Uttar Pradesh

StateCommission

A/2006/2449

UPPCL - Complainant(s)

Versus

Mohd Tariq - Opp.Party(s)

Deepak Mehrotra

06 Jul 2015

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2006/2449
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District )
 
1. UPPCL
Aligarh
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd Tariq
Aligarh
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha PRESIDING MEMBER
 
For the Appellant:
For the Respondent:
ORDER

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ।

                                                         मौखिक

अपील संख्‍या-2449/2006

 

(जिला उपभोक्‍ता फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या-86/2004 में पारित प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.05.2006 के विरूद्ध)

 

यूपीएसईबी द्वारा एग्‍जीक्‍यूटिव इंजीनियर, अर्बन इलेक्ट्रिसिटी डिस्‍ट्रीब्‍यूशन डिवीजन प्रथम, उदय सिंह जैन रोड, अलीगढ़।

      अपीलार्थी/विपक्षी

बनाम्~

मोहम्‍मद तारिक पुत्र श्री शब्‍बीर अहमद, निवासी चन्‍दन शाहिद रोड, अलीगढ़।

प्रत्‍यर्थी/परिवादी

समक्ष:-

माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा, पीठासीन सदस्‍य।

 

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित     : दीपक मेहरोत्रा, विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित       : काई नहीं।

दिनांक 06.07.2015

माननीय श्री जितेन्‍द्र नाथ सिनहा, पीठासीन सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

वर्तमान अपील, विपक्षी/अपीलार्थी की ओर से परिवाद संख्‍या-86/2004, मोहम्‍मद तारिक बनाम अधिशासी अभियन्‍ता में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 18.05.2006, जिसके माध्‍यम से जिला फोरम द्वारा निम्‍नवत् आदेश पारित किया गया है :-

'' परिवाद सव्‍यय स्‍वीकार किया जाता है। विपक्षी द्वारा जारी डिमाण्‍ड नोटिस 26,437/- रूपये 78 पैसे निरस्‍त किया जाता है। विपक्षी को निर्देश दिया जाता है कि वह मियांद अन्‍दर 30 दिन मीटर रीडिंग के आधार पर विपक्षी को नया बिल जारी करें। परिवादी विपक्षी से 500/- रूपये बतौर वाद व्‍यय भी पाने का अधिकारी है। '' 

अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित हैं। प्रत्‍यर्थी की ओर से काई उपस्थित नहीं हैं। प्रत्‍यर्थी को पंजीकृत डाक के माध्‍यम से नोटिस निर्गत किया गया था, परन्‍तु उनकी ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अत: प्रत्‍यर्थी पर सूचना पर्याप्‍त स्‍वीकार करते हुए विद्वान अधिवक्‍ता अपीलार्थी को विस्‍तार से सुना गया एवं प्रश्‍नगत निर्णय एवं अभिलेख का गम्‍भीरता से परिशीलन किया गया।

     प्रकरण के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी/प्रत्‍यर्थी ने एक विद्युत कनेक्‍शन 09 हार्सपावर का परिवार की जीवकोपार्जन के लिए लिया था। दिनांक 16.05.2002 को विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा परिवादी के कनेक्‍शन की चेकिंग की गयी, जिसमें परिवादी का विद्युत  भार  सही  पाया, किन्‍तु विपक्षी/अपीलार्थी ने फर्जी चेकिंग दिनांक 22.10.2002 के

आधार पर गलत रूप से अंकन 26,437/- रूपये 78 पैसे की मांग की गयी तथा विपक्षी ने कथित चेकिंग में स्‍वीकृत भार से कितना अधिक भार प्रयोग हो रहा है इसका उल्‍लेख नहीं किया,  जिसके सम्‍बन्‍ध में परिवादी ने लिखित शिकायत की, परन्‍तु कोई कार्यवाही नहीं हुई,

 

 

-2-

जिससे क्षुब्‍ध होकर प्रश्‍नगत परिवाद योजित किया गया।

विपक्षी/अपीलार्थी द्वारा जिला फोरम के समक्ष परिवाद पत्र का विरोध करते हुए अभिवचित किया गया कि परिवाद गलत तथ्‍यों के आधार पर प्रस्‍तुत किया गया है। दिनांक 22.10.2002 को परिवादी/उपभोक्‍ता की मौजूदगी में विभाग द्वारा चेकिंग की गयी और वह स्‍वीकृत भार से 2.625 भार ज्‍यादा इस्‍तेमाल करते हुए पाया गया। परिवादी ने चेकिंग रिपोर्ट में हस्‍ताक्षर करने से इंकार कर दिया। अत: परिवादी 26,437/- रूपये 78 पैसे अदा करने के लिए बाध्‍य है। परिवाद जिला फोरम के समक्ष पोषणीय नहीं है, जो सव्‍यय निरस्‍त होने योग्‍य है।

 जिला फोरम द्वारा उभय पक्ष के अभिवचनों के आधार पर उपरोक्‍त निर्णय एवं आदेश पारित किया गया।

अपीलार्थी द्वारा उपरोक्‍त निर्णय एवं ओदश से क्षुब्‍ध होकर वर्तमान अपील योजित की गयी है। अपीलार्थी की ओर से विद्वान अधिवक्‍ता श्री दीपक मेहरोत्रा उपस्थित हैं, उन्‍हें विस्‍तार से सुनने एवं पत्रावली पर उपलब्‍ध अभिलेखों का परिशीलन करने के उपरान्‍त यह पाया गया कि मामलें में स्‍वीकृत भार से अधिक भार का प्रयोग परिवादी/प्रत्‍यर्थी द्वारा किया जाना पाया गया, जिसके फलस्‍वरूप चेकिंग रिपोर्ट के आधार पर आंकलन किया गया और यह पाया गया कि मामला उच्‍चतम न्‍यायालय द्वारा द्वारा यू0पी0 पावर कारपोरेशन लि0 व अन्‍य बनाम अनीस अहमद III 2013 CPJ 1 (SC) में प्रतिपादित सिद्धान्‍त को देखते हुए ऐसे प्रकरणों में उपभोक्‍ता फोरम को क्षेत्राधिकार प्राप्‍त नहीं है। अत: प्रश्‍नगत आदेश विधि अनुकूल नहीं है और ऐसे आदेश का कोई न्‍यायिक महत्‍व नहीं है।

प्रश्‍नगत निर्णय एवं आदेश दिनांक 18.05.2006 के विरूद्ध वर्तमान अपील दिनांक 27.09.2006 को योजित की गयी है। इस प्रकार वर्तमान अपील कालबाधित है, परन्‍तु विद्वान अधिवक्‍ता को विलम्‍ब पर विस्‍तार से सुनने एवं पत्रावली के परिशीलन से पाया गया कि प्रश्‍नगत विद्युत कनेक्‍शन कार्मशियल कनेक्‍शन है एवं क्षेत्राधिकार से परे है। ऐसी स्थिति में प्रस्‍तुत अपील योजित किये जाने में हुए विलम्‍ब को क्षमा किया जाता है। पत्रावली का परिशीलन करने के उपरान्‍त यह पाया गया कि जिला फोरम द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश विधिक आदेश की श्रेणी नहीं आता है। तदनुसार प्रश्‍नगत आदेश अपास्‍त होने एवं अपील स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

 

अपील स्‍वीकार की जाती है। जिला फोरम, अलीगढ़ द्वारा परिवाद संख्‍या-86/2004, मोहम्‍मद तारिक बनाम अधिशासी अभियन्‍ता में पारित निर्णय/आदेश दिनांकित 18.05.2006 अपास्‍त करते हुए परिवाद निरस्‍त किया जाता है।

 

 

                                        (जितेन्‍द्र नाथ सिन्‍हा)                      

                                             पीठासीन सदस्‍य                              

लक्ष्‍मन, आशु0

    कोर्ट-3

 
 
[HON'BLE MR. Jitendra Nath Sinha]
PRESIDING MEMBER

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