Uttar Pradesh

StateCommission

A/289/2018

Royal Sundaram General Insurance Co. Ltd - Complainant(s)

Versus

Mohd Raies - Opp.Party(s)

Dinesh Kumar

24 Mar 2023

ORDER

STATE CONSUMER DISPUTES REDRESSAL COMMISSION, UP
C-1 Vikrant Khand 1 (Near Shaheed Path), Gomti Nagar Lucknow-226010
 
First Appeal No. A/289/2018
( Date of Filing : 16 Feb 2018 )
(Arisen out of Order Dated 16/01/2018 in Case No. C/39/2016 of District Mathura)
 
1. Royal Sundaram General Insurance Co. Ltd
Channai
...........Appellant(s)
Versus
1. Mohd Raies
Mathura
...........Respondent(s)
 
BEFORE: 
 HON'BLE MR. Rajendra Singh PRESIDING MEMBER
 HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR JUDICIAL MEMBER
 
PRESENT:
 
Dated : 24 Mar 2023
Final Order / Judgement

                                                 (सुरक्षित)

राज्‍य उपभोक्‍ता विवाद प्रतितोष आयोग, उ0प्र0, लखनऊ

अपील संख्‍या-289/2018

(जिला आयोग, मथुरा द्वारा परिवाद संख्‍या-39/2016 में पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16.01.2018 के विरूद्ध)

                                    

रायल सुन्‍दरम एलाइन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0, सिग्‍नेचर टावर, 9वां तल, टावर सेकण्‍ड, साउथ सिटी-1, एनएच-8, गुरगांव, हरियाणा हेड आफिस रायल सुन्‍दरम एलाइन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0, सुन्‍दरम टावर्स, 45 व 46 वाईट रोड, चेन्‍नई 6000141 द्वारा आफिस-इन-चार्ज।

अपीलार्थी/विपक्षी सं0-1

                                               बनाम        

1.    मोहम्‍मद रईस पुत्र श्री सम्‍मी खां, स्‍थाई पता बालाजीपुरम, मोतीनगर कालोनी, तहसील व जिला मथुरा, अस्‍थाई पता 122, नन्‍दी सपना, डी.एल. रोड, देहरादून।

2.    विजय कुमार दीक्षित, एजेंट रायल सुन्‍दरम एलाइन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0, पी.बी. 11 रेलवे कालोनी, मथुरा।

       प्रत्‍यर्थीगण/परिवादी।विपक्षी सं0-2

समक्ष:-                           

1. माननीय श्री राजेन्‍द्र सिंह, सदस्‍य।

2. माननीय श्री सुशील कुमार , सदस्‍य।

अपीलार्थी की ओर से उपस्थित        : श्री दिनेश कुमार,

                                                        विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-1 की ओर से उपस्थित    : श्री संतोष कुमार मि‍श्रा,

       विद्वान अधिवक्‍ता।

प्रत्‍यर्थी सं0-2 की ओर से उपस्थित    : कोई नहीं।

दिनांक:   19.05.2023

माननीय श्री सुशील कुमार, सदस्‍य  द्वारा उद्घोषित                                                 

निर्णय

1.          परिवाद संख्‍या-39/2018, मोहम्‍मद रईस बनाम रायल सुन्‍दरम एलाइन्‍स जनरल इंश्‍योरेंस कंपनी लि0 तथा एक अन्‍य में विद्वान जिला आयोग, मथुरा द्वारा पारित निर्णय एवं आदेश दिनांक 16.01.2018 के विरूद्ध यह अपील विपक्षी संख्‍या-1 द्वारा प्रस्‍तुत की गई है। इस निर्णय एवं आदेश द्वारा विद्वान जिला आयोग ने परिवाद विपक्षी संख्‍या-1 के विरूद्ध अंशत: स्‍वीकार करते हुए बीमा कंपनी को आदेशित किया है कि वह वाहन की मरम्‍मत के बिल की राशि अंकन 4,91,849/-रू0 06 प्रतिशत ब्‍याज के साथ अदा करें तथा परिवाद व्‍यय के रूप में अंकन 4,000/-रू0 भी अदा करें।

2.         परिवाद के तथ्‍य संक्षेप में इस प्रकार हैं कि परिवादी की कार संख्‍या-यू.के. 85 बी.एच. 7086 दिनांक 6.10.2014 से दिनांक 5.10.2015 की अवधि के लिए बीमित थी। दिनांक 4.5.2015 को मथुरा फिरोजाबाद की यात्रा के दौरान दुर्घटना होने के कारण परिवादी की कार क्षतिग्रस्‍त हो गई, जिसे हॉण्‍डा वर्कशाप मथुरा में पहुँचाया गया तथा बीमा कंपनी के एजेंट को सूचना दी गई। वर्कशाप द्वारा अंकन 5,01,108/-रू0 का स्‍टीमेट बनाया गया। परिवादी द्वारा बीमा क्‍लेम प्रस्‍तुत किया गया। डी.एल. फर्जी नहीं पाया गया। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्‍त की गई सूचना के आधार पर जन्‍म तिथि भी सही पायी गयी, परन्‍तु बीमा क्‍लेम प्रदान नहीं किया गया, इसलिए उपभोक्‍ता परिवाद प्रस्‍तुत किया गया।

3.         बीमा कंपनी का कथन है कि दुर्घटना की सूचना मिलने के पश्‍चात श्री प्रदीप कुमार अग्रवाल, सर्वेयर को नियुक्‍त किया गया था, उनके द्वारा जांच के दौरान डी.एल. में भिन्‍नता पायी गयी थी। परिवादी के बायोमैट्रिक डी.एल. में जन्‍म तिथि दिनांक 30.4.1978 तथा वैधता तिथि दिनांक 25.5.2020 अंकित है और परिवहन कार्यालय में जो अभिलेख प्रस्‍तुत किए गए, उसमें जन्‍म तिथि दिनांक 1.6.1963 है। परिवादी द्वारा इस संबंध में स्‍पष्‍टीकरण नहीं दिया गया, इसलिए बीमा क्‍लेम अदा नहीं किया गया।

4.         दोनों पक्षकारों की साक्ष्‍य पर विचार करने के पश्‍चात विद्वान जिला आयोग ने यह निष्‍कर्ष दिया कि परिवादी ने बायोमैट्रिक डी.एल. की प्रति, भारत निर्वाचन आयोग के पहचान पत्र की प्रति, आधार कार्ड की प्रति तथा पैन कार्ड की प्रति प्रस्‍तुत की है। इन सभी अभिलेखों में परिवादी की जन्‍म तिथि दिनांक 30.4.1978 अंकित है, इसीलिए बायोमैट्रिक डी.एल. में जो तिथि अंकित है, वह सही है और इस आधार पर बीमा क्‍लेम नहीं नकारा जा सकता है। तदनुसार बीमा क्‍लेम अदा करने का आदेश पारित किया गया।

5.         इस निर्णय/आदेश को इन आधारो पर चुनौती दी गई है कि विद्वान जिला आयोग द्वारा अवैध अवार्ड पारित किया गया है, जो मात्र संभावनाओं और कल्‍पनाओं पर आधारित है। विद्वान जिला आयोग ने इस तथ्‍य पर विचार नहीं किया कि मोटर व्‍हीकिल एक्‍ट के तहत केवल एक डी.एल. जारी हो सकता है, परन्‍तु परिवादी द्वारा तीन डी.एल. प्राप्‍त किए गए, जिसमें भिन्‍न-भिन्‍न जन्‍म तिथि अंकित है। आर.टी.ओ. से जानकारी प्राप्‍त करने पर क्‍लेम बंद किया गया, जो ड्राइविंग लाइसेन्‍स क्‍लेम फार्म में अंकित किया गया था, वह दुर्घटना के समय वैध नहीं था, जिससे साबित है कि दिनांक 4.5.2015 को बीमित वाहन ऐसे व्‍यक्ति को सौंप दिया गया, जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेन्‍स नहीं था, यह कृत्‍य बीमा पालिसी की शर्तों का उल्‍लंघन है। विद्वान जिला आयोग ने प्रतिकर की राशि अत्‍यधिक उच्‍च दर से दिलाई है। अत: विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश अपास्‍त होने योग्‍य है।

6.         अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ता उपस्थित आए। प्रत्‍यर्थी संख्‍या-2 की ओर से कोई उपस्थित नहीं हुआ। अपीलार्थी तथा प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1 के विद्वान अधिवक्‍ताओं को सुना गया तथा प्रश्‍नगत निर्णय एवं पत्रावली का अवलोकन किया गया।

7.         अपीलार्थी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि परिवादी द्वारा क्‍लेम के साथ जो डी.एल. प्रस्‍तुत किया गया था, वह दुर्घटना की तिथि को वैध नहीं था तथा उसके द्वारा एक नहीं अपितु तीन डी.एल. बनवाए गए, जबकि मोटर व्‍हीकिल एक्‍ट के अंतर्गत केवल एक डी.एल. बनवाया जा सकता है, जबकि प्रत्‍यर्थी संख्‍या-1/परिवादी के विद्वान अधिवक्‍ता का यह तर्क है कि दुर्घटना की तिथि को वैध ड्राइविंग लाइसेन्‍स मौजूद था, जिसका ड्राइविंग संख्‍या-एफ.एफ. 237/एम. 2000 है तथा लाइसेन्‍स जारी करने वाले प्राधिकारी आर.टी.ओ. मथुरा हैं। अत: पक्षकारों के मध्‍य विवाद के निस्‍तारण के लिए इस प्रश्‍न को सुनिश्चित करना आवश्‍यक है कि उपरोक्‍त वर्णित लाइसेन्‍स दुर्घटना की तिथि को अस्तित्‍व में था, यदि हां तब प्रभाव। सर्वेयर की रिपोर्ट पत्रावली पर मौजूद है, इस रिपोर्ट के साथ दस्‍तावेज संख्‍या-27 पर एक ड्राइविंग लाइसेन्‍स रहीस के नाम है, जिसकी संख्‍या-यू.पी. 85 19960002023 है। इस ड्राइविंग लाइसेन्‍स को जारी करने की तिथि दिनांक 19.7.1996 तथा वैधता तिथि दिनांक 25.8.2020 है। इस लाइसेन्‍स में रहीस की जन्‍म तिथि दिनांक 30.4.1978 दर्शायी गयी है। इसी रिपोर्ट के दस्‍तावेज संख्‍या-28 में डी.एल. संख्‍या- यू.पी.85/1996/0002023 में जन्‍म तिथि दिनांक 1.6.1963 अंकित है। आर.टी.ओ. मथुरा से प्राप्‍त जानकारी के अनुसार प्रथम बार जारी ड्राइविंग लाइसेन्‍स दिनांक 19.7.1996 से दिनांक 5.7.2015 तक वैध था, इसके बाद दिनांक 25.8.2015 को इस लाइसेन्‍स का नवीनीकरण हुआ, जो दिनांक 26.8.2015 से दिनांक 25.09.2015 तक के लिए वैध था। दिनांक 6.7.2015 से दिनांक 25.8.2015 की अवधि में यह ड्राइविंग लाइसेन्‍स वैध नहीं था। दुर्घटना की तिथि को यह ड्राइविंग लाइसेन्‍स वैध था, इसलिए बीमा कंपनी का यह तर्क निरर्थक है कि दुर्घटना की ति‍थि को ड्राइवर के पास वैध ड्राइविंग लाइसेन्‍स नहीं था।

8.         बीमा क्‍लेम नकारने का बीमा कंपनी द्वारा यह आधार लिया गया है कि उनके समक्ष दो डी.एल. प्रस्‍तुत किए गए, जिसमें से एक में जन्‍म तिथि दिनांक 1.6.1963 है, जबकि दूसरे में जन्‍म तिथि दिनांक 30.4.1978 है तथा वैधता की तिथि में भी भिन्‍नता है, परन्‍तु बीमा क्‍लेम में जो लाइसेन्‍स दिया गया था, उसकी वैधता में कोई त्रुटि नहीं है। अत: इस आधार पर बीमा क्‍लेम नकारना अनुचित है।

9.         बीमा कंपनी द्वारा यह भी बहस की गई कि विद्वान जिला आयोग ने अत्‍यधिक बीमा क्‍लेम स्‍वीकार किया गया है, जबकि सर्वेयर द्वारा स्‍टीमेट बिल एवं इनवाइस प्रस्‍तुत किए गए हैं, जिससे यह निष्‍कर्ष निकलता है कि स्‍टीमेट के आधार पर अंतिम बिल बनवाए गए हैं और बिल की अदायगी नगद एवं चेक दोनों से की गई है, इसलिए अंकन 4,91,849/-रू0 की क्षतिपूर्ति का आदेश दिया गया है, परन्‍तु विद्वान जिला आयोग ने अपने निर्णय में स्‍टीमेट की राशि और बिल की राशि का कोई उल्‍लेख नहीं किया है। नगद राशि जमा करने के संसाधनों का भी कोई उल्‍लेख नहीं किया है, इसलिए क्षतिपूर्ति के बिन्‍दु पर दिया गया निष्‍कर्ष यथार्थ में व्‍याख्‍या रहित है। अत: इस स्थिति में सर्वेयर द्वारा क्षतिपूर्ति का जो आंकलन किया गया है, उसी आंकलन को स्‍वीकार करना उचित है। तदनुसार प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार होने योग्‍य है।

आदेश

10.        प्रस्‍तुत अपील आंशिक रूप से स्‍वीकार की जाती है। विद्वान जिला आयोग द्वारा पारित निर्णय/आदेश दिनांक 16.01.2018 इस प्रकार परिवर्तित किया जाता है कि परिवादी को क्षतिपूर्ति की राशि अंकन 4,91,849/-रू0 (चार लाख इक्‍यानवे हजार आठ सौ उनचास रूपये मात्र) के स्‍थान पर अंकन 1,08,755/-रू0 (एक लाख आठ हजार सात सौ पचपन रूपये मात्र) देय होगी तथा इस राशि पर परिवाद प्रस्‍तुत करने की तिथि से वास्‍तविक भुगतान की ति‍थि तक 06 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से ब्‍याज भी देय होगा। शेष निर्णय/आदेश यथावत रहेगा।

           पक्षकार अपील का व्‍यय भार स्‍वंय अपना-अपना वहन करेंगे।

           प्रस्‍तुत अपील में अपीलार्थी द्वारा यदि कोई धनराशि जमा की गई हो तो उक्‍त जमा धनराशि अर्जित ब्‍याज सहित सम्‍बन्धित जिला उपभोक्‍ता आयोग को यथाशीघ्र विधि के अनुसार निस्‍तारण हेतु प्रेषित की जाए।

           आशुलिपिक से अपेक्षा की जाती है कि वह इस निर्णय/आदेश को आयोग की वेबसाइट पर नियमानुसार यथाशीघ्र अपलोड कर दे।

 

 

 

   (सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

     सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

           निर्णय एवं आदेश आज खुले न्‍यायालय में हस्‍ताक्षरित, दिनांकित होकर उद्घोषित किया गया।

 

 

(सुशील कुमार)                           (राजेन्‍द्र सिंह)

  सदस्‍य                                  सदस्‍य

 

 

 लक्ष्‍मन, आशु0,

    कोर्ट-2

 

 
 
[HON'BLE MR. Rajendra Singh]
PRESIDING MEMBER
 
 
[HON'BLE MR. SUSHIL KUMAR]
JUDICIAL MEMBER
 

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