Uttar Pradesh

StateCommission

A/2009/1009

Union Of India - Complainant(s)

Versus

Mohd Taslim - Opp.Party(s)

U K Bajpai

06 Jan 2017

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2009/1009
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. Union Of India
a
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd Taslim
a
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
Dated : 06 Jan 2017
Final Order / Judgement

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

सुरक्षित

अपील संख्‍या-1009/2009

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, रामपुर द्वारा परिवाद संख्‍या-126/05 में पारित आदेश दिनांक 22.05.2009 के विरूद्ध)

1. यूनियन आफ इंडिया द्वारा जनरल मैनेजर, एन.रेलवे, बड़ोदा

हाउस, नई दिल्‍ली।

2. डी.आर.एम. नार्दन रेलवे, मुरादाबाद।

3. स्‍टेशन मास्‍टर, रेलवे स्‍टेशन रामपुर।            .........अपीलार्थी@विपक्षीगण

बनाम्

मोहम्‍मद तस्‍लीम पुत्र श्री अबसुल हलीम निवासी इमली बटानिया,

पी.एस.-कोतवाली, जिला रामपुर।                     ........प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

1. मा0 श्री उदय शंकर अवस्‍थी, पीठासीन सदस्‍य।

2. मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित    : श्री उमेश कुमार वाजपेयी, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित     :श्री जी0पी0 जैन, विद्वान अधिवक्‍ता।

दिनांक 17.02.2017

मा0 श्री राज कमल गुप्‍ता, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

      प्रस्‍तुत अपील जिला उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष फोरम रामपुर के परिवाद संख्‍या 126/05 में पारित निर्णय एवं आदेश दि. 22.05.09 के विरूद्ध योजित की गई है। जिला मंच द्वारा निम्‍न आदेश पारित किया गया:-

      '' इस परिवाद को रू. 2000/- वाद व्‍यय के साथ आंशिक रूप से स्‍वीकार करते हुए विपक्षीगण को आदेशित किया जाता है कि एक माह के अवधि में वे क्षतिपूर्ति के रूप में रू. 10000/- तथा बण्‍डल के मूल्‍य के रूप में रू. 58075/- का भुगतान करें। त्रुटि के स्थिति में उपरोक्‍त समस्‍त धनराशियों पर दिनांक 22.09.2003 से भुगतान करने के तिथि तक 8 प्रतिशत वार्षिक दर से ब्‍याज भी देय हो जाएगा।''

      संक्षेप में तथ्‍य इस प्रकार है कि परिवादी ने दि. 22.09.2003 को रामपुर रेलवे स्‍टेशन से रू. 58075/- के मूल्‍य का माता जी के चुन्नियो का एक बण्‍डल दरियागंज के पते पर पुरानी दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन हेतु रसीद संख्‍या 760545 दिनांक 22.09.2003 के अंतर्गत बुक कराया, उसके कुछ दिनों के उपरांत जब वह पुरानी दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन गया तो वहां उक्‍त बण्‍डल उसे

 

 

-2-

प्राप्‍त नहीं हुआ, जिसके पश्‍चात वह पुन: दो अवसरों पर वहां गया तथापि उसे उक्‍त बण्‍डल प्राप्‍त नहीं हुआ।

      पीठ ने उभय पक्ष के विद्वान अधिवक्‍ताओं की बहस को सुना गया एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों एवं साक्ष्‍यों का भलीभांति परिशीलन किया गया।

      अपीलार्थी का कथन है कि यह प्रकरण रेलवे क्‍लेम से संबंधित है और जिला उपभोक्‍ता फोरम को इस प्रकरण का सुनने का क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं था। अपीलार्थी ने अपने कथन के समर्थन में मा0 राष्‍ट्रीय आयोग द्वारा निर्णीत रिवीजन पिटीशन संख्‍या 346/09 जनरल मैनेजर(कामर्शियल) नार्दन रेलवे बनाम मेसर्स शिम्‍फनी मार्केटिंग प्रा0लि0 पर विश्‍वास व्‍यक्‍त किया है।

      प्रत्‍यर्थी का कथन है कि उपभोक्‍ता अदालतों को इस तरह के प्रकरण को सुनने का पूर्णतया अधिकार है और जिला मंच का निर्णय विधिसम्‍मत है।

      साक्ष्‍यों से यह स्‍पष्‍ट है कि इस प्रकरण में परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने रामपुर रेलवे स्‍टेशन से चुनरियों का एक बंडल पुरानी दिल्‍ली रेलवे स्‍टेशन के लिए बुक कराया था जो उसे प्राप्‍त नहीं हुआ। रेल दावा प्राधिकरण अधिनियम 1987 की धारा 15 के अनुसार ऐसे प्रकरणों में किसी अन्‍य न्‍यायालय और प्राधिकारी को सुनने का अधिकार नहीं है। रेल दावा प्राधिकरण अधिनियम 1987 उपभोक्‍ता संरक्षण अधिनियम 1986 के पश्‍चाता लागू हुआ था। रेल दावा प्राधिकरण की धारा 28 के अनुसार यह अधिनियम अन्‍य अधिनियम पर अधिभावी प्रभाव(Overr iding Effect) रखता है।

      उपरोक्‍त विधि व्‍यवस्‍था के दृष्टिगत परिवाद जिला मंच के समक्ष पोषणीय नहीं था। अत: पीठ इस प्रकरण में गुणदोष पर बिना किसी टिप्‍पणी के परिवाद को पोषणीय नहीं पाती है। अपील स्‍वीकार किए जाने तथा जिला मंच का निर्णय निरस्‍त किए जाने योग्‍य है।

आदेश

     प्रस्‍तुत अपील स्‍वीकार की जाती है तथा जिला मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश दि. 22.05.2009 निरस्‍त किया जाता है। परिवादी सक्षम न्‍यायालय/प्राधिकरण में वाद दायर करने के लिए स्‍वतंत्र होगा। जिला मंच को निर्देशित किया जाता है कि वे परिवादी को नियमानुसार परिवाद पत्र वापस करे।

 

 

 

-3-

      उभय पक्ष अपना-अपना अपीलीय व्‍यय स्‍वयं वहन करेंगे।

      निर्णय की प्र‍तिलिपि पक्षकारों को नियमानुसार उपलब्‍ध कराई जाए।

 

 

      (उदय शंकर अवस्‍थी)                                 (राज कमल गुप्‍ता)

        पीठासीन सदस्‍य                                      सदस्‍य

राकेश, आशुलिपिक

      कोर्ट-4

 

 
 
[HON'BLE MR. Udai Shanker Awasthi]
PRESIDING MEMBER
 
[HON'BLE MR. Raj Kamal Gupta]
MEMBER

Consumer Court Lawyer

Best Law Firm for all your Consumer Court related cases.

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!
5.0 (615)

Bhanu Pratap

Featured Recomended
Highly recommended!

Experties

Consumer Court | Cheque Bounce | Civil Cases | Criminal Cases | Matrimonial Disputes

Phone Number

7982270319

Dedicated team of best lawyers for all your legal queries. Our lawyers can help you for you Consumer Court related cases at very affordable fee.