Uttar Pradesh

StateCommission

A/2003/393

N I A Co Ltd - Complainant(s)

Versus

Mohd Raja - Opp.Party(s)

Zafar Aziz

28 Oct 2024

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/2003/393
( Date of Filing : 15 Feb 2003 )
(Arisen out of Order Dated in Case No. of District State Commission)
 
1. N I A Co Ltd
Badaun
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd Raja
Jaunpur
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 28 Oct 2024
Final Order / Judgement

(मौखिक)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-393/2003

The New India Assurance Co. Ltd.

Vs.  

Mohd. Raja Major son of Mohd. Muneer Hasan & other

समक्ष:-                                                            

1. माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य।

2. माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य।

उपस्थिति:-

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित: श्री जफर अजीज, विद्धान अधिवक्‍ता

प्रत्‍यर्थी की ओर से उपस्थित: कोई नहीं

दिनांक :28.10.2024 

माननीय श्रीमती सुधा उपाध्‍याय, सदस्‍य द्वारा उदघोषित

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-74/1999, मोहम्‍मद रजा बनाम शाखा प्रबंधक न्‍यू इण्डिया इंश्‍योरेंस कम्‍पनी लि0 में विद्धान जिला उपभोक्‍ता आयोग, जौनपुर में पारित प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश दिनांक 13.01.2003 के विरूद्ध प्रस्‍तुत की गयी अपील पर केवल अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता के तर्क को सुना गया। परिवादी द्वारा परिवाद पत्र में दिये गये पते के अनुसार ही नोटिस की तामील करायी गयी है, परंतु परिवादी पर नोटिस की तामील नहीं हो पायी, चूंकि पता वही अंकित है, जो परिवादी द्वारा अपने परिवाद पत्र में दिया गया है, इसलिए तामील की उपधारणा की जाती है। प्रत्‍यर्थी की ओर से कोई उपस्थित नहीं है। प्रश्‍नगत निर्णय/आदेश एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

2.         परिवाद के तथ्‍यों के अनुसार वाहन सं0 यू0पी0 78/एन. 7460 का बीमा दिनांक 07.06.1998 तक वैध था। दिनांक 01.07.1997 की सायं करीब 5 बजे यह वाहन दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। इस वाहन की मरम्‍मत में 65,000/-रू0 खर्च हुआ। इसी राशि को प्राप्‍त करने के लिए बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया, परंतु बीमा कम्‍पनी द्वारा बीमा क्‍लेम नहीं दिया गया।

3.         बीमा कम्‍पनी का कथन है कि बीमा क्‍लेम प्राप्‍त होने पर सर्वेयर की नियुक्ति की गयी। सर्वेयर द्वारा अंकन 16,879/-रू0 की क्षति का आंकलन किया गया, जिसे भुगतान करने का प्रस्‍ताव दिया गया, परंतु यह राशि प्राप्‍त नहीं की गयी।

4.        जिला उपभोक्‍ता आयोग ने साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात अंकन 45,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश पारित किया गया।

5.          अपीलार्थी के विद्धान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि जिला उपभोक्‍ता आयोग ने 45,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आंकलन करने के लिए कोई बिन्‍दु विचार में नहीं लिया। सर्वेयर द्वारा अंकन 16,879/-रू0 का क्षति का आंकलन किया गया है। इस आंकलन को नकारने का कोई आधार जिला उपभोक्‍ता आयोग ने अपने निर्णय/आदेश में वर्णित नहीं किया है। निर्णय के अवलोकन से ज्ञात होता है कि अंकन 45,000/-रू0 की क्षतिपूर्ति पारित करने का आदेश देते समय इस बिन्‍दु पर यथार्थ में कोई विचार नहीं किया कि गाड़ी की मरम्‍मत कराते समय कितनी राशि खर्च की गयी और कितनी राशि की रसीद उनके समक्ष प्रस्‍तुत की गयी है, इसलिए केवल सर्वेयर द्वारा आंकलित क्षति की अदायगी का आदेश दिया जाना चाहिए। तदनुसार अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

         अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। जिला उपभोक्‍ता  मंच द्वारा पारित निर्णय/आदेश इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि विपक्षीगण, परिवादी को अंकन 45,000/-रू0 के स्‍थान पर अंकन 16,879/-रू0 अदा करेंगे। शेष निर्णय/आदेश पुष्‍ट रहेगा।

          उभय पक्ष अपना-अपना व्‍यय भार स्‍वंय वहन करेंगे।

प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि मय अर्जित ब्‍याज सहित संबंधित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

 आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय एवं आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

         

(सुधा उपाध्‍याय)(सुशील कुमार)

सदस्‍य सदस्‍य

 

 

   

     संदीप सिंह, आशु0 कोर्ट 2

 

 

 

 

 

         

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MRS. SUDHA UPADHYAY]
MEMBER
 

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