अपने अधिकार का सही प्रकार से प्रयोग नहीं किया गया एवं अंतरिम निषेधाज्ञा प्रदान किये जाने का पर्याप्‍त और उचित आधार वर्तमान प्रकरण में नहीं पाया जाता है। मा0 उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा प्रतिपादित सिद्धांत को देखते हुए प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त किये जाने योग्‍य है

तद्नुसार पुनरीक्षण स्‍वीकार किये जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत पुनरीक्षण स्‍वीकार करते हुए जिला मंच, मेरठ द्वारा परिवाद सं0 303/2001 मो0 यामिन व अन्‍य बनाम अधिक्षण अभियंता, विद्युत विभाग, मेरठ व अन्‍य में पारित आदेश दिनांक 06.02.2002 अपास्‍त किया जाता है। 

             (जे0एन0 सिन्‍हा)                   (जुगुल किशोर)

             पीठासीन सदस्‍य                      सदस्‍य

 

हरीश आशु.,

कोर्ट सं0-3

 

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Jugul Kishor]
MEMBER

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